नई दिल्ली: देश के सबसे चर्चित मर्डर में से एक टीवी पत्रकार सौम्या विश्वनाथन की हत्या के मामले में दिल्ली की साकेत कोर्ट ने दोषियों के सजा का एलान कर दिया है। कोर्ट ने शनिवार को इस मामले में चार दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाते हुए जुर्माना भी लगाया है। जबकि एक को तीन साल की सजा सुनाई गयी।
हालांकि इस मामले सौम्या के परिजन फांसी के सजा की मांग कर रहे थे। लेकिन दिल्ली साकेत कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि यह अपराध रेयरेस्ट ऑफ रेयर नहीं है।
सौम्या विश्वनाथन हत्या मामले में कोर्ट ने चार दोषियों को उम्र कैद
विदित हो कि शुक्रवार को ही दोषियों की सजा पर बहस पूरी हुई थी। दोनों पक्षों की दलील को सुनने के बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था और इसके एक दिन बाद शनिवार को कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। इस अवसर पर सौम्या के परिजन भी मौजूद थे। उन्होंने इस फैसले का स्वागत किया। जबकि दोषियों के वकील की ओर से कहा गया कि वे फैसले को ऊपरी अदाला में चुनौती देंगे।
जानिए कौन थी सौम्या विश्वनाथन:
सौम्या विश्वनाथन प्रमुख अंग्रेजी समाचार चैनल में काम करने वाली पत्रकार थी। 30 सितंबर, 2008 की सुबह जब वह काम से घर लौट रही थीं तब दक्षिणी दिल्ली के नेल्सन मंडेला मार्ग पर उसकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। तब पुलिस ने दावा किया था कि हत्या का मकसद डकैती था।
इन दोषियों को मिली सजा:
अदालत ने दोषी रवि कपूर, अमित शुक्ला, अजय कुमार और बलबीर मलिक को उम्रकैद की सजा सुनाई है। इन सभी को धारा 302, और महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) प्रावधानों के तहत संगठित अपराध करने के लिए दोषी ठहराया था। सभी दोषियों के शपथ पत्रों के सत्यापन के संबंध में अतिरिक्त रिपोर्ट सचिव, दिल्ली राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण (डीएलएसए), दक्षिण, साकेत कोर्ट से प्राप्त हुई। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रवींद्र कुमार पांडे ने फैसला सुरक्षित रखते हुए कहा था कि इसकी एक प्रति राज्य के सरकारी वकील के साथ-साथ दोषियों के संबंधित वकील को भी दी जाए।
आरोपी अजय सेठी को तीन साल की सजा:
मामले में पांचवें आरोपी अजय सेठी को धारा 411 और मकोका प्रावधानों के तहत संगठित अपराध को बढ़ावा देने, सहायता करने या जानबूझकर मदद करने और संगठित अपराध की आय प्राप्त करने की साजिश रचने के लिए दोषी ठहराया गया है। इसे तीन साल की सजा सुनाई गयी है। अभियोजन पक्ष के अनुसार आरोपियों ने 30 सितंबर, 2008 को दक्षिण दिल्ली के नेल्सन मंडेला मार्ग पर पीड़ित की कार को लूटने के लिए उसका पीछा करते समय विश्वनाथन को देशी पिस्तौल से गोली मार दी थी।