धनबाद / जामताड़ा : झारखंड के नए स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने अपने पद का कार्यभार संभालने से पहले ही राज्य के स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार के लिए अपनी प्राथमिकताएं स्पष्ट कर दी हैं। उन्होंने सबसे पहले निजी अस्पतालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की घोषणा की है। उनका कहना है कि यदि किसी मरीज की मौत निजी अस्पताल में इलाज के दौरान होती है, तो अस्पताल को शव के साथ बिल वसूलने का अधिकार नहीं होगा, और परिजनों को बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के शव सौंपा जाएगा।
निजी अस्पतालों की मनमानी पर सख्त कदम
धनबाद में एक कार्यक्रम के दौरान मीडिया से बात करते हुए डॉ. अंसारी ने राज्य के स्वास्थ्य क्षेत्र की स्थिति को चिंताजनक बताया। उन्होंने कहा, “झारखंड के अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह से बिगड़ चुकी हैं, और इसे व्यापार के रूप में देखा जाना गलत है।” मंत्री ने निजी अस्पतालों द्वारा इलाज के दौरान मापदंडों की अनदेखी और आयुष्मान भारत योजना के तहत धोखाधड़ी की घटनाओं पर भी चिंता जताई। उनका कहना था कि कुछ निजी अस्पतालों ने छोटे-छोटे कमरे किराए पर लेकर आयुष्मान योजना का फायदा उठाया और गरीबों से पैसा लूटने का काम किया है, ऐसे अस्पतालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
स्वास्थ्य मंत्री का पहला आदेश: शव बिना बिल के परिजनों को सौंपा जाएगा
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने यह भी कहा कि सोमवार को पदभार संभालने के बाद उनका पहला कदम यह होगा कि किसी भी निजी अस्पताल में अगर मरीज की मौत होती है, तो अस्पताल परिजनों से कोई भी बिल वसूलने के बजाय शव बिना किसी शुल्क के सौंपेगा। इसके लिए वे डीसी और एसपी को निर्देशित करेंगे। उनका मानना है कि अस्पताल का कर्तव्य है कि वह मरीज का इलाज करें, और किसी भी स्थिति में कोई भेदभाव नहीं किया जाएगा।
सरकारी अस्पतालों में सुधार की योजना
स्वास्थ्य मंत्री ने राज्य के सरकारी अस्पतालों के सुधार को लेकर भी अपनी योजनाओं का खुलासा किया। उनका लक्ष्य है कि राज्य के सरकारी अस्पतालों को दिल्ली के अस्पतालों के समान उच्च गुणवत्ता वाली सेवाएं प्रदान की जाएं। डॉ. अंसारी ने यह भी कहा कि वे सरकारी अस्पतालों में बुनियादी सुविधाओं को सुधारने के साथ-साथ मरीजों को हर प्रकार की सुविधा देने का प्रयास करेंगे, ताकि उन्हें निजी अस्पतालों का रुख न करना पड़े।
फर्जी डॉक्टरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई
जामताड़ा में अपने कार्यकर्ताओं से मिलने के दौरान डॉ. अंसारी ने एक और अहम घोषणा की। उन्होंने कहा कि राज्य में कई फर्जी डॉक्टर काम कर रहे हैं, जो बिना सही डिग्री के स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। इन डॉक्टरों के खिलाफ कड़ी जांच की जाएगी और दोषी पाए जाने पर उन्हें सजा दिलाई जाएगी। इसके साथ ही उन्होंने राज्य के स्थानीय बेरोजगार युवाओं के लिए स्वास्थ्य विभाग में रोजगार के अवसर प्रदान करने का वादा किया।
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