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एक जुलाई से देश में नए आपराधिक कानून हुए लागू, जानिए, क्या-क्या हुए बदलाव

by Rakesh Pandey
Three new criminal laws came into effect from today
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सेंट्रल डेस्क: Three new criminal laws came into effect from today:  देश में आज यानी एक जुलाई 2024 से तीन नए आपराधिक कानून लागू हो गए। इसके साथ ही देश की आपराधिक न्याय प्रणाली में बड़े बदलाव तो आएंगे ही, अंग्रेजों के शासनकाल में बने कानूनों का भी खात्मा हो जाएगा।

Three new criminal laws came into effect from today:   अंग्रेजों के बनाए कानून की लेंगे जगह

गुलामी के दिनों में बने भारतीय दंड संहिता जिससे आईपीसी (IPC-Indian Penal Code) भी कहते हैं, दंड प्रक्रिया संहिता (Criminal Procedure Law) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (Indian Evidence Act) के स्थान पर भारतीय दंड संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और नया भारतीय साक्ष्य अधिनियम लागू होंगे।

Three new criminal laws came into effect from today:   1960 में बने आईपीसी की नहीं रह गई थी प्रासंगिता

एंड ऑफ कॉलोनियल लॉज जिसमें ‘फ्रॉम विजन टू एक्शन’ पुस्तक के लेखक और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील अश्विनी कुमार दुबे ने कहा कि 1860 की जो भारतीय दंड संहिता थी, उसकी प्रासंगिकता अब इसलिए नहीं रह गई है, क्योंकि इतने सालों के बाद अपराध के तरीके में काफी बदलाव आया है। इसमें तकनीक का इस्तेमाल बढ़ा है। लॉर्ड मैकाले का बनाया कानून दंड के सिद्धांत पर आधारित था, जबकि भारतीय न्याय संहिता वास्तव में न्याय के सिद्धांत पर आधारित है।

Three new criminal laws came into effect from today:   इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस का बढ़ा महत्व

साल 1860 में बने आईपीसी की जगह भारतीय न्याय संहिता लागू होगी। इसके अलावा 1898 में लाए गए सीआरपीसी की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और 1872 के इंडियन एविडेंस एक्ट की जगह भारतीय साक्ष्य अधिनियम के तहत कानूनी कार्रवाई होगी। सीआरपीसी में कुल 484 धाराएं थीं। भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता में 531 धाराएं हैं। अब ऑडियो-वीडियो तरीके से जुटाए गए सबूतों को प्रमुखता दी गई है। इसके अलावा किसी भी अपराध के लिए जेल में अधिकतम सजा काट चुके बंदियों को प्राइवेट बॉण्ड पर रिहा किया जा सकेगा।

Three new criminal laws came into effect from today:   नाबालिग से दुष्कर्म पर मौत, गैंगरेप पर सजा और सख्त

महिलाओं-बुजुर्गों, बच्चों और समाज के उन लोगों को जिन्हें आसानी से न्याय नहीं मिल पाता था और साथ ही किसी भी व्यक्ति के जीवन और स्वाधीनता की सुरक्षा के लिए नए कानून लाए गए हैं। नाबालिग से गैंगरेप पर मृत्युदंड या उम्रकैद की सजा का प्रावधान किया गया है। गैंगरेप में 20 साल या जीवन भर जेल में रहने का प्रावधान है। हिट एंड रन के दोषी को अब 10 साल की सजा मिलेगी। साथ ही महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराध होने पर पीड़ितों को 90 दिन में अपने मामले की नियमित जानकारी मिलने हक होगा। सात साल से अधिक सजा वाले मामलों में प्रारंभिक जांच कर एफआईआर दर्ज करनी होगी। जांच और तलाशी की रिपोर्ट अधिकतम 24 घंटे में कोर्ट के सामने रखनी होगी।

Three new criminal laws came into effect from today:   महिलाओं व बच्चों के खिलाफ अपराध पर नया कानून

महिलाओं और बच्चों के खिलाफ होने वाले अपराधों पर एक नया अध्याय नए कानूनों में जोड़ा गया है। किसी भी बच्चे की खरीद-बिक्री जघन्य अपराध होगा। सहमति से शारीरिक संबंध बनाने की उम्र को नए कानूनों में 15 साल से बढ़ाकर 18 साल कर दिया गया है। वहीं दुष्कर्म पीड़िता का बयान कोई महिला पुलिस अधिकारी ही अभिभावक अथवा रिश्तेदार की मौजूदगी में दर्ज करेगी। ऐसे मामलों में मेडिकल रिपोर्ट सात दिनों के भीतर देनी होगी। पीड़ितों को सुरक्षा देने और दुष्कर्म के मामले में पीड़िता का बयान पुलिस ऑडियो-वीडियो के माध्यम से दर्ज करेगी। साथ ही महिलाओं, 15 साल की आयु से कम उम्र के लोगों, 60 वर्ष की अधिक आयु के बुजुर्गों, दिव्यांगों और गंभीर बीमारी से पीड़ित लोगों को थाने जाने की जरूरत नहीं होगी। उनको पुलिस द्वारा घर पर ही सहायता देनी होगी।

Three new criminal laws came into effect from today:   किसी भी क्षेत्र के थाने में करा सकेंगे एफआईआर

