सेंट्रल डेस्क। नई दिल्ली विधानसभा की पहली सत्र सोमवार से शुरू होने वाली है। यह सत्र 24, 25 और 27 फरवरी को आयोजित किया जाएगा, जिसमें पिछले आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार की प्रदर्शन पर आधारित 14 लंबित नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) रिपोर्ट्स को प्रस्तुत किया जाएगा।
रिपोर्ट के अनुसार, नव निर्वाचित विधायक 24-25 फरवरी को शपथ लेंगे। 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के अवकाश के बाद, भारतीय जनता पार्टी (BJP) सरकार CAG रिपोर्ट्स को सदन में पेश करेगी। AAP सरकार के शासनकाल में, BJP ने अदालत से यह निर्देश देने का आग्रह किया था कि सरकार को CAG रिपोर्ट्स पेश करने का आदेश दिया जाए। BJP ने आरोप लगाया था कि AAP रिपोर्ट्स को रोक रही है ताकि अपने “भ्रष्टाचार” को छिपा सके।
यह घटनाक्रम दिल्ली की नई मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता द्वारा गुरुवार को यह घोषणा करने के बाद सामने आया, जिसमें उन्होंने कहा कि 14 लंबित CAG रिपोर्ट्स, जो पिछली AAP सरकार द्वारा रोकी गई थीं, पहले सत्र में नई बीजेपी प्रशासित सरकार द्वारा पेश की जाएंगी।
आयुष्मान भारत योजना को ₹5 लाख के टॉप-अप के साथ लागू
दिल्ली की मुख्यमंत्री ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह भी घोषणा की कि उनकी सरकार आयुष्मान भारत योजना को ₹5 लाख के टॉप-अप के साथ लागू करेगी। आगे उन्होंने बताया कि “पहली कैबिनेट बैठक में हमनें दो एजेंडों पर चर्चा की और उन्हें मंजूरी दी- दिल्ली में आयुष्मान भारत योजना को ₹5 लाख के टॉप-अप के साथ लागू करना और पहले सत्र में 14 CAG रिपोर्ट्स को पेश करना। हम जनता से किए गए सभी वादों को पूरा करेंगे।”
बीजेपी सरकार अपना ‘स्वतंत्र’ एजेंडा बनाएगी- दिल्ली सीएम
AAP नेता और पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी की एक टिप्पणी का जवाब देते हुए कहा कि दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि बीजेपी सरकार अपना ‘स्वतंत्र’ एजेंडा बनाएगी। दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा था कि BJP ने महिलाओं के लिए ₹2,500 मासिक योजना को अपनी पहली कैबिनेट बैठक में मंजूरी देने का वादा किया था।
हमारी सरकार है, एजेंडा हमारा होगा
इसी के जवाब में नव निर्वाचित सीएम ने कहा कि यह हमारी सरकार है, एजेंडा हमारा होगा। हमें काम करने दीजिए। हमें सब कुछ नहीं बताना चाहिए, उन्होंने अपनी सरकार में जो करना था, वह किया।
CAG रिपोर्ट में दिल्ली मुख्यमंत्री के निवास, 6 फ्लैग स्टाफ रोड पर नवीनीकरण कार्य की योजना, निविदा और क्रियान्वयन में महत्वपूर्ण अनियमितताएं उजागर की गई हैं। इस परियोजना की लागत 2020 में ₹7.61 करोड़ स्वीकृत की गई थी, जो अप्रैल 2022 तक ₹33.66 करोड़ तक बढ़ गई- जो कि प्रारंभिक अनुमान से 342% अधिक है।