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गुजरात के सूरत में खुला दुनिया का सबसे बड़ा ऑफिस, जानिए यह क्यों है इतना खास

by Rakesh Pandey
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सेंट्रल डेस्क/ नई दिल्ली : अभी तक दुनिया में सबसे बड़ी ऑफिस बिल्डिंग का खिताब अमेरिका के रक्षा विभाग के मुख्यालय भवन पेंटागन के नाम रहा है। इस बिल्डिंग में सबसे ज्यादा कर्मचारी काम करते थे। लेकिन अब सूरत में तैयार हुआ सबसे बड़े डायमंड एक्सचेंज ने अमेरिका के पेंटागन को पीछे छोड़ दिया है। ये दुनिया की सबसे बड़ी बिल्डिंग बन गयी है। यह किसी अजुबा से कम नहीं है। इसे देखने के लिए अभी से ही यहां लोग पहुंचने लगें हैं। आज इससे जुड़ी अहम जानकारियों से द फोटोन न्यूज करायेगा रूबरू ।

क्या है सूरत डायमंड बोर्स?

इस शानदार बिल्डिंग का नाम सूरत डायमंड बोर्स रखा गया है। दुनिया के जेम कैपिटल के रूप में प्रसिद्ध सूरत की इस इमारत को ‘वन स्‍टॉप डेस्टिनेशन’ के रूप में बनाया गया है। इस बिल्डिंग को कुल 15 मंजिला बनाया गया है जो 35 एकड़ में फैला हुआ है. यह ब्लिडिंग हाइटेक सुविधाओं से लैश है। इसमें प्रवेश करते ही आपको लगेगा आप किसा फॉरेन कंट्री में आ गये हैं।

कौन करेगा उद्घाटन और कब होगा ?

इस इमारत का आधिकारिक उद्घाटन इस साल नवंबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया जा सकता है। सूरत को दुनिया की रत्न राजधानी के रूप में जाना जाता है, जहां दुनिया के 90 प्रतिशत हीरे तराशे जाते हैं। हालांकि इस इमारत में 65,000 से अधिक हीरा प्रोफेशनल्‍स काम कर सकेंगे। इसमें पॉलिशर्स, कटर्स और व्‍यापारी आदि शामिल होंगे। इसे वन स्‍टॉप डेस्टिनेशन के रूप में बनाया गया है।

कितने दिन लगे बनाने में ?

इस इमारत को बनने में 4 साल लगे। हालांकि कोविड के कारण निर्माण कार्य में बाधा भी पहुंची। सूरत डायमंड बोर्स नवंबर में लोगों का स्वागत करने के लिए तैयार होगा। आधिकारिक उद्घाटन इस वर्ष के अंत में होगा।

ये हैं इमारत की खास बातें

सूरत डायमंड बोर्स में 4,700 से अधिक वर्क स्पेस हैं, जो छोटे हीरे-काटने और पॉलिश करने की कार्यशालाओं के रूप में भी काम कर सकते हैं। इसमें 131 लिफ्ट के साथ-साथ कर्मचारियों के लिए खाना, जिम और कॉन्फ्रेंस हॉल की सुविधाएं भी शामिल हैं। यानि कि ऑफिस आने के बाद आपको घर की याद नहीं आयेगी। यहां कर्मियों की हर जरूर को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है। जहां काम के साथ आराम और खेल का भी लुत्फ कर्मी उठा सकते हैं। इसकी कैंटिन लाजबाब है। यहां गुजराती फूड के साथ वेस्टर्न फूड का आनंद भी ले सकते हैं।

मोदी ने क्या कहा- इस इमारत के बारे में

इस विशाल इमारत की तारीफ करते हुए पीएम मोदी ने कहा, सूरत डायमंड बोर्स सूरत के हीरा उद्योग की गतिशीलता और विकास को प्रदर्शित करता है। यह भारत की उद्यमशीलता की भावना का भी प्रमाण है। यह व्यापार और सहयोग के केंद्र के रूप में काम करेगा, जिससे इसे और बढ़ावा मिलेगा। ये हमारी अर्थव्यवस्था और रोजगार के अवसर पैदा करेगा। इस इमारत को बनाने में 32 अरब रुपये का खर्च आया है।

सीईओ महेश गढ़वी ने कहा-देश का ड्रिम प्रोजेक्ट

प्रोजेक्ट के सीईओ, महेश गढ़वी ने सूरत डायमंड बोर्स के फायदों के बारे में बताया. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह कैसे हजारों लोगों को व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए ट्रेन से मुंबई की रोज की यात्रा से बचायेगा. उन्होंने इसे हीरा व्यापार गतिविधियों के संचालन के लिए एक बेहतर विकल्प बताया. यह ड्रिम प्रोजेक्ट गुजरात के लोगों के सपनों को पूरा करेगा। सूरत डायमंड बोर्स का निर्माण भारतीय वास्तुकला फर्म मॉर्फोजेनेसिस द्वारा किया गया है। जिसने एक अंतरराष्ट्रीय डिजाइन प्रतियोगिता जीती थी.। परियोजना का आकार मांग के आधार पर निर्धारित किया गया था। निर्माण शुरू होने से पहले सभी कार्यालय हीरा कंपनियों द्वारा खरीदे गये थे।

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