Jaipur: भारत दौरे पर आए संयुक्त राज्य अमेरिका के उपराष्ट्रपति जे.डी. वेंस ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कूटनीतिक क्षमता की सराहना करते हुए उन्हें एक “मजबूत वार्ताकार” बताया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की यही दृढ़ता है, जो उन्हें वाशिंगटन में सम्मान दिलाती है।
भारत-अमेरिका व्यापार समझौते को लेकर बढ़ी बातचीत
उपराष्ट्रपति वेंस की यह टिप्पणी ऐसे समय आई है जब भारत और अमेरिका के बीच एक द्विपक्षीय व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने की कोशिशें तेज़ हो गई हैं। यह समझौता दोनों देशों के आर्थिक रिश्तों को एक नई दिशा दे सकता है।
वेंस ने राजस्थान की राजधानी जयपुर में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, “मोदी एक मजबूत वार्ताकार हैं और इसी कारण हम उनका सम्मान करते हैं। वे भारत के हितों के लिए अडिग रहते हैं और हम इसकी सराहना करते हैं।”
ट्रेड, डिफेंस और एनर्जी सेक्टर में साझेदारी को लेकर ट्रंप की रुचि
जे.डी. वेंस ने यह भी कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप चाहते हैं कि भारत और अमेरिका दोनों आर्थिक रूप से आगे बढ़ें। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच व्यापार, रक्षा और ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में सहयोग की बड़ी संभावनाएं हैं, जो एक बेहतर स्थिति पैदा कर सकती हैं।
प्रधानमंत्री मोदी के साथ मुलाकात के बाद बढ़ी उम्मीदें
प्रधानमंत्री मोदी से नई दिल्ली में मुलाकात के एक दिन बाद वेंस की यह टिप्पणी सामने आई है। यह दौरा अधिकतर निजी बताया गया है और चार दिनों का है, लेकिन रणनीतिक दृष्टिकोण से इसे अहम माना जा रहा है।
भारत के लिए अहम है यह समझौता: 90 दिन का टैरिफ ब्रेक पीरियड
वेंस की यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब भारत, अमेरिका के साथ एक प्रारंभिक व्यापार समझौता जल्दी से जल्दी करना चाहता है। अमेरिका फिलहाल भारत पर नई व्यापार दरों के तहत 26% तक के टैरिफ लगाने की घोषणा कर चुका है, जिसे ट्रंप प्रशासन ने 2 अप्रैल को लागू किया था। हालांकि इन टैरिफ को 90 दिनों के लिए स्थगित कर दिया गया है।
व्हाइट हाउस का बयान: ‘व्यापार समझौते पर महत्वपूर्ण प्रगति’
प्रधानमंत्री मोदी और उपराष्ट्रपति वेंस के बीच हुई बातचीत के बाद व्हाइट हाउस ने बयान जारी कर कहा कि दोनों देशों के बीच “एक नए और आधुनिक व्यापार समझौते” को लेकर बातचीत में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है। अब दोनों पक्षों ने बातचीत के लिए संदर्भ की शर्तें तय कर ली हैं।
यह प्रगति ऐसे समय में आई है जब भारत, अमेरिका द्वारा संभावित टैरिफ बढ़ोतरी से अपने निर्यात को बचाने की कोशिश में लगा हुआ है। भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौता दोनों देशों के आर्थिक संबंधों को मजबूती देने में निर्णायक साबित हो सकता है।