कोलकाता : पश्चिम बंगाल की महिला जेलों में 2024 से 2025 के बीच 196 बच्चों के जन्म की घटनाएं अब राज्य में एक बड़ा विवाद बन चुकी हैं। ये घटनाएं विशेष रूप से चौंकाने वाली हैं क्योंकि ये महिलाएं जेल में सजा काट रही थीं और जेल में रहने के दौरान गर्भवती हुईं। इस मामले ने जेलों में महिला सुरक्षा और प्रबंधन को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
हाई कोर्ट ने लिया संज्ञान
कलकत्ता हाई कोर्ट में इस मुद्दे पर जनहित याचिका दायर की गई है। कोर्ट ने इस पर संज्ञान लेते हुए महिला कैदियों के गर्भवती होने के कारणों की जांच करने की इच्छा जताई है। कोर्ट ने रिपोर्ट की मांग की है और इस संवेदनशील मामले पर गहन जांच की आवश्यकता बतायी है।
भाजपा ने की ममता बनर्जी से जवाबदेही की मांग
भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) ने इस मामले को पश्चिम बंगाल सरकार की नाकामी के रूप में पेश किया है। भाजपा विधायक अग्निमित्रा पॉल ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से इस मामले की जवाबदेही की मांग की है। उन्होंने इस घटनाक्रम को राज्य प्रशासन की असफलता और जेल सुरक्षा के मामले में चूक के रूप में उठाया है।
सवालों के घेरे में जेल प्रशासन, बच्चों के पिता कौन हैं?
इस मामले ने अब कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। जेल में कैद महिलाओं की गर्भावस्था के पीछे कौन है? इन बच्चों के पिता कौन हैं? जेल में इस तरह की घटनाओं के होने के बाद सवाल उठने लगे हैं कि सुरक्षा व्यवस्था में कहां और कैसी खामियां हैं जो ऐसी घटनाओं को घटित होने का अवसर देती हैं।
जांच की प्रक्रिया और पारदर्शिता की आवश्यकता
मामला इतना गंभीर होने के बावजूद अभी तक इस मामले में किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। राज्यवासियों का मानना है कि यह मुद्दा न केवल जेल प्रशासन की पारदर्शिता और जवाबदेही को चुनौती दे रहा है, बल्कि यह महिला कैदियों की सुरक्षा के मामले में भी गंभीर सवाल उठाता है।