गिरिडीह, बिरनी प्रखंड: अप्रैल की प्रचंड गर्मी और पारा 42 डिग्री सेल्सियस तक पहुँचने के बीच गिरिडीह जिले के बिरनी प्रखंड से एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है। उत्क्रमित मध्य विद्यालय, खरखरी में गुरुवार को बच्चों के बीच स्वेटर का वितरण किया गया, जिससे ग्रामीणों में भारी आक्रोश व्याप्त हो गया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, विद्यालय प्रबंधन और ग्राम शिक्षा समिति द्वारा यह स्वेटर वितरण कार्यक्रम आयोजित किया गया था। बताया गया है कि ये स्वेटर पिछले वर्ष छात्रों को दिए जाने थे, लेकिन किसी कारणवश तब वितरित नहीं हो सके थे। अब जब मौसम पूरी तरह से गर्मी की चरम सीमा पर है, तब जाकर इन स्वेटरों को छात्रों के बीच बांटा गया।
गौर करने वाली बात यह है कि राज्य भर में तेज गर्मी को देखते हुए स्कूलों के समय में परिवर्तन किया जा रहा है, वहीं इस प्रकार की गतिविधियाँ न सिर्फ हास्यास्पद प्रतीत होती हैं, बल्कि प्रशासनिक उदासीनता और कुप्रबंधन को भी उजागर करती हैं।
इस घटनाक्रम को लेकर ग्रामीणों में रोष है। उनका कहना है कि जब बच्चे गर्मी से बेहाल हैं, ऐसे में ऊनी कपड़े देना किसी मज़ाक से कम नहीं। कई अभिभावकों ने सवाल उठाए हैं कि क्या शिक्षा विभाग को मौसम की जानकारी नहीं है, या फिर यह बच्चों की भलाई के प्रति लापरवाही का संकेत है?
विद्यालय के एक शिक्षक ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि यह स्वेटर वितरण ग्राम शिक्षा समिति के निर्देश पर हुआ और इन स्वेटरों को अधिक समय तक रखे रहने से उनकी गुणवत्ता खराब हो सकती थी, इसलिए वितरित कर दिए गए। हालांकि इस तर्क को ग्रामीणों ने सिरे से खारिज कर दिया है।
अब देखना यह है कि शिक्षा विभाग इस मामले में क्या कदम उठाता है और क्या भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कोई ठोस नीति बनाई जाती है या नहीं।