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सदन के बीच में हाथरस क्यों पहुंचे राहुल गांधी, क्या है मामला

चार साल पुराना चर्चित हाथरस कांड दोबारा से सुर्खियों में है। हाथरस में एक दलित लड़की के हत्याकांड से उत्तर प्रदेश समेत केंद्र की राजनीति में उबाल आ गया था। अब राहुल के इस दौरे पर विपक्षियों ने तंज कसा है।

by Reeta Rai Sagar
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सेंट्रल डेस्क। ऐसी चर्चा है कि कांग्रेस सांसद राहुल गांधी इन दिनों अपने विपक्षियों को एक के बाद एक शॉक दे रहे हैं। आज सदन के सत्र के बीच में ही राहुल गांधी उत्तर प्रदेश के हाथरस के लिए रवाना हो गए। राहुल वहां हाथरस कांड के फरियादियों से मिले। 2020 में हुए रेप मामले के पीड़ित परिवारों से मिलने के पीछे उनकी क्या मंशा है, यह अब तक ज्ञात नहीं हो पाया है।

चार साल बाद फिर सुर्खियों में आया हाथरस कांड
चार साल पुराना बेहद चर्चित हाथरस कांड दोबारा से सुर्खियों में आ गया है। जहां की एक दलित बेटी के हत्याकांड से उत्तर प्रदेश समेत केंद्र की राजनीति में उबाल आ गया था। राहुल के इस दौरे पर विपक्षियों ने तंज कसा है। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा है कि राहुल गांधी हताश हैं। उन्हें यह भी नहीं पता कि हाथरस मामले की सीबीआई जांच हो चुकी है औऱ मामला कोर्ट के अधीन है। कभी उन्हें अलीगढ़ जाना है, तो कभी उन्हें संभल जाना है। आगे डिप्टी सीएम ने कहा कि उत्तर प्रदेश इंफ्रांस्ट्रक्चर, कानून व्यवस्था के मामले में सबसे अग्रणी राज्य बन चुका है और वो यहां अराजकता की आग को भड़काना चाहते है औऱ लोगों को भड़काना चाहते है।

क्या है मामला, जिससे मचा है सियासी भूचाल

14 सितंबर 2020 को हाथरस के बूलगाढ़ी गांव में एक 19 वर्षीय दलित युवती के साथ बलात्कार का मामला सामने आया था। पीड़िता अपनी मां और भाई के साथ चंदपा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराने पहुंची थी। पीड़िता के भाई का आऱोप था कि संदीप नाम के व्यक्ति ने उसकी बहन के साथ गलत काम किया है। जब पीड़िता की हालत बिगड़ने लगी, तो उसे सीएचसी ले जाया गया, वहां से उसे अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के जेएन मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। इसके बाद 15 सितंबर को एफआईआर दर्ज कराई गई।

क्या था एफआईआर में

एफआईआर के अनुसार, पीड़िता अपनी मां के साथ खेत में चारा काटने गई थी, तभी गांव के संदीप नाम के युवक ने उसे घसीटा और गला दबाकर हत्या की कोशिश की। पुलिस ने इस मामले को पारिवारिक कलह बताकर आरोपी की गिरफ्तारी की बात कही। घटना के पांच दिन बाद पीड़ता ने बयान दिया कि संदीप के साथ दो अन्य लड़के भी मौजूद थे, जिसने उसका बलात्कार किया और उसकी जुबान काट दी।

इलाज के दौरान हो गई थी पीड़िता की मौत

इसके बाद पुलिस ने हत्या की कोशिश और छेड़छाड़ की धाराओं में आरोपी संदीप को गिरफ्तार किया। इस बीच पीड़िता को बेहतर इलाज के लिए दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल भेजा गया, जहां 29 सितंबर को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। इसके बाद पुलिस ने सभी चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। कांग्रेस से लेकर भीम आर्मी और आम आदमी पार्टी के लोग हाथरस पहुंचने लगे, लेकिन मामला तब बिगड़ता गया जब पीड़िता का शव गांव पहुंचा और अगले ही दिन तड़के 3 बजे पुलिस की मौजूदगी में जबरन उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया।

मामला बिगड़ने पर गठित की गई थी एसआईटी
पुलिस के अनुसार, प्राथमिक जांच में रेप की बात को नकार दिया गया और पीड़िता की जीभ काटे जाने की बात भी झूठ कही गई। मामला बिगड़ने लगा, तो एसआईटी का गठन कर जांच की गई और आनन-फानन में योगी सरकार ने कई अधिकारियों का तबादला कर दिया गया। इसके अगले दिन सीबीआई जांच का भी आदेश दिया गया। सीबीआई ने इस मामले में 35 लोगों की गवाही करवाई।

अदालत में आरोप सिद्ध नहीं हुआ
गवाही के बाद 2 मार्च 2023 में तीन आरोपियों को बरी कर दिया गया। मुख्य आरोपी संदीप को उम्रकैद की सजा सुनाई गई। सुनवाई के अंत में चारों में से किसी पर भी बलात्कार का आऱोप सिद्ध नहीं हुआ।

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