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केंद्र सरकार ने ब्रॉडकास्ट बिल 2024 लिया वापस, जानिए क्या था इस बिल में, जिसका हो रहा था विरोध

by Rakesh Pandey
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नई दिल्ली : Broadcasting  Draft Bill 2024 : केंद्र सरकार ने ब्रॉडकास्टिंग ड्राफ्ट बिल-2024 वापस ले ल‍िया है। सरकार ने सोमवार को कहा कि वह बिल का नया मसौदा तैयार करने के लिए और विचार-विमर्श करेगी। सरकार का यह बयान प्रस्तावित कानून में सोशल और डिजिटल मीडिया पर पाबंदियों को लेकर कुछ हलकों में चिंता के बीच आया था।

पिछले साल नवंबर में इंफॉर्मेशन एंड ब्रॉडकास्टिंग मिनिस्ट्री ने इस बिल का ड्राफ्ट तैयार किया था। इसे पब्‍ल‍िक के लिए रखा गया, ताकि उस पर आपत्‍त‍ियां और सुझाव लिए जा सकें।

वहीं, बिल का दूसरा ड्राफ्ट जुलाई में आया। केंद्रीय आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मानसून सत्र में इसे पेश भी क‍िया, लेकिन इसके प्रावधानों को लेकर मीडिया में काफी नाराजगी थी। डिजीपब और एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया जैसे मीडिया संगठनों ने आलोचना की थी, जिन्होंने दावा किया कि इस कदम पर डिजिटल मीडिया संगठनों और नागरिक समाज से परामर्श नहीं किया गया।

नवंबर 2023 में किया गया था सार्वजनिक

वहीं इससे पहले ड्राफ्ट बिल को 10 नवंबर 2023 को सार्वजनिक किया गया था। तब इससे जुड़ी संस्‍थाओं और जनता से बिल पर सुझाव मांंगे गए थे। मंत्रालय ने ये भी कहा कि कई सिफारिशें, टिप्पणियां और सुझाव प्राप्त हुए हैं। ड्राफ्ट बिल में डिजिटल कंटेंट को ओटीटी और डिजिटल न्यूज के साथ जोड़ने की बात की गई है। इसीलिए मंत्रालय इस पर फैसला लेगा और जल्द नया ड्राफ्ट सामने आएगा।

Broadcasting Bill 2024 : कंटेंट क्रिएटर को करना पड़ता प्रमाणित

प्रसारण सेवा विधेयक का ताज़ा संस्करण सभी ऑनलाइन कंटेंट क्रिएटरों को अलग-अलग वर्गों में बांट सकता है। वहीं यह एक ऐसा वर्गीकरण है जिसमें यूट्यूब और इंस्टाग्राम पर स्वतंत्र पत्रकारों से लेकर लिंक्डइन पर विचार रखने वाले, समाचार पत्र लेखकों तक शामिल हैं। हालाकि ओटीटी प्रसारक या डिजिटल समाचार प्रसारक के रूप में भी वर्गीकरण किया जा सकता है।

इसके अलावा कंटेंट क्रिएटर्स को अन्य बातों के अलावा, कंटेंट को पूर्व-प्रमाणित करने के लिए कंटेंट इवैल्युएशन कमेटी यानी सीईसी गठित करने की आवश्यकता होती। इसी तरह के कई विवादास्पद प्रावधान थे।

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