नई दिल्ली : Snakebite : सर्पदंश यानि सांप के डसने के कारण शरीर में फैले जहर से हर साल हजारों लोगों की जान चली जाती है। अब इस मामले में एक नई खोज सामने आई है। वैज्ञानिकों की मेहनत रंग लाई है। कोबरा काटे या फिर करैत, लोगों की जान नहीं जाएगी। खोज कामयाब रही है और सर्पदंश से दुनियाभर में हर साल हजारों लोगों की जान बचाने में सफलता मिल सकती है क्योंकि इस दिशा में वैज्ञानिकों को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है।
Snakebite: क्या है यह नई खोज
दरअसल, वैज्ञानिकों ने कृत्रिम मानव एंटीबॉडी तैयार की है जो कोबरा, किंग कोबरा व करैत जैसे अत्यधिक विषैले सर्पों के विष को भी निष्क्रिय कर देगा। शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि एंटीबॉडी का प्रभाव पारंपरिक उत्पादों की तुलना में लगभग 15 गुना अधिक पाया गया है।
Snakebite: इस तरह विष को करेगा निष्क्रिय
शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि जिस तरह से एचआइवी व कोविड-19 के विरुद्ध एंटीबॉडी विकसित की गई ठीक उसी तरह यह नया एंटीवेनम भी सर्प के विष को निष्क्रिय कर देगा। शोधकर्ताओं ने कहा है कि यह अध्ययन यूनिवर्सल एंटीबॉडी सोल्यूशन की ओर एक कदम है, जो विभिन्न तरह के सर्पों के विष से हमारी सुरक्षा कर सकता है।
पहली बार उपचार के लिए अपनाई गई रणनीति
चिकित्सकों का कहना है कि यह काफी बड़ी खोज है। पहली बार है कि Snakebite के उपचार के लिए एंटीबॉडी विकसित करने की यह रणनीति अपनाई गई। सर्पदंश में सबसे अधिक प्रभावित होने वालों में भारत और अफ्रीका के इलाके शामिल हैं।
Snakebite: भारत में संर्पदंश से हर साल होती हैं इतनी मौतें
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, भारत में हर साल सांप काटने से लगभग 50 हजार लोगों की मौत हो जाती है। वहीं, इस एंटीवेनम को आने से लगभग इतने लोगों की जान बचाई जा सकेगी। वहीं, हमारे देश में जहरीले सांपों की कुल 13 प्रजातियां हैं। जिनमें से 5 प्रजातियां बेहद खतरनाक है। भारत में सांप के काटने से हर 10 मिनट में एक व्यक्ति की मौत होती है। देश में सर्पदंश की घटनाओं में सबसे पहला स्थान महाराष्ट्र का है। जिसके बाद इस तरह की सबसे ज्यादा घटनाएं गोवा और गुजरात में सामने आती हैं।
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