स्पेशल डेस्क। दीपावली के मौके पर सभी एक दूसरे को कुछ ना कुछ तोहफे दे रहे हैं वहीं पाकिस्तान ने भी इस साल भारत को एक बड़ा तोहफा दिया है। दरअसल, गुरुवार को पाकिस्तान की सरकार ने कराची जेल से भारत के करीब 80 नागरिकों को रिहा कर दिया है, जो गुजरात के हैं और पेशे से मछुआरे हैं। यह मछुआरे करीब तीन सालों से पाकिस्तान की कराची जेल में बंद थे। रिहाई की सूचना मिलते ही, गुजरात सरकार की एक टीम इन्हें लेने पंजाब पहुंची।
भारत लाने की तैयारी
कराची जेल के एक अधिकारी से पता चला कि रिहा किए गए भारतीय मछुआरों को अल्लामा इकबाल एक्सप्रेस ट्रेन से भारत के लिए रवाना किया जाएगा। पाकिस्तान के एक वेलफेयर ट्रस्ट ने बताया है कि मछुआरे गरीब परिवार से है जिसके कारण उन्हें कुछ पैसे और उपहार दिए गए हैं। गौरतलाप है कि शुक्रवार को उन्हें बाघा बॉर्डर पर भारत को सौंप दिया जाएगा।
पिछले घटनाओं का जिक्र
पाकिस्तान और भारत की समुद्री सीमाओं को उल्लंघन करने पर मछुआरों को गिरफ्तार किया जाता है, जो कई बार बगावत में फंस जाते हैं। इन मछुआरों को यह मालूम नहीं पड़ता कि कब एक देश की समुद्री सीमा पार कर वे दूसरे देश में आ गए हैं। मई और जून में भी पाकिस्तान सरकार ने करीब 400 भारतीय मछुआरों को रिहा किया था।
पिछले समय में इस तरह के घटनाओं का कई बार जिक्र किया गया है, जहां दोनों देशों के बीच मछुआरों की गिरफ्तारी की घटनाएं सामने आई हैं।
जेल में बंद 8मछुआरों को किया आजाद
कई बार इस तरह के मामलों को संदर्भित करते हुए भारत और पाकिस्तान की सरकारों ने इस मामले को सुलझाने की कोशिश की है। यह मछुआरे अक्सर समुद्री सीमा पार करते हुए मछली पकड़ने के लिए अपनी नौकाओं को ले जाते हैं, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ सकता है।
इस मामले में भारतीय सरकार के प्रतिनिधि की तरफ से रिहा करने की प्रक्रिया को तेजी से बढ़ाया गया और इन 80 भारतीय नागरिकों को घर वापस लाने के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की गईं। इस मामले में यह तोहफा दिवाली के मौके पर भारत के लिए एक अच्छा संकेत साबित हो सकता है।
इस मामले में समाज में आवाज उठी है कि इन मछुआरों के साथ इंसानियत का दृष्टिकोण बनाया जाना चाहिए, क्योंकि वे आपसी सीमाओं को पार करते समय अक्सर बगावती मारी के शिकार होते हैं। इसे अवैध विदेशी प्रवासियों और नागरिकों को देश से निकालने के लिए पाकिस्तानी सरकार के मौजूदा अभियान का एक हिस्सा माना जा रहा है।
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