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36 घंटे बाद रिहा हुए वांगचुक, जल्द हो सकती है प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति से मुलाकात

लेह से सोनम वांगचुक के साथ आए एक पदयात्री ने कहा कि बॉलीवुड वाले जिस पर फिल्म बनाते हैं उसके साथ ऐसा व्यवहार किया जाता है। हम 150 लोग थे और हमें पकड़ने के लिए 1500 पुलिस के जवान तैनात थे, मानों हम मर्डर करके आए हों।

by Reeta Rai Sagar
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सेंट्रल डेस्क: लद्दाख के क्लाइमेट एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक को हिरासत में लिए जाने के 36 घंटे के बाद रिहा कर दिया गया है। 2 अक्टूबर की शाम को दिल्ली पुलिस ने उन्हें रिहाई दे दी। पुलिस हिरासत से रिहा होने के बाद सोनम वांगचुक ने बताया कि गृह मंत्रालय ने उन्हें आश्वस्त किया है कि जल्द ही उनकी मुलाकात प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति से कराई जाएगी।

रिहा होते ही पहुंचे राजघाट, बापू को दी श्रद्धांजलि
गांधी जयंती की शाम को रिहाई के बाद सोनम वांगचुक और लद्दाख से आए अन्य लोगों ने महात्मा गांधी के स्मारक स्थल राजघाट पर जाकर श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद उन्होंने अपना अनशन भी तोड़ा। सोनम वांगचुक व अन्य लोगों को उस समय हिरासत में ले लिया गया था जब वह लद्दाख से जुड़ी अपनी मांगें पूरी कराने के लिए पैदल मार्च कर दिल्ली की सीमा में प्रवेश कर गए थे।

वांगचुक ने कहा- लद्दाख के लिए लागू हो लोकतांत्रिक व्यवस्था
मीडिया से बात करते हुए सोनम वांगचुक ने बताया कि हमने सरकार को अपनी मांगों को सूचीबद्ध करते हुए ज्ञापन दिया है। हिमालय में स्थानीय लोगों को सशक्त बनाया जाना चाहिए, क्यों कि वो ही इसका बेहतर तरीके से संरक्षण कर सकते हैं। हमने लद्दाख के लिए लोकतांत्रिक व्यवस्था की मांग की है और छठी अनुसूची इसका हिस्सा है। आने वाले दिनों में हम प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति व गृह मंत्री से मुलाकात करेंगे। एक-दो दिन में बैठक की तारीख की पुष्टि होगी।

अभी कुछ दिन दिल्ली में रहेंगे वांगचुक
सोनम वांगचुक को बवाना पुलिस स्टेशन में रखा गया था जब कि उनके साथ बाकी के पदयात्रियों को दिल्ली-हरियाणा सीमा पर तीन अन्य थानों में रखा गया था। सरकार के साथ बैठक के लिए वांगचुक कुछ और दिनों तक दिल्ली में रह सकते हैं। लेह से सोनम वांगचुक के साथ आए एक पदयात्री ने कहा कि बॉलीवुड वाले जिस पर फिल्म बनाते हैं, उसके साथ ऐसा व्यवहार करते हैँ। हम 150 लोग थे और हमें पकड़ने के लिए 1500 पुलिस के जवान तैनात थे। हमें ऐसा लगा जैसे हम मर्डर करके आए हों।

क्या है मामला
वांगचुक समेत अन्य प्रदर्शनकारियों की पदयात्रा 1 सितंबर से लेह से शुरु हुई। केंद्र से इनकी चार मांगें है। ये मांगे है-

  1. लद्दाख को राज्य का दर्जा
  2. संविधान की छठी अनुसूची का विस्तार
  3. लद्दाख के लिए लोकसेवा आयोग के साथ-साथ जल्दी भर्ती प्रक्रिया
  4. लेह व कारगिल के लिए अलग लोकसभा सीटें

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