एंटरटेनमेंट डेस्क : ‘ज्वार भाटा’ से लेकर ‘किला’ तक दिलीप कुमार ने अपनी जिंदगी सिनेमा के नाम कर दी। हिंदी सिनेमा में दिलीप कुमार एक ऐसा नाम है, जिसने अपनी अद्वितीय अभिनय के साथ सिनेमा का एक अलग मक्सद पाया है। उन्होंने अपनी लंबी करियर में कई ऐसी फिल्में की हैं, जिन्होंने उन्हें एक अद्वितीय स्थान पर पहुँचाया है और उन्हें बॉलीवुड के सबसे महत्वपूर्ण अभिनेताओं में शामिल किया है।
पेशावर पाकिस्तान में हुआ था जन्म
दिलीप कुमार का जन्म 11 दिसंबर 1992 को पेशावर, पाकिस्तान में हुआ था। घर वालों ने बड़े प्यार से उनका नाम युसूफ खान रखा था, अपने सपनों को पूरा करने के लिए सपनों की नगरी में आए युसूफ खान ने अपना नाम बदलकर दिलीप कुमार रखा। उम्र का तकाजा कहें या ऊपर वाले की मर्जी, लगातार तबियत नासाज रहने के कारण उनका निधन 7 जुलाई 2021 में हुआ। दिलीप कुमार एक ही था, ना कोई दूसरा हुआ, न कभी होगा।
दिलीप कुमार लव लाइफ
लम्बे समय की इंतज़ार के बाद दिलीप कुमार ने 1966 में सायरा बानो से शादी की थी। जिस समय दिलीप कुमार और सायरा बानो की शादी हुई थी उस समय सायरा बानो 22 और दिलीप साहब 44 साल के थे। सब दिलीप कुमार की शादी की खबर सुनने को बेताब थे मगर अपनी पारिवारिक जिम्मेदारियों में उलझे दिलीप साहब 44 साल के होने पर घोड़ी चढ़ पाए।
पहली फिल्म ‘ज्वार भाटा’ से मिली थी पहचान
उनके अभिनय कला की पहचान तो सबने उनकी पहली फिल्म ‘ज्वार भाटा’ से कर ली थी, लेकिन अगर देखा जाए तो उनकी पहली हिट फिल्म ‘जुगनू’ मानी जाती है। दिलीप कुमार ने हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में अपने अभिनय का लोहा बनवाया है बल्कि फिल्म ‘गंगा जमुना’ से उन्होंने अपने प्रोड्यूसर के करियर की शुरुआत की। दिलीप कुमार की योगदान के बारे में जितना बोले उतना ही कम है वह एक एंटरटेनर और दिलों पर छाप छोड़ जाने वाले बेहतरीन एक्टर थे।
आखरी फिल्म में निभाया डबल रोल
दिलीप कुमार की आखरी फिल्म किला थी जिसमें उन्होंने दो किरदार निभाएं थे। एक नायक तथा एक खलनायक के तौर पर नज़र आये थे। 25 साल पहले 10 अप्रैल 1998 को रिलीज हुई थी किला। इस फिल्म में दिलीप कुमार ने जुड़वां भाइयों की दोहरी भूमिकाएं निभायी थीं, जिनमें से एक जज अमरनाथ सिंह और दूसरा जालिम जमींदार जगन्नाथ सिंह का था।
यहां हम आपको दिलीप कुमार की वो पांच फिल्में बताने जा रहे हैं, जो हर हिंदी सिनेमा लवर्स को देखनी चाहिए:
1) मुग़ल-ए-आज़म (1960) – यह फिल्म दिलीप कुमार की करियर की सबसे महत्वपूर्ण फिल्मों में से एक है, जिसमें उन्होंने मुग़ल सम्राट अकबर का किरदार निभाया था। उनके अभिनय से लेकर के सेट डिजाइन, कॉस्ट्यूम और पटकथा की खूब तारीफ हुई।
2) गंगा जमुना (1961) – इस फिल्म में दिलीप कुमार ने गंगाधर का किरदार निभाया था, और उनका दोहरी भूमिका बॉलीवुड में यादगार बन गई थी।
3) शोले (1975) – ‘शोले’ एक ऐसी फिल्म है जिसे आज भी बॉलीवुड के इतिहास में सबसे महत्वपूर्ण फिल्मों में गिना जाता है। दिलीप कुमार ने इसमें वीरू का किरदार निभाया था, जिसका उन्होंने अद्वितीय अभिनय किया था।
4) मैन्यूअल स्कूल (1959) – यह फिल्म एक सामाजिक संदेश के साथ आई थी, और इसमें दिलीप कुमार ने सराहनीय काम था। उनकी इस फिल्म की सराहना आज के दौर में भी होती रही है।
5) देवदास (1955) – ‘देवदास’ में दिलीप कुमार ने परफेक्ट रोल किया था और इस फिल्म के लिए उन्होंने नेशनल अवार्ड भी जीता था। इस फिल्म की शानदार कहानी और उनका अद्वितीय अभिनय आज भी यादगार है। ‘देवदास’ एक ऐसी फिल्म है जिसका नाम भारतीय सिनेमा के गोलदस्तें में छवि के रूप में चमकता है। इस फिल्म का सफल होना दिलीप कुमार के लिए एक महत्वपूर्ण पल था, जिसमें उन्होंने अपनी अद्वितीय अभिनय कौशल का परिचय दिया। इस फिल्म के सुपरहिट होने के बाद उन्हें ‘ट्रेजेडी किंग’ के नाम से पहचाने जाने लगा।