सेंट्रल डेस्क। Karnataka Bank Advertisement Controversy: हाल ही में कर्नाटक बैंक (Karnataka Bank) द्वारा जारी किए गए एक विज्ञापन ने सोशल मीडिया पर भारी विवाद खड़ा कर दिया है। आपको बता दें कि बैंक ने अपनी स्थापना दिवस मनाते हुए एक विज्ञापन जारी किया है। इस विज्ञापन में कई महिलाएं दिख रही हैं। उनमें एक महिला को इस्लामिक पोशाक में दिखाया गया है। वहीं इस विज्ञापन में बिंदी या तिलक लगाए हुए किसी भी महिला ग्राहक को नहीं दिखाया गया है जिस पर लोग आपत्ति जता रहे हैं। कई लोगों ने इस विज्ञापन को हिंदू धर्म का अपमान करार दिया है।
क्या दिखाया गया है विज्ञापन में?
Karnataka Bank के विवादित विज्ञापन में चार महिलाओं को दिखाया गया है, जो बैंक के विभिन्न विभागों का प्रतिनिधित्व करती हैं। इनमें से एक महिला ने बुर्का पहना है और बाकी तीन महिलाओं में से एक एयरफोर्स की ड्रेस में है और बाकी दोनों महिलाएं जैकेट-टीशर्ट-कोट जैसे ड्रेस में नजर आ रही हैं, लेकिन उनमें से किसी ने भी माथे पर बिंदी नहीं लगाई है। इस विज्ञापन पर हिंदू समुदाय के कई लोगों ने आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि बिंदी हिंदू महिलाओं की पहचान का प्रतीक है और इसे जानबूझकर हटाना हिंदू धर्म का अपमान है।
Karnataka Bank ने विवाद पर साधी चुप्पी
गौरतलब है कि सोशल मीडिया पर Karnataka Bank के विज्ञापन को लेकर विवाद बढ़ने के बाद भी अभी तक बैंक की ओर से कोई भी आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया
सोशल मीडिया पर इस विज्ञापन को लेकर भारी प्रतिक्रिया मिली है। कई लोगों ने बैंक की आलोचना करते हुए कहा है कि यह विज्ञापन हिंदू विरोधी है। वहीं कुछ लोगों ने बैंक का बचाव करते हुए कहा है कि इसमें कोई गलत नहीं है। वहीं कई लोग तर्क दे रहे है की बिंदी या तिलक लगाए हुए महिला को दिखाना चाहिए था। ऐसा नहीं करके बैंक प्रबंधन ने हिंदू जनमानस का अपमान किया है। बता दें कि यह विवाद अभी भी जारी है और यह कहना मुश्किल है कि इसका क्या परिणाम होगा। बैंक ने विज्ञापन को वापस लेने का कोई संकेत नहीं दिया है, लेकिन यह संभव है कि वह भविष्य में इस विवाद को शांत करने के लिए कुछ कदम उठाए।
क्या जानबूझकर खड़ा किया गया विवाद
सवाल यह है कि क्या इस मामले में विवाद जानबूझकर खड़ा किया गया है। यह बात ध्यान रखने वाली है कि सभी हिंदू महिलाएं बिंदी नहीं लगाती हैं। वहीं बिंदी लगाना हिंदू धर्म का अनिवार्य हिस्सा नहीं है। विज्ञापन में महिलाओं को बिंदी न लगाने के पीछे बैंक का कोई विशेष इरादा हो सकता है लेकिन इस बात की कोई पुष्टि नहीं हुई है।
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