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Exclusive: झारखंड के आंगनबाड़ी केंद्रों में कमीशन मांगने का ऑडियो वायरल, मचा हड़कंप

जमशेदपुर सदर में पदस्थापित रहीं बाल विकास परियोजना पदाधिकारी दुर्गेश नंदिनी वर्तमान में सरायकेला-खरसावां में पदस्थापित हैं।

by Rohit Kumar
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जमशेदपुर : झारखंड सरकार के महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग के अंतर्गत संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों में जमकर कमीशनखोरी का खेल चल रहा है। पूर्वी सिंहभूम जिले में अब इससे जुड़ा दो ऑडियो वायरल होने लगा है। इसमें आंगनबाड़ी सेविकाओं से 1000 रुपये से लेकर 50 फीसद तक कमीशन की मांग करते हुए सुना जा रहा है। इस बीच इस मामले में कुछ सेवाकाओं की तरफ से पूर्व में जमशेदपुर सदर में पदस्थापित रहीं बाल विकास परियोजना पदाधिकारी के खिलाफ उपविकास आयुक्त से लिखित शिकायत की गई है। इसमें दावा किया गया है कि मैडम दूसरी सेविकाओं से अलग-अलग योजनाओं के लिए प्राप्त होने वाली राशि में कमीशन की मांग करती हैं।

कमीशन मांगने की बात की गई रिकॉर्ड

शिकायतकर्ताओं की तरफ से दावा किया जा रहा है कि योजनाओं के बदले कमीशन मांगने से संबंधित सबूत मौजूद हैं। वसूली के इस पूरे खेल में कुछ सेविकाएं भी शामिल हैं। वह फोन कर पैसा देने के लिए दबाव बनाती हुई सुनाई दे रही हैं। शिकायत पत्र में किए गए दावे से जुड़ा ऑडियो वायरल होने के बाद विभाग में हड़कंप मच गया है। महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग के सचिव मनोज कुमार ने ‘द फोटोन न्यूज’ से बातचीत में कहा कि लिखित शिकायत के आधार पर मामले की जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। जमशेदपुर सदर में पदस्थापित रहीं बाल विकास परियोजना पदाधिकारी दुