भुवनेश्वर: ओडिशा प्रदेश कांग्रेस कमेटी (ओपीसीसी) ने कहा है कि वह पुरी के जगन्नाथ मंदिर के चारों द्वारों को फिर से खोलने की मांग को लेकर दबाव बनाने के लिए नौ नवंबर को राज्य के सभी जगन्नाथ मंदिरों के पास ‘संकीर्तन सत्याग्रह’ का आयोजन करेगी। ओपीसीसी अध्यक्ष शरत पटनायक ने यहां कांग्रेस भवन में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान सत्याग्रह की घोषणा की।
भक्तों के लिए खोले जाए चारों द्वार
पटनायक ने कहा कि पार्टी ने 16 अक्टूबर को 12वीं सदी के मंदिर के सभी चारों द्वारों को भक्तों के लिए फिर से खोलने की मांग करते हुए पुरी के ग्रैंड रोड पर एक रैली का आयोजन किया था। पार्टी ने श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) के मुख्य प्रशासक के माध्यम से राज्यपाल को एक ज्ञापन भी सौंपा था। उन्होंने कहा कि हमने बीजू जनता दल (बीजद) सरकार से ‘कार्तिक’ की शुरुआत से पहले भक्तों के लिए सभी चार द्वार फिर से खोलने का अनुरोध किया था। राज्य सरकार ने इसे लेकर कोई कदम नहीं उठाया।
पटनायक ने कहा- राज्य सरकार का रवैया अड़ियल
पटनायक ने कहा कि राज्य सरकार के इस रवैये के चलते देशभर से आने वाले भक्तों को मंदिर में प्रवेश के लिए बाहर लंबी कतारों में खड़ा रहना पड़ता है। कांग्रेस नेता ने कहा कि इसी तरह रत्न भंडार (मंदिर के खजाने) को कई वर्षों से आभूषणों और कीमती सामान की मरम्मत तथा इन्हें सूचीबद्ध करने के लिए भी नहीं खोला गया है। उन्होंने कहा कि इसी के चलते हमने नौ नवंबर को सुबह नौ बजे से दोपहर तक ओडिशा के सभी जगन्नाथ मंदिरों के सामने ‘संकीर्तन सत्याग्रह’ आयोजित करने का फैसला किया है। लोगों की भावनाओं व दर्शन पूजन में हो रही परेशानी को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है।
कोविड-19 की वजह से बंद किये गये थे प्रवेश द्वार
कोविड-19 प्रतिबंधों के कारण 20 मार्च, 2020 को चारों द्वारों से मंदिर में भक्तों का प्रवेश बंद कर दिया गया था। इसके बाद जब स्थिति में सुधार हुआ तो सिंह द्वार को भक्तों के लिए फिर से खोल दिया गया। वहीं सरकार ने इसी वर्ष जुलाई में केवल पुरी के निवासियों के लिए पश्चिम द्वार को फिर से खोला था।