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वर्ल्ड गवर्नमेंट समिट में पहुंचे PM नरेंद्र मोदी, जानिए उन्होंने अपने संबोधन में क्या कहा

by Rakesh Pandey
World government Summit
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पॉलिटिकल डेस्क : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त अरब अमीरात में अपनी यात्रा के दूसरे दिन ‘विश्व सरकार शिखर सम्मेलन’ (World government Summit) में भ्रष्टाचार पर बुधवार को जमकर गरजे। उन्होंने कहा कि दुनिया में आज ऐसी सरकारों की जरूरत है, जो समावेशी हों और भ्रष्टाचार से मुक्त हों। पीएम मोदी ने कहा कि पिछले कुछ साल से उनका मंत्र ‘न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन’ रहा है।

सरकार को लोगों के जीवन में कम से कम हस्तक्षेप करना चाहिए। उन्होंने ‘न्यूनतम शासन, अधिकतम शासन’ के मंत्र पर जोर देते हुए कहा, ‘‘मेरा मानना है कि लोगों को न तो सरकार की अनुपस्थिति महसूस होनी चाहिए, वहीं उन पर सरकार का दबाव भी नहीं होना चाहिए।’’

सरकार को लोगों के जीवन में कम दखल देना चाहिए (World government Summit)

मोदी ने कहा, ‘‘दरअसल, मैं मानता हूं कि सरकार को लोगों के जीवन में यथासंभव कम से कम दखल देना चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि पिछले कुछ साल में भारत में सरकार पर लोगों का भरोसा बढ़ा है। उन्होंने कहा, ‘‘जनता को भारत सरकार की मंशा और प्रतिबद्धता पर भरोसा है। यह केवल इसलिए संभव हुआ, क्योंकि हमने जन भावनाओं को प्राथमिकता दी।’’

मोदी ने कहा, ‘‘भारत में पिछले कुछ समय में बड़े बदलाव देखने को मिले। भारत का स्वच्छता अभियान हो, डिजिटल साक्षरता अभियान हो या बालिका शिक्षा अभियान हो, ऐसे प्रत्येक बड़े लक्ष्य की सफलता केवल जन भागीदारी से सुनिश्चित हुई है।’’

कोई भी योजना हो, हमने उसे पूरा किया

प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना काल ऐसा समय था, जहां दुनिया में देश की सरकारों के प्रति लोगों का भरोसा कम हुआ। लेकिन, भारत में हमारी सरकार ने लोगों की हर अपेक्षाओं को पूरा करने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि हमने देशवासियों की जरूरतों के साथ-साथ सपनों को भी पूरा करने पर ध्यान दिया है। PM मोदी ने कहा कि हमारी सरकार की नीति है, मिनिमन गवर्नेमेंट मैक्सिमम गवर्नेंस, हमने इसी नीति को जमीनी स्तर पर बढ़ाया।

अब हमारी कोशिश है कि एंटरप्राइज और एनर्जी दोनों को भी बढ़ाएं। किसी भी सरकार के समय की कोई भी योजना हो, हमने उनको जनता के हित में आगे बढ़ाया है।

सरकार का अभाव भी नहीं और दबाव भी नहीं होना चाहिए: पीएम

पीएम मोदी ने आगे कहा कि मैं मानता हूं कि सरकार का अभाव भी नहीं होना चाहिए और सरकार का दबाव भी नहीं होना चाहिए। इन 23 वर्षों में सरकार में मेरा सबसे बड़ा सिद्धांत रहा है मिनिमम गवर्नमेंट, मैक्सिमम गवर्नेंस। मैंने हमेशा ऐसा माहौल बनाने पर जोर दिया, जो नागरिकों में एंटरप्राइस और एनर्जी दोनों को बढ़ाएं।

सैचुरेशन की अप्रोच पर बल दे रहे

सबका साथ-सबका विकास के मंत्र पर चलते हुए हम Last Mile Delivery और सैचुरेशन की अप्रोच पर बल दे रहे हैं। सैचुरेशन की अप्रोच यानी सरकार की योजनाओं के लाभ से कोई भी लाभार्थी ना छूटे, सरकार खुद उस तक पहुंचे। गवर्नेंस के इस मॉडल में भेदभाव और भ्रष्टाचार दोनों की ही गुंजाइश समाप्त हो जाती है।

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