जामताड़ा : रविवार शाम को वज्रपात की चपेट में आकर नारायणपुर थाना क्षेत्र के चंदाडीह लखनपुर गांव में एक ही परिवार के चार लोगों की मौत हो गई। मरने वालों में एक महिला और तीन बच्चे शामिल हैं। थाना क्षेत्र के चंदाडीह लखनपुर गांव में बंजाराें का कुछ परिवार टेंट बनाकर पिछले कुछ दिनों से रह रहा था। रविवार की शाम छह बजे के कीरब बारिश के दौरान तेज आवाज के साथ एकाएक टेंट पर वज्रपात हो गया। वज्रपात से टेंट पूरी तरह से जलकर राख हो गया और टेंट में सो रहे सात में से चार लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। मृतकों की पहचान पश्चिम बंगाल के कोटशिला के धुनू चौधरी की पत्नी 25 वर्षीय नेहा चौधरी, पुत्र 11 वर्षीय अंकित चौधरी, पांच वर्षीय गगन चौधरी और पुत्री एक वर्षीय ईच्छा कुमारी के रूप में हुई है।
हादसे में धनु चौधरी बाल-बाल बच गए। घटना के समय टेंट में कुल सात लोग थे। घटना के बाद स्थानीय लोगों की मदद से 108 एंबुलेंस को फोन कर घटना की जानकारी दी गई। 108 एंबुलेंस से सभी को नारायणपुर सीएससी लाया गया। यहां आयुष चिकित्सक डाक्टर दिलीप बराई के द्वारा जांच की गई और मौत की पुष्टि के लिए सभी को जामताड़ता अस्पताल भेज दिया गया। जहां देर रात चारों को डाक्टरों ने जांच के बाद मृत करार दिया।
इधर, घटना के बाद डाक्टर दिलीप बराई खुद इस दुविधा में थे कि वज्रपात की चपेट में आए इन लोगों की मौत हुई है या नहीं। यहां डाक्टरों की हालत यह थी कि वह इलाज करना तो दूर मौत तक की पुष्टि कर पाने असमर्थ दिखे। उन्होंने कहा कि जामताड़ा में ही इस बात की पुष्टि हो पाएगी।
मामले की सूचना मिलने के बाद थाना प्रभारी दिलीप कुमार भी मौके पर पहुंचे और घटना की जानकारी ली। इस दौरान कागजी प्रक्रिया पूरी करने में ही 17 मिनट तक मृतकों के शव को सीएचसी प्रांगण में ही खड़ा रखा गया। अपना पूरा परिवार उजड़ जाने से गमजदा धुनू चौधरी का रो-रोकर बुरा हाल था।
भड़के विधायक, बोले यहां के डाक्टर धनबाद में रहकर नौकरी करते हैं, यह बर्दाश्त से बाहर :
घटना की सूचना मिलते ही जामताड़ा विधायक डा इरफान अंसारी भी मौके पर पहुंचे और पीड़ित परिवार से मिले। स्थानीय विधायक डाक्टर इरफान अंसारी ने कहा कि नारायणपुर सीएचसी का संचालन भगवान भरोसे हो रहा है। यहां के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डा श्रीकृष्ण गुप्ता धनबाद में रहते हैं।
यहां की व्यवस्था चौपट है। यहां के डाक्टर धनबाद रहकर यहां की नौकरी करते हैं। यह बर्दाश्त से बाहर है। कहा कैसी व्यवस्था है कि मौत होने के बाद भी डाक्टर मौत की पुष्टि नहीं कर पा रहे हैं। एक तो परिवार वाले घटना से दुखी हैं। मौत की पुष्टि के लिए उन्हें परेशान करने के लिए सदर अस्पताल जामताड़ा भेजा जाता है।
उन्होंने कहा कि अस्पताल को सरकार के द्वारा सारे संसाधन उपलब्ध कराए जाते हैं, बावजूद इसके नारायणपुर सीएससी में अंधेरा कायम रहता है। यह जांच का विषय है। उन्होंने कहा कि उक्त मामले को लेकर वे राज्य के मुख्यमंत्री से मिलेंगे तथा दोषियों पर कार्रवाई की मांग करेंगे।
उन्होंने कहा कि ऐसी व्यवस्था से ही मानवता शर्मसार होती, यह बर्दाश्त करने के लायक घटना नहीं है। उन्होंने कहा कि मृतक के स्वजनों को हर संभव सरकारी लाभ दिलाया जाएगा। फौरी तौर मृतक के स्वजनों को जो भी संभव होगा वह अपनी ओर से मदद करेंगे।