देवघर: सावन माह में भगवान शिव (Lord shiva) की पूजा का विशेष महत्व होता है। इस दौरान श्रद्धालु गंगाजल के साथ बेलपत्र चढ़ाकर भोलेनाथ को प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान शिव को बेलपत्र अत्यंत प्रिय हैं और इनके बिना पूजा अधूरी मानी जाती है। ऐसा विश्वास है कि जो भक्त सावन में बेलपत्र अर्पित करते हैं, उनकी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
Lord shiva : औषधीय गुणों से भरपूर है बेल का पेड़
बैद्यनाथ धाम मंदिर के वरिष्ठ पंडा दुर्लभ मिश्रा के अनुसार, बेल का पेड़ औषधीय गुणों से भरपूर होता है। बेल का फल और पत्तियां शरीर के कई रोगों को नष्ट करने की क्षमता रखते हैं। आयुर्वेद में इसे अमृत वृक्ष की संज्ञा दी गई है। यह भी माना जाता है कि बेलपत्र में रजो, सतो और तमो गुण होते हैं जो मानव जीवन और भाग्य को प्रभावित करते हैं।
Lord shiva : विषपान के बाद भगवान शिव को चढ़ाया गया था बेलपत्र
पौराणिक कथाओं के अनुसार, जब भगवान शिव ने हलाहल विष का पान किया था, तो उन्हें शीतलता प्रदान करने के लिए बेलपत्र अर्पित किया गया था। तभी से बेलपत्र चढ़ाने की परंपरा प्रारंभ हुई और इसे शिवभक्ति का आवश्यक अंग माना गया।
कितने प्रकार के होते हैं बेलपत्र? जानिए मुखी भेद
पंडित बताते हैं कि बेलपत्र तीन मुखी से लेकर 21 मुखी तक होते हैं। सबसे सामान्य रूप से तीन, पांच और सात मुखी बेलपत्र पाए जाते हैं, जबकि 14 और 21 मुखी बेलपत्र दुर्लभ होते हैं। शिवलिंग पर चढ़ाया गया कोई भी बेलपत्र आस्था और पुण्य का प्रतीक होता है।
देवघर में कहां से लाते हैं बेलपत्र? जंगलों से होती है विशेष तोड़ाई
बैद्यनाथ धाम मंदिर के पुजारी राज्य के विभिन्न जिलों जैसे पलामू, चाईबासा, हजारीबाग और रांची के घने जंगलों से बेलपत्र तोड़कर लाते हैं। ये पंडा टोली जंगलों में कई रातें बिताकर विशेष चयन के साथ आकर्षक बेलपत्र एकत्र करते हैं। हर सप्ताह मंगलवार से शनिवार तक यह प्रक्रिया सावधानीपूर्वक की जाती है।
हर सोमवारी को होती है बेलपत्र की प्रदर्शनी
सावन माह में बैद्यनाथ धाम मंदिर परिसर में हर सोमवार (सोमवारी) को बेलपत्र की प्रदर्शनी लगाई जाती है। यहां भक्त विभिन्न प्रकार के बेलपत्र खरीदते हैं और भगवान भोलेनाथ पर अर्पित करते हैं। शिवलिंग पर बेलपत्र अर्पण को सीधे प्रभु का आशीर्वाद प्राप्त करने का माध्यम माना जाता है।
सावन में बेलपत्र की मांग में होता है ज़बरदस्त इज़ाफा
बाजार में बेलपत्र विक्रेता बताते हैं कि सावन के दौरान बेलपत्र की मांग और कीमत दोनों बढ़ जाती हैं। सामान्य गुणवत्ता वाले बेलपत्र भी ₹500 प्रति कट्टा तक बिकते हैं। मंदिर के पुजारी बताते हैं कि जंगलों से लाए गए बेलपत्र केवल समाज और विश्व कल्याण के लिए भगवान शिव को समर्पित किए जाते हैं।


