पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के सुती इलाके में शुक्रवार को वक्फ अधिनियम के विरोध में एक बार फिर हिंसा भड़क उठी। प्रदर्शनकारियों ने कई सरकारी बसों में आग लगा दी और राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 12 को अवरुद्ध कर दिया। सुती के साजुर चौराहे पर एक बस को आग के हवाले कर दिया गया।
पुलिस पर बमबाजी और पथराव
प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर बम फेंके और ईंट-पत्थरों से हमला किया। जवाब में पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े, लेकिन हालात अब भी तनावपूर्ण बने हुए हैं। इस हिंसा में कई पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं।
रघुनाथगंज में भी हिंसा, धारा 163 लागू
इससे पहले रघुनाथगंज के उमरपुर में भी दो पुलिस वाहनों को आग के हवाले किया गया था। हालात को देखते हुए सुती में भारतीय न्याय संहिता की धारा 163 लागू कर दी गई है। इसके बावजूद प्रदर्शन थमने का नाम नहीं ले रहे हैं।
ट्रेन यातायात भी ठप
प्रदर्शनकारियों ने केवल सड़क मार्ग ही नहीं, बल्कि रेल यातायात को भी बाधित कर दिया है। कई एक्सप्रेस ट्रेनों को रोक दिया गया है और यात्री रेलवे स्टेशनों पर फंसे हुए हैं।
भाजपा विधायक की पूर्व चेतावनी
भाजपा विधायक गौरीशंकर घोष ने पहले ही आशंका जताई थी कि वक्फ विधेयक के कारण मुर्शिदाबाद में अशांति फैल सकती है। उन्होंने कहा था कि सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट्स के कारण लोगों में डर का माहौल बन गया है।
सुकांत मजूमदार का ममता बनर्जी पर हमला
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष और केंद्रीय राज्य मंत्री सुकांत मजूमदार ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि राज्य सरकार कानून-व्यवस्था बनाए रखने में पूरी तरह विफल रही है। उन्होंने कहा, “यह पहली बार नहीं है जब राज्य में हिंसा इस कदर फैली हो। सीएए विरोध के दौरान भी ऐसी ही अराजकता देखी गई थी।”
‘ममता बनर्जी को ठहराया जाए जिम्मेदार’
मजूमदार ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर कहा कि मुख्यमंत्री की चुप्पी निंदनीय है और यह स्पष्ट करती है कि हिंसा उनकी जानकारी में हो रही है, भले ही उनके प्रत्यक्ष समर्थन से नहीं। उन्होंने इसे “शासन नहीं, बल्कि उग्रवाद के सामने आत्मसमर्पण” करार देते हुए ममता बनर्जी को इस आपदा के लिए जवाबदेह ठहराया।
फिलहाल, मुर्शिदाबाद के हालात संवेदनशील बने हुए हैं और प्रशासन की चुनौती है कि स्थिति को जल्द से जल्द नियंत्रण में लाया जाए।