भुवनेश्वर। ओडिशा के गंजम जिले में 25 वर्षीय एक युवक को अपनी पत्नी और दो साल की बेटी के कमरे में जहरीला सांप छोड़ कर उनकी हत्या करने के आरोप में गिरफ्तार किए जाने के एक दिन बाद शुक्रवार को वन विभाग ने भी जांच के आदेश दिए हैं।
कोबरा सांप से कटवाकर पत्नी और बेटी को उतरा मौत के घाट
प्रधान मुख्य वन संरक्षक (पीसीसीएफ) सुशांत नाडा ने प्रभागीय वन अधिकारी (डीएफओ) को मामले की विस्तृत जांच करने और एक रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा गया है कि आरोपी के पास कोबरा कैसे पहुंचा और क्या उसके बाद सांप को मार दिया गया था।
मुख्य वन संरक्षक ने कहा कि इस संबंध में हमें जानकारी मिली है, जिसमें कहा गया है कि दो लोगों की मौत के बाद सांप को मार दिया गया। अधिकारी इस बात की जांच करेंगे कि आरोपी को कोबरा कैसे मिला और उसने अपराध में इसका इस्तेमाल कैसे किया।
सपेरे से सांप खरीदा और घर में छोड़ दिया
पुलिस ने बताया कि आरोपी की पहचान गणेश पात्रा के रूप में हुई है। पात्रा का अपनी पत्नी के बसंती पात्रा (23) के साथ विवाद चल रहा था। पुलिस ने बताया कि उनकी शादी 2020 में हुई थी और उनकी दो साल की बेटी थी। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपी ने कथित तौर पर एक सपेरे से सांप खरीदा था और उसे यह कहकर गुमराह किया कि वह सांप का इस्तेमाल धार्मिक उद्देश्यों के लिए करेगा।
अधिकारी ने बताया कि पिछले महीने छह अक्टूबर को वह एक प्लास्टिक के जार में कोबरा सांप लेकर आया और उसे उस कमरे में छोड़ दिया, जहां उसकी पत्नी और बेटी सोती थी। उसने बताया कि अगली सुबह दोनों सांप के काटने से मृत पाए गए, जबकि आरोपी गणेश पात्रा दूसरे कमरे में सोया था।
अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज कर पुलिस कर रही जांच
गंजम जिले के पुलिस अधीक्षक जगमोहन मीणा ने कहा कि पुलिस ने शुरू में अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज किया था लेकिन युवक के ससुर द्वारा उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराए जाने के बाद आरोपी से पूछताछ की गई। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि घटना के एक महीने बाद आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है, क्योंकि उसके खिलाफ सबूत इकट्ठा करने में कुछ देरी हुई।
पूछताछ के दौरान, शुरूआत में उसने आरोपों से इनकार किया और कहा कि सांप अपने आप कमरे में घुस गया होगा। हालांकि अब उसने जुर्म कबूल कर लिया है।
सांपों को नुकसान पहुंचाने पर तीन से सात साल की सजा
वन्यजीव कार्यकर्ता सुवेंदु मलिक ने कहा कि किंग कोबरा, मोनोकल्ड कोबरा, स्पेक्टेकलड कोबरा और रसेल वाइपर जैसे जहरीले सांप वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की अनुसूची दो के तहत संरक्षित जीवों की श्रेणी में आते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे सांपों को नुकसान पहुंचाने पर तीन से सात साल की कैद या 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है।
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