अब सात साल से ज्यादा सजा वाली सभी आपराधिक घटनाओं पर फॉरेंसिक साइंस लैबोरेटरी टीम का घटनास्थल पर जाना अनिवार्य होगा। इससे दोषसिद्ध अनुपात बढ़ेगा। वहीं कोई अपराध होने पर पीड़ित को संबंधित क्षेत्र के थाने में जाने की जरूरत नहीं होगी। अब कोई भी व्यक्ति किसी भी क्षेत्र के थाने में एफआईआर दर्ज करा सकेगा। जीरो एफआईआर के तहत मामला दर्ज होने के बाद कानूनी कार्रवाई में विलंब नहीं होगा। यह एफआईआर दर्ज होने के 15 दिनों के भीतर ओरिजिनल जूरिडिक्शन यानी उस थाने को भेज दी जाएगी, जहां का मामला है। पुलिस को भी शिकायत मिलने के तीन दिनों के भीतर एफआईआर दर्ज करनी होगी।

Three new criminal laws came into effect from today:   थाने गए बिना इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से दर्ज करा सकेंगे रिपोर्ट

वहीं इन कानूनों के लागू होने से कोई भी व्यक्ति अब पुलिस थाना गए बिना ही इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से घटनाओं की रिपोर्ट दर्ज करा सकता है। किसी भी पुलिस ऑफिसर या सरकारी अधिकारी के खिलाफ केस चलाने के लिए 120 दिनों में संबंधित अथॉरिटी को इजाजत देनी होगी। अगर इजाजत नहीं दी जाती है तो भी मान लिया जाएगा कि इजाजत मिल गई है।

Three new criminal laws came into effect from today:   90 दिन के अंदर तय होंगे आरोप

नए कानून लागू होने के साथ ही किसी भी आपराधिक मामले में मुकदमे की पहली सुनवाई के 90 दिनों के अंदर ही आरोप तय कर दिए जाएंगे। वहीं इसके बाद आगे और 90 दिन ही जांच हो सकेगी। आरोपित द्वारा आरोप मुक्त होने का निवेदन 60 दिनों में ही करना होगा। खास बात ये है कि महिलाओं और बच्चों से जुड़े अपराध के लिए धारा 63-99 तक तय की गई हैं। दुष्कर्म को धारा-63 से परिभाषित किया जाएगा। इसकी सजा के बारे में धारा 64 में बताया गया है। गैंगरेप के लिए धारा-70 और यौन शोषण का अपराध धारा 74 में परिभाषित है। दहेज हत्या की धारा-79 और दहेज प्रताड़ना की धारा-84 है।

Three new criminal laws came into effect from today:   शादी का झांसा देकर अब संबंध बनाना दुष्कर्म नहीं

भारतीय दंड संहिता में विवाह का झूठा वादा करने, नाबालिग से दुष्कर्म, भीड़ द्वारा पीट-पीट कर हत्या करने और झपटमारी जैसे मामलों से निपटने के लिए कोई खास प्रावधान नहीं था। अब भारतीय न्याय संहिता में इनके लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं। शादी का वादा या झांसा देकर संबंध बनाने के अपराध को दुष्कर्म से अलग अपराध बनाया गया है। यानी इसे अब दुष्कर्म की परिभाषा में शामिल नहीं किया गया है।

Three new criminal laws came into effect from today:   14 दिनों में मिलेंगे दस्तावेज

महिलाओं और बच्चों के साथ कोई अपराध होता है उनको सभी अस्पतालों में फ्री प्राथमिक उपचार या इलाज दिया जाएगा। वहीं इससे पीड़ित को जरूरी चिकित्सकीय देखभाल तुरंत मिल सकेगी। पीड़ितों के साथ ही आरोपितों को भी एफआईआर, पुलिस रिपोर्ट, चार्जशीट, बयान, स्वीकारोक्ति और अन्य डॉक्यूमेंट 14 दिनों में पाने का अधिकार होगा।

Three new criminal laws came into effect from today:   तलाशी की होगी अब वीडियोग्राफी

संगठित अपराधों और आतंकवाद को नए कानूनों में परिभाषित किया गया है। वहीं राजद्रोह की जगह अब देशद्रोह शब्द का इस्तेमाल होगा। इसके अलावा तलाशी अथवा जब्ती की किसी भी कार्रवाई के दौरान वीडियोग्राफी कराना अनिवार्य होगा। देरी से बचने के लिए अब अदालतें अधिकतम दो बार किसी मुकदमे की सुनवाई स्थगित कर सकेंगी। सभी राज्य सरकारों को गवाह सुरक्षा योजना लागू ही करनी होगी। इसके अलावा नए कानूनों में लैंगिकता की परिभाषा में ट्रांसजेंडर को भी भी शामिल किया गया है।

Three new criminal laws came into effect from today:  सजा माफी में भी किए गए बदलाव

नए कानूनों में सजा की माफी को लेकर भी बदलाव किए गए हैं। अब सजा-ए-मौत को उम्रकैद में बदला जा सकता है। उम्रकैद की सजा को सात साल की जेल में तब्दील करना संभव होगा। सात साल या इससे ज्यादा की जेल की सजा को तीन साल की जेल में बदला जा सकेगा। सात साल या इससे कम की सजा पाए दोषियों को जुर्माने की सजा सुनाई जा सकेगी।

Three new criminal laws came into effect from today:   साक्ष्य अधिनियम में छह धाराएं निरस्त

वहीं भारतीय साक्ष्य अधिनियम में अब कुल 170 धाराएं हैं। पहले इसमें कुल 167 धाराएं थीं। इसमें छह धाराओं को निरस्त कर 2 नई धाराओं के साथ छह उप-धाराओं को जोड़ा गया है। कागजी रिकॉर्ड की तरह ही अब इलेक्ट्रॉनिक सबूत भी कोर्ट में मान्य होंगे। इसमें ईमेल से लेकर सर्वर लॉग, और वॉइस मेल जैसे रिकॉर्ड शामिल हैं।

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