नई दिल्ली। मणिपुर में चल रही हिंसा को देखते हुए गृह मंत्रालय ने बीते सोमवार को एक कड़ा कदम उठाया है। गौरतलब है की केंद्र सरकार ने उन सभी उग्रवादियों और आतंकवादियो की गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए यह कदम उठाया है। मणिपुर मे पिछले कुछ महीनों से चल रहे हिंसा के बीच केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक अहम फैसला लिया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अपने फैसले में राष्ट्र विरोधी गतिविधियों और सुरक्षाबलों पर घातक हमले को लेकर मैतेई समुदाय के 9 संगठनो को उग्रपंथी संगठन घोषित किया है, और इसके साथ ही संगठनो पर कुछ सालों के लिए प्रतिबंध लगा दिया गया है ।
मैतेई समुदाय के इन संगठनों पर लगा प्रतिबंध
पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) और इसकी राजनीतिक शाखा, रिवोल्यूशनरी पीपुल्स फ्रंट (आरपीएफ), यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट (यूएनएलएफ) और इसकी आर्म्ड फोर्स मणिपुर पीपुल्स आर्मी (एमपीए), पीपुल्स रिवोल्यूशनरी पार्टी ऑफ कांगलेईपाक (पीआरईपीएके), कांगलेईपाक कम्युनिस्ट पार्टी (केसीपी) और इसकी आर्म्ड फोर्स रेड आर्मी, कांगलेई याओल कनबा लुप (केवाईकेएल), समन्वय समिति (कोरकॉम), फॉर सोशलिस्ट यूनिटी कांगलेईपाक (एएसयूके) इन संगठनों पर केंद्रिय ग्रह मंत्रालय ने 5 साल तक प्रतिबंध लगाया है।
पूर्व में प्रतिबंधित किये गये थे ये संगठन
पीएलए, यूएनएलएफ, पीआरईपीएके, केसीपी, केवाईकेएल को गृह मंत्रालय ने गैरकानूनी गतिविधियां अधिनियम, 1967 के 37 के तहत कई साल पहले बैन कर दिया है। अन्य संगठनों पर बैन अभी-अभी लगा है।
क्यों बढ़ाया गया मोबाईल इंटरनेट पर प्रतिबंध?
ऐसा माना जा रहा है कि असामाजिक तत्व भड़काऊ तस्वीरे, वीडियों को फैलाने के लिए बड़े पैमाने पर इंटरनेट का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसलिए फिलहाल इंटरनेट पर प्रतिबंध लगाया गया है।
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