Home » Oil Sector Amendment Bill : राज्यसभा में पारित हुआ तेल क्षेत्र संशोधन विधेयक, PM मोदी बोले- ऊर्जा सुरक्षा को देगा बढ़ावा

Oil Sector Amendment Bill : राज्यसभा में पारित हुआ तेल क्षेत्र संशोधन विधेयक, PM मोदी बोले- ऊर्जा सुरक्षा को देगा बढ़ावा

इस विधेयक को पेश करने का विशेष मकसद भी यही है कि वे यहां आकर अपना व्यापार कर सकें और सभी को लाभ प्राप्त हो सके।

by Anurag Ranjan
राज्यसभा में तेल क्षेत्र संशोधन विधेयक पारित हो गया।
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Follow Now

नई दिल्ली : राज्यसभा में मंगलवार को तेल क्षेत्र (विनियमन और विकास) संशोधन विधेयक, 2024 पारित हो गया। इससे तेल और गैस क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा मिलेगा और पेट्रोलियम संचालन अब खनन कार्य से अलग हो जाएगा। पीएम मोदी ने इसे एक महत्वपूर्ण कानून बताते हुए एक्स पर लिखा कि यह ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ावा देगा और समृद्ध भारत में अहम योगदान देगा। गौरतलब है कि इस विधेयक को अगस्त में राज्यसभा के सामने रखा गया था।

तेल क्षेत्र संशोधन विधेयक: 20 सालों तक तेल और गैस क्षेत्र की जरूरत

विधेयक पर बहस के दौरान केंद्रीय तेल मंत्री हरदीप पूरी ने कहा कि तेल और गैस क्षेत्र में अधिक निवेश और लंबी अवधि शामिल है। आने वाले 20 सालों तक हमें तेल और गैस क्षेत्र की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हमें न केवल अपने ऑपरेटरों बल्कि विदेशी निवेशकों को भी भरोसा प्रदान करने की जरूरत है। इस विधेयक को पेश करने का विशेष मकसद भी यही है कि वे यहां आकर अपना व्यापार कर सकें और सभी को लाभ प्राप्त हो सके।


तेल मंत्री ने कहा कि विधेयक में नीति स्थिरता, विवाद समाधान और बुनियादी ढांचे को साझा करने समेत कई नए प्रावधान किए गए हैं। विधेयक में कुछ प्रावधानों को अपराधमुक्त भी किया गया है। इसमें दंड, न्यायाधिकरण के निर्णय और न्यायाधिकरण के आदेश के विरुद्ध अपील शामिल हैं।

खनिज तेलों की परिभाषा में बदलाव

विधेयक में खनिज तेलों की परिभाषा में भी बदलाव किया गया है। पेट्रोलियम लीज शुरू करने का प्रस्ताव भी इसमें शामिल है। कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, पेट्रोलियम, कंडेनसेट, कोल बेड मीथेन, ऑयल शेल, शेल गैस, शेल ऑयल, टाइट गैस, टाइट ऑयल और गैस हाइड्रेट को शामिल किया गया है। इसका उद्देश्य घरेलू उत्पादन बढ़ाना और आयात पर निर्भरता कम करना है।

स्थायी समिति के पास भेजने की विपक्ष ने की मांग

विधेयक पर चर्चा के दौरान विपक्षी सांसदों ने राज्यसभा में इसे जांच के लिए स्थायी समिति के पास भेजने की मांग रखी। डीएमके सांसद एनआर एलांगो ने कहा कि खनन शब्द को केवल राज्यों के अधिकारों को छीनने के लिए बदला जा रहा है। इस पर केंद्रीय मंत्री पुरी ने कहा कि न ही यह संशोधन कॉरपोरेट क्षेत्र को सौंपने और न ही राज्यों की शक्ति छीनने के लिए है। पेट्रोलियम खनन पट्टे अभी भी राज्य सरकारों के ही अधिकार क्षेत्र में होंगे। यह विधेयक राज्यों के लिए पूरी तरह से फायदेमंद है।

केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी - फोटो : ANI
केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी – फोटो : ANI

जैसे-जैसे भारत 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनने की राह पर आर्थिक रूप से आगे बढ़ रहा है, इसकी ऊर्जा आवश्यकताएं बढ़ रही हैं और बढ़ती मांग को पूरा करने, अपनी ऊर्जा आपूर्ति को सुरक्षित करने के लिए तेल और गैस के घरेलू उत्पादन को बढ़ाने की नितांत आवश्यकता है।

हर साल 30 मिलियन एमटी कच्चे तेल का उत्पादन

केंद्रीय मंत्री हरदीप पूरी ने कहा कि भारत में हर साल लगभग 30 मिलियन मीट्रिक टन (एमएमटी) कच्चे तेल और 36.5 बिलियन क्यूबिक मीटर प्राकृतिक गैस का उत्पादन होता है। साथ ही 235 एमएमटी पेट्रोलियम उत्पाद और 68 बिलियन क्यूबिक मीटर प्राकृतिक गैस का उपभोग किया जाता है। उत्पादन और उपभोग में एक बड़ा अंतर देखने को मिलता है।

उन्होंने कहा कि भारत में 2006 से 2016 के बीच तेल और गैस क्षेत्र में खोज को लेकर कुछ भी नहीं किया गया। घरेलू उत्पादन पर इसका प्रतिकूल असर पड़ा है। विधेयक के सभी प्रावधानों का मकसद व्यापार को आसान बनाने और तेल-गैस के उत्पादन को बेहतर करना है।

Read Also- बिहार कैबिनेट मीटिंग में 33 एजेंडो को मिली हरी झंडी, जमीन सर्वे की समय सीमा में वृद्धि

Related Articles