Home » ‘आप’ ने दिल्ली चुनाव को प्रभावित करने के लिए पंजाब से लोगों को बुलाया था, लेकिन क्या रहा पंजाबी वोट समीकरण

‘आप’ ने दिल्ली चुनाव को प्रभावित करने के लिए पंजाब से लोगों को बुलाया था, लेकिन क्या रहा पंजाबी वोट समीकरण

'लाखों पंजाबी दिल्ली में रहते हैं जिनके परिवारों और उनके पूर्वजों ने देश के लिए अनगिनत बलिदान दिए हैं। लाखों पंजाबी शरणार्थी भी दिल्ली में रहते हैं जिन्होंने विभाजन के कठिन समय में सब कुछ छोड़कर दिल्ली में बसने का फैसला किया।

by Reeta Rai Sagar
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Follow Now

नई दिल्ली : दिल्ली विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (BJP) और आम आदमी पार्टी (AAP) के बीच एक कड़ा मुकाबला रहा। अंततः बीजेपी ने आप को 48-22 से हरा दिया। यह चुनाव कई मुद्दों पर लड़ा गया, जिनमें से एक था दिल्ली चुनावों को प्रभावित करने के लिए पंजाबियों को ‘आयात’ करने का आरोप।

बीजेपी ने आरोप लगाया कि आप ने भगवंत मान-प्रशासित पंजाब से लोगों और वाहनों को दिल्ली लाया है। दिल्ली के नॉर्थ ईस्ट सीट से चुनावी मैदान में उतरे और अरविंद केजरीवाल के खिलाफ जीतने वाले प्रवेश वर्मा ने कहा कि हजारों पंजाब नंबर प्लेट वाली गाड़ियां दिल्ली की सड़कों पर दौड़ रही हैं। प्रवेश वर्मा का आऱोप था कि ‘कोई नहीं जानता कि ये गाड़ियां यहां गणतंत्र दिवस समारोह के पहले क्या कर रही थी। ये सुरक्षा के लिए खतरा हो सकती हैं। इन गाड़ियों को चेक किया जाना चाहिए’।

यह टिप्पणी चुनावी मुद्दा बन गया और आप ने इसे ‘पंजाबियों का अपमान: करार दिया। केजरीवाल ने कहा ‘लाखों पंजाबी दिल्ली में रहते हैं जिनके परिवारों और उनके पूर्वजों ने देश के लिए अनगिनत बलिदान दिए हैं। लाखों पंजाबी शरणार्थी भी दिल्ली में रहते हैं जिन्होंने विभाजन के कठिन समय में सब कुछ छोड़कर दिल्ली में बसने का फैसला किया।… बीजेपी नेताओं द्वारा आज जो कहा जा रहा है, वह उनके शहादत और बलिदान का अपमान है… दिल्ली का विकास पंजाबी समुदाय ने किया है। बीजेपी के नेता पंजाबियों को देश के लिए खतरा बताकर लाखों पंजाबी लोगों का अपमान कर रहे हैं’।

इसके बाद वर्मा ने तुरंत यह स्पष्ट किया कि ‘उनका तात्पर्य केवल पंजाब के मुख्यमंत्री, मंत्रियों, उनके विधायक और पार्टी कार्यकर्ताओं से था। वे अपनी निजी गाड़ियों में घूम रहे हैं जिन पर ‘गवर्नमेंट ऑफ पंजाब’ के स्टिकर लगे हैं… वे यहां शराब, सीसीटीवी कैमरे और पैसा बांट रहे हैं’।
हालांकि, चुनाव के बाद एक अलग तस्वीर सामने आई।

दिल्ली में पंजाबी मतदाता ने कैसे वोट किया

दिल्ली में कम से कम 20 पंजाबी-प्रभुत्व वाले निर्वाचन क्षेत्र हैं, इसके अलावा ऐसे भी क्षेत्र हैं जहां पंजाबी मतदाता अच्छी संख्या में हैं। बीजेपी ने उन चार सीटों में से तीन सीटों पर जीत हासिल की, जहां 10 प्रतिशत से अधिक सिख वोटर थे। 28 सीटों में से, जहां पंजाबी मतदाता 10 प्रतिशत से अधिक हैं— जैसे जनकपुरी, राजौरी और हरि नगर— इनमें से 23 सीटें बीजेपी के खाते में गईं।

पंजाबी दिल्ली में फैले हुए हैं, लेकिन पश्चिमी दिल्ली उनका मजबूत गढ़ बना हुआ है, जहां पंजाबी, जिसमें सिख भी शामिल हैं, कुछ इलाकों में लगभग 55-60% की आबादी हैं। 20 पंजाबी-प्रभुत्व वाले निर्वाचन क्षेत्रों में से 12 पश्चिमी दिल्ली में हैं, जबकि दक्षिण और पूर्वी दिल्ली में चार-चार हैं।

पश्चिमी दिल्ली के पंजाबी-प्रभुत्व वाले निर्वाचन क्षेत्रों में जनकपुरी, मादिपुर, हरि नगर, राजौरी गार्डन, तिलक नगर, त्रिनगर, करोल बाग, राजेंद्र नगर, पटेल नगर, मोती नगर, विकासपुरी और शालीमार बाग शामिल हैं। पूर्वी दिल्ली के मुख्य निर्वाचन क्षेत्र गांधी नगर, कृष्णा नगर, शाहदरा, और विश्वास नगर हैं, जबकि दक्षिण दिल्ली के निर्वाचन क्षेत्रों में जंगपुरा, कस्तूरबा नगर, मलवीय नगर और ग्रेटर कैलाश में पंजाबी वोटरों की संख्या काफी है।

इनमें से अधिकांश क्षेत्रों ने 2015 और 2020 के विधानसभा चुनावों में आप को समर्थन दिया था, जिसमें बीजेपी ने इन सीटों में से केवल गांधी नगर और विश्वास नगर जीती थीं। इन दोनों सीटों पर पंजाबी और सिख समुदाय की अच्छी खासी संख्या है। लेकिन इस बार इन वोटरों ने बीजेपी को समर्थन दिया। हाल ही में संपन्न चुनाव में, बीजेपी ने इन सीटों में से अधिकांश सीटों पर 10,000 से अधिक मतों के अंतर से जीत दर्ज की। केवल हरि नगर में यह अंतर 10,000 से कम था, लेकिन फिर भी 5,000 से ऊपर था।
बीजेपी ने पंजाबी-प्रभुत्व वाले क्षेत्रों में से तीन सीटें — तिलक नगर, करोल बाग, और पटेल नगर — पश्चिमी दिल्ली में खो दीं।

Related Articles