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Heart Disease Warning : हृदय रोग अब युवाओं की समस्या, 30 की उम्र से जांच जरूरी, अत्याधुनिक इलाज Jamshedpur में उपलब्ध

दिल की बीमारियां अब वृद्धावस्था तक सीमित नहीं : डॉ. तपन कुमार

by Vivek Sharma
DR TAPAN KUMAR
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Jamshedpur (Jharkhand) : जमशेदपुर स्थित टाटा मेन हॉस्पिटल (TMH) के वरिष्ठ इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट एवं सीनियर कंसल्टेंट, डॉ. तपन कुमार ने रविवार को हृदय रोगों के बढ़ते प्रकोप पर गंभीर चिंता व्यक्त की। उन्होंने स्पष्ट किया कि हृदय रोग अब केवल वृद्धावस्था की समस्या नहीं रह गई है। 30 से 40 वर्ष की उम्र के युवा भी अब अचानक हृदयाघात, हृदय विफलता और अतालता (Irregular Heartbeat) जैसी गंभीर स्थितियों से जूझ रहे हैं।

डॉ. कुमार ने इस बात पर प्रकाश डाला कि दक्षिण एशियाई आबादी में अन्य क्षेत्रों की तुलना में दिल की बीमारियाँ लगभग दस साल पहले विकसित हो जाती हैं। इसके मुख्य कारणों में उच्च रक्तचाप, मधुमेह, अस्वास्थ्यकर आहार, शारीरिक निष्क्रियता, अत्यधिक तनाव और आनुवंशिक प्रवृत्तियां शामिल हैं। उन्होंने यह भी बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में शुरुआती जांच और इंटरवेंशनल सुविधाओं की कमी इस समस्या को और भी अधिक बढ़ा रही है।

30 वर्ष की आयु से शुरू करें हृदय स्वास्थ्य की जांच

डॉ. तपन कुमार ने उच्च जोखिम समूह के लोगों को सलाह दी है कि उन्हें 30 वर्ष की आयु से पहले ही हृदय स्वास्थ्य की नियमित जांच शुरू कर देनी चाहिए। उन्होंने स्वस्थ जीवनशैली अपनाने पर जोर देते हुए कुछ अनिवार्य सुझाव दिए। उन्होंने बताया कि नियमित शारीरिक गतिविधि और पौष्टिक व संतुलित आहार (फल, सब्जियां और साबुत अनाज) का सेवन करें। धूम्रपान और अत्यधिक शराब के सेवन से सख्त परहेज करें। मानसिक तनाव पर नियंत्रण रखें और पर्याप्त नींद लें।

अत्यथिक पसीना आए, तो नजरअंदाज न करें

उन्होंने छाती में दर्द, सांस लेने में कठिनाई, धड़कन का अनियमित होना और अचानक अत्यधिक पसीना आने जैसे लक्षणों को नजरअंदाज न करने की सलाह दी। साथ ही से संकेत मिलते ही तुरंत चिकित्सीय सलाह लेने को कहा।

जमशेदपुर में ही उपलब्ध हैं विश्वस्तरीय उपचार तकनीकें

डॉ. कुमार ने बताया कि आधुनिक डिजिटल स्वास्थ्य तकनीकें, जैसे रिमोट मॉनिटरिंग, पहनने योग्य उपकरण और एआई आधारित ईसीजी विश्लेषण, रोग की समय रहते पहचान में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। उन्होंने टीएमएच की उपलब्धियों की जानकारी देते हुए बताया कि कार्डियक कैथ लैब ने पिछले दस वर्षों में 20,000 से अधिक हृदय संबंधी प्रक्रियाएं सफलतापूर्वक पूरी की हैं। उन्होंने कहा कि पहले जटिल मामलों में मरीजों को अन्य बड़े शहरों में इलाज के लिए जाना पड़ता था। अब जमशेदपुर में ही इंट्रावेस्कुलर इमेजिंग, रोटेशनल एथेरेक्टोमी, इंट्रावेस्कुलर लिथोट्रिप्सी और बिफर्केशन स्टेंटिंग जैसी अत्याधुनिक उपचार तकनीकें उपलब्ध हैं।

सही जीवनशैली व नियमित जांच जरूरी

डॉ. तपन कुमार ने कहा कि सही जीवनशैली, समय पर जांच और आधुनिक चिकित्सा विकल्पों के उपयोग से हृदय रोग की बढ़ती महामारी को प्रभावी ढंग से नियंत्रित किया जा सकता है, जिससे मरीजों को अपने ही शहर में विश्वस्तरीय और न्यूनतम आक्रामक हृदय उपचार की सुविधाएं मिल रही हैं।

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