मुंबई : महाराष्ट्र में सरकार गठन तो हो गया, लेकिन महायुति गठबंधन के भीतर गहमागहमी बनी हुई है। एनसीपी नेता अजीत पवार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की ओर से आयोजित बैठक में शामिल नहीं हुए। बीजेपी ने महायुति गठबंधन के सभी विधायकों और मंत्रियों को संघ के मुख्यालय में आने का निमंत्रण दिया था, लेकिन उपमुख्यमंत्री और एनसीपी के मुखिया अजित पवार बैठक में भाग लेने नहीं पहुंचे।
BJP और शिवसेना के सभी विधायक हुए शामिल
बता दें कि बीजेपी के साथ आने के बाद से यह तीसरा मौका है, जब अजित पवार ने संघ मुख्यालय जाने से परहेज किया है। 19 दिसंबर को संघ के रेशमीबाग कार्यालय में बीजेपी की ओर से बैठक रखी गई, जिसमें महायुति के सभी मंत्रियों व विधायकों को आमंत्रित किया गया। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस औऱ उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे भी वहां पहुंचे, लेकिन अजित पवार मीटिंग से नदारद रहे।
इतना ही नहीं एनसीपी की ओर से केवल एक विधायक राजू कारेमोरे ही संघ मुख्यालय पहुंचे। बीजेपी और शिवसेना के सभी मंत्री व विधायकों ने बैठक में हिस्सा लिया। एनसीपी के विधायक राजू कारेमोरे ने बताया कि हमें बीजेपी ने मुख्यालय आने का निमंत्रण दिया था। इसलिए आज सुबह मैं वहां गया। मुझे अपनी पार्टी के दूसरे लोगों के बारे में नहीं पता। मैं सभी धर्मों का सम्मान करता हूं। हम भगवान और संतों की पूजा करने जाते हैं। इसी तरह मैं यहां आया हूं।
पहले भी जाने से बचते रहे है अजित पवार
इस बार अजित पवार की अनुपस्थिति चर्चा में इसलिए भी बनी हुई है, क्योंकि वो पहले भी दो बार ऐसा कर चुके हैं। महायुति गठबंधन की एक गांठ अजित पवार लगातार संघ के मुख्यालय जाने से बचते रहे हैं। यह तीसरी बार है, जब अजित पवार संघ जाने से बचते दिखे।
पिछले साल अपने चाचा शरद पवार के खिलाफ बगावत करके अजित पवार एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार में शामिल हुए थे। तब भी महायुति के सभी विधायकों को आमंत्रित किया गया था, लेकिन अजित पवार RSS मुख्यालय नहीं गए थे। इसके अलावा इस साल सितंबर में भी फडणवीस और एकनाथ शिंदे संघ मुख्यालय गए थे, लेकिन अजित पवार उनके साथ नहीं गए। जबकि उसी दिन वे नागपुर में उनके साथ दूसरे कार्यक्रमों में शामिल हुए थे।
इस संबंध में जानकारी देते हुए एनसीपी के एक वरिष्ठ मंत्री ने बताया पार्टी की ओर से न तो अपने विधायकों को संघ मुख्यालय जाने के लिए कहा गया है और न ही रोका गया है। आगे उन्होंने कहा कि बीजेपी ने सत्तारूढ़ गठबंधन के सभी विधायकों को निमंत्रण भेजा था, जो जाना चाहते थे, वे जाने के लिए स्वतंत्र थे।

