नई दिल्ली : मौसम को लेकर अच्छी खबर नहीं है। संयुक्त राष्ट्र संघ की मौसम एजेंसी विश्व मौसम विज्ञान संगठन ने एक बड़ी चेतावनी जारी कर दी है, जो पूरे विश्व के लिए चिंता का विषय बन गया है।
भारत भी इससे बुरी तरह से प्रभावित होगा। ऐसे में तत्काल इसपर ठोस कदम उठाने की जरूरत है। अन्यथा पूरे विश्व में अफरा-तफरी का माहौल उत्पन्न हो सकता है।
दरअसल, मौसम एजेंसी ने संभावना जताई है कि अल नीनो की वजह से वर्ष 2024 में गर्मी के सारे रिकार्ड टूट सकते हैं। इस बात की 90 प्रतिशत संभावना है कि अलनीनो साल 2023 के बाद के छह महीने में भी जारी रह सकता है।
जिसकी वजह से समुद्र गरम हो रहे हैं और लैटिन अमेरिका महाद्वीप, अमेरिका के दक्षिणी हिस्से, अफ्रीका और मध्य एशिया के कुछ हिस्सों में वर्षा काफी बढ़ सकती है।
लेकिन इससे ऑस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया, दक्षिण एशिया, मध्य अमेरिका और उत्तरी लैटिन अमेरिका में भयानक सूखा भी पड़ सकता है। इससे खाद्यान का उत्पादन काफी गिर सकता है। भारत के लिए यह डराने वाली चेतावनी मानी जा रही है।
चूंकि यहां खाद्यान का उत्पादन अच्छा होता है। वैश्विक एजेंसी ने कहा कि धान की बड़े पैमाने पर खेती करने वाले भारत में अल नीनो मानसून को कमजोर कर सकता है। मानसून की बारिश से ही जलाशय भरते हैं और फसलों की सिंचाई होती है। ऐसे में यहां सुखाड़ पड़ सकता है।
अल नीनो क्या है
अब आपके मन में चलता होगा कि अल नीनो क्या है? तो आइए हम आपको बताते हैं इसके बारे में। दरअसल, अल नीनो एक प्राकृतिक जलवायु पैटर्न है जो प्रशांत महासागर में घटती है। इससे समुद्र की सतह का पानी सामान्य से ज्यादा गर्म हो जाता है।
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इसका भारत समेत पूरी दुनिया में मौसम पर गंभीर असर पड़ता है। मौसम एजेंसी के महासचिव पेट्टरी तलास ने कहा, ‘अल नीनो के प्रभाव के शुरू होने पर इस बात का खतरा ज्यादा है कि तापामान बहुत अधिक बढ़ जाएगा और रिकार्ड टूटेंगे। इससे दुनिया के कई हिस्सों और समुद्र में बहुत गरम हवाएं चलेंगी।’