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पृथ्वी के करीब से गुजरेगा एस्ट्रोयड 2023 SN6, NASA ने जारी किया अलर्ट 

by Rakesh Pandey
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स्पेशल रिपोर्ट, नई दिल्ली : अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) ने चेतावनी दी है कि बुधवार, 4 अक्टूबर को एक बड़ा एस्ट्रोयड पृथ्वी के बहुत करीब से गुजरेगा। एस्ट्रोयड का नाम 2023 SN6 है और यह लगभग 85 फीट (26 मीटर) चौड़ा है। यह पृथ्वी से लगभग 48 लाख किलोमीटर की दूरी से गुजरेगा। यह पृथ्वी और चंद्रमा के बीच की दूरी के लगभग आधे के बराबर है। यह वर्तमान में लगभग 18,426 किलोमीटर प्रति घंटे की तेज रफ्तार से पृथ्वी की ओर बढ़ रहा है। हालांकि यह पृथ्वी से दूर होगा लेकिन यदि यह पृथ्वी के समीप आता है तो इससे एक बड़ा नुकसान पहुंचा सकता है।

 

 2000 से अधिक एस्ट्रोइडों को किया गया है ट्रैक

 

नासा (NASA) के अनुसार, एस्ट्रोयड 2023 SN6 पृथ्वी के लिए कोई खतरा नहीं है। हालांकि, यह इतना बड़ा है कि अगर यह पृथ्वी से टकराता है तो यह नुकसान पहुंचा सकता है। NASA लगातार संभावित खतरनाक एस्ट्रोइडों पर नजर रखता है। एजेंसी ने 2000 से अधिक एस्ट्रोइडों को ट्रैक किया है। जो पृथ्वी के लिए संभावित रूप से खतरनाक हैं। एस्ट्रोयड 2023 SN6 को पहली बार 18 सितंबर को खोजा गया था। यह एक अपोलो-प्रकार का एस्ट्रोयड है, जिसका अर्थ है कि यह पृथ्वी और चंद्रमा के बीच की कक्षा में घूमता है।

 

 ऐसे जारी किया जाता है अलर्ट

 

नासा (NASA) एक अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी है। यह एस्ट्रोयड्स और उनके आकार, मार्ग, और आक्रमणों के बारे में जानकारी जुटाने के लिए कई टेलीस्कोपों का उपयोग करती है। जब किसी एस्ट्रोयड निकटतम आकस्मिक फलक से लगभग 80 लाख किलोमीटर की दूरी पर पृथ्वी के नजदीक आता है, तो NASA एक अलर्ट जारी करती है। इस अलर्ट का मकसद है, नासा के वैज्ञानिकों और अंतरिक्ष उपग्रहों के सहायता से एस्ट्रोयड की मूल प्रकृति और आकार की जानकारी जुटाना, ताकि उन्हें यदि खतरे की आशंका हो, तो समय रहते तैयारी कर सकें। इसके जरिए नासा और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठन एस्ट्रोयड आक्रमण की संभावना का सामना करने के लिए तैयार रहते हैं। ताकि नुकसान से बचा जा सके।

 

 एस्ट्रोयड्स की रफ्तार होती है काफी तेज

 

एस्ट्रोयड पृथ्वी से लाखों किमी दूर होता है, हालांकि खगोलीय रूप से यह दूरी काफी कम है, यह भीतर आ सकता है और खतरा पैदा कर सकता है। यह खतरा खगोलीय दृष्टि से देखने पर छोटी लग सकता है, लेकिन जब यह पृथ्वी के पास से गुजरता है, तो इसकी रफ्तार बेहद तेज हो सकती है। अनुमान है कि जब यह पृथ्वी के पास से गुजरेगा तब इसकी अनुमानित रफ्तार 30564 किमी प्रति घंटा की हो सकती है। तेज गति के चलते के कारण एस्ट्रोयड के आक्रमक के रुप में परिभाषित किया जाता है। ऐसी स्थिति से तैयारी की आवश्यकता हो सकती है। एस्ट्रोयड बेल्ट में मौजूद ज्यादातर एस्ट्रोयड लोहे जैसी धातुओं से बने हुए हैं। वैज्ञानिक और अंतरिक्ष संगठन एस्ट्रोयड ट्रैकिंग और मॉनिटरिंग में सक्रिय रहते हैं, ताकि इस तरह के संभावित खतरों का सामना किया जा सके और यदि आवश्यक हो, तो कार्रवाई लिया जा सके।

 

 13 लाख से ज्यादा एस्ट्रोयड्स की खोज

 

NASA की वेबसाइट से प्राप्त जानकारी के अनुसार, अंतरिक्ष में अब तक कुल मिलाकर 13 लाख से अधिक एस्ट्रोयड्स की खोज की जा चुकी है। ये एस्ट्रोयड्स सौरमंडल के अलग-अलग क्षेत्रों में पाए गए हैं। इनमें से कुछ का आकार किसी क्रिकेट के मैदान के बराबर है। इन एस्ट्रोयड्स की खोज महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह वैज्ञानिकों को सौरमंडल के बनने के समय और प्रक्रिया की समझ विकसित करने में मदद करते हैं। इन एस्ट्रोयड्स के धातुओं का अध्ययन वैज्ञानिकों को ग्रहों की गतियों, अंतरिक्ष के तापमान, और खगोलीय प्रक्रियाओं के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करता है। एस्ट्रोयड्स का महत्व यह भी है कि वे अधिकांशत: लोहे जैसी धातुओं से बने होते हैं, जो अंतरिक्ष की संरचना और संगठन को समझने में मदद करते हैं।

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