पॉलिटिकल डेस्क, नई दिल्ली : दिग्गज नेता स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) ने गुरुवार को अपनी नई पार्टी का ऐलान कर दिया है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में मौर्य ने अपनी नई पार्टी की घोषणा की।पार्टी का नाम राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी (RSSP) रखा है। समाजवादी पार्टी (सपा) की प्राथमिक सदस्यता और विधान परिषद से त्यागपत्र देने के बाद मंगलवार को ही स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि वह नई पार्टी गठित करेंगे, जिसका आज उन्होंने ऐलान कर दिया।
दलितों और पिछड़ों के लिए आवाज उठाने का प्रण लिया
स्वामी प्रसाद मौर्य ने दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में अपनी नई पार्टी RSSP का ऐलान किया। इस दौरान बड़ी संख्या में मौर्य के समर्थकों ने एक साथ दलितों और पिछड़ों के लिए आवाज उठाने का भी प्रण लिया। लंबे समय तक बसपा, फिर भाजपा और दो साल तक सपा के साथ रहने के बाद 70 साल के इस दिग्गज नेता ने अपनी नई पार्टी बना ली।
महासचिव का पद छोड़ा था
इससे पहले 13 फरवरी को स्वामी प्रसाद मौर्य ने सपा महासचिव पद छोड़ दिया था और हाईकमान पर भेदभाव का आरोप लगाया था। स्वामी 20 साल बसपा में बड़े पदों पर रहे और मायावती सरकार में कैबिनेट मंत्री की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। उसके बाद 2017 के चुनाव से पहले स्वामी ने पाला बदल लिया था और बीजेपी में शामिल हो गए थे। योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में सरकार बनी, तो स्वामी को कैबिनेट मंत्री बनाया गया। हालांकि, 5 साल बाद ही उनका बीजेपी से मोहभंग हो गया और 2022 के चुनाव से पहले सपा में शामिल हो गए थे।
सपा ने स्वामी प्रसाद को विधानसभा चुनाव में कुशीनगर जिले की फाजिलनगर सीट से टिकट दिया था। हालांकि, वे 26 हजार वोटों से बीजेपी उम्मीदवार से चुनाव हार गए थे। बाद में सपा ने स्वामी को एमएलसी बनाया और पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव की जिम्मेदारी दी थी। दो साल बाद स्वामी ने सपा का साथ भी छोड़ दिया और नई पार्टी बना ली। स्वामी की बेटी संघमित्रा मौर्य बंदायू से बीजेपी सांसद हैं।
अखिलेश में कुछ देने की हैसियत नहीं- Swami Prasad Maurya
सपा छोड़ने को लेकर अखिलेश यादव ने कहा कि किसी के मन में क्या है? ये कैसे पता चल सकता है। लाभ लेकर सभी चले जाते हैं। अखिलेश के इस बयान पर पलटवार करते हुए स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि उनकी सरकार न तो केंद्र में है और न ही प्रदेश में है, कुछ देने की हैसियत में नहीं है। उन्होंने जो भी दिया है, वह मैं उन्हें सम्मान के साथ वापस कर दूंगा। क्योंकि, मेरे लिए पद मायने नहीं रखता, मेरे लिए विचार मायने रखता है।
अखिलेश यादव की कही हुई बात उन्हें मुबारक। उन्होंने कहा कि लोगों के स्वाभिमान की लड़ाई मैं आगे लड़ता रहू्ंगा। समाज के लोगों को सही न्याय मिले, इसके लिए मैं अपनी लड़ाई को आगे जारी रखूंगा।
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