टाउन हॉल, सिदगोड़ा में हुआ जिलास्तरीय कार्यक्रम, लाभुकों में बांटी गई परिसंपत्ति
जमशेदपुर : Vishva aadivasi Divas : विश्व आदिवासी दिवस पर सिदगोड़ा स्थित टाउन हॉल में शुक्रवार को जिलास्तरीय कार्यक्रम हुआ, जिसमें आदिवासी संस्कृति व परंपरा की झलक देखने को मिली। दर्शकों से खचाखच भरे सभागार में आदिवासी परंपरा एवं संस्कृति को जीवंत करते कलाकारों की अद्भुत प्रस्तुति ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। इसके साथ ही आदिवासी संस्कृति से जुड़े खानपान के स्टॉल भी विशेष आकर्षण का केंद्र रहे। कार्यक्रम में नुक्कड़ नाटक, संताली नृत्य, छऊ नृत्य, बाहा नृत्य पर स्थानीय कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति दी, जिससे दर्शकों ने खूब सराहा।
इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ-साथ स्कूल स्तर पर आयोजित क्विज, डांस, स्टोरी टेलिंग, पेंटिंग प्रतियोगिता के विजेताओं को स्वास्थ्य व खाद्य आपूर्ति मंत्री बन्ना गुप्ता ने सम्मानित किया। मंत्री ने मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना, वन पट्टा, सर्वजन पेंशन, मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना, स्वयंसहायता समूह को क्रेडिट लिंकेज आदि योजना के 30 लाभुकों के बीच स्वीकृति पत्र एवं परिसंपत्ति का वितरण किया।
इस दौरान मंत्री ने कहा कि आदिवासी समाज को शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि के क्षेत्र में प्रगति के पथ पर अग्रसर होना है। इन्हीं विकासशील कार्यों के लिए राज्य सरकार संकल्पित है। आदिवासी संस्कृति को विश्व भर में पहचान दिलाने के लिए प्रयासरत है। राज्य स्तरीय दो दिवसीय आदिवासी महोत्सव इसी कड़ी में एक प्रयास है, जहां देश के अलग-अलग प्रांत के आदिवासी संस्कृति एवं परंपरा के ध्वजवाहक अपने नृत्य-गीत कौशल से राज्यवासियों को रूबरू करा रहे हैं ।
उपायुक्त अनन्य मित्तल ने सभी को शुभकामना देते हुए कहा कि यह विशेष दिवस आदिवासी परंपराओं, संस्कृति एवं प्रकृति के प्रति सच्चे प्रेम की याद दिलाता है।
वरीय पुलिस अधीक्षक किशोर कौशल ने कहा कि समाज जागरूक तभी कहलाता है, जब आम जनता अपना अधिकार समझते हैं। यह दिवस हम सभी के लिए गौरवान्वित होने का अवसर है।
कार्यक्रम में विभिन्न आवासीय विद्यालय के बच्चे, अभिभावक, विभिन्न योजनाओं के लाभुक शामिल हुए।
इस दौरान पीडी आईटीडीए दीपांकर चौधरी, एएमसी मानगो नगर निगम रंजीत लोहरा, जिला कल्याण पदाधिकारी राजेंद्र गुप्ता व अन्य अतिथियों ने दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन किया । अतिथियों का स्वागत पारंपरिक नृत्य एवं वाद्य यंत्रों के साथ लोटा-पानी से किया गया।