सेंट्रल डेस्क : अभिनेत्री से राजनीतिज्ञ बनीं कंगना रनौत (Kangana Ranaut) बार-बार पार्टी (BJP) लाइन के विपरीत जाकर बयान देती हैं और इसके बाद बीजेपी केवल उनके बयान से खुद को अलग कर लेती है। हिमाचल प्रदेश की मंडी सीट से सांसद कंगना रनौत अब केंद्र सरकार के एक प्रोजेक्ट का विरोध कर रही हैं।
दरअसल हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के कुल्लू की खराहल घाटी में एक मंदिर है, जिसका नाम है बिजली महादेव मंदिर। इस मंदिर पर 12 साल में एक बार बिजली गिरती है और शिवलिंग खंडित हो जाता है, जिसे मंदिर के पुजारी एक प्रकार का लेप (दाल का आटा, नाज और अनसॉल्लटेड बटर) लगाकर जोड़ देते है और फिर कुछ महीनों में ये जुड़ जाते है और पूजा-अर्चना शुरु हो जाती है। करीबन 6 माह पहले केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने बिजली महादेव रोपवे बनाने का ऐलान किया था।
अब इसी 283 करोड़ के प्रोजेक्ट के विरोध में कंगना मैदान में आ गई हैं। उनका कहना है कि इस रोपवे के बनने से महादेव खुश नहीं हैं। इस रोपवे (Ropeway) को लेकर खराहल और कशावरी के ग्रामीण लंबे समय से विरोध कर रहे हैं। उनका मानना है कि रोपवे के निर्माण में कई पेड़ों को काटा जाएगा, इससे पर्यावरण पर बुरा असर पड़ेगा और साथ ही रोजगार भी बुरी तरह से प्रभावित होगा।
अब कंगना ने ग्रामीणों को आश्वासन देते हुए कहा है कि देवता का आदेश सर्वोपरि है। वो लोगों के साथ हैं। कंगना वहां दर्शन के लिए पहुंची थीं। कंगना ने भगवान का आशीर्वाद लिया और ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि वह इस संबंध में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से बात करेंगी। उन्होंने कहा कि आधुनिकता अपनी जगह है, लेकिन देवता का आदेश सर्वोपरि है।
उन्होंने कहा कि जिस वक्त यहां से मिट्टी के सैंपल लिए गए थे, तब मैंने नितिन गडकरी से बात की थी कि यहां के लोगों की इच्छा नहीं है कि यहां रोपवे बने। उस वक्त इस प्रोजेक्ट पर रोक लगा दी गई थी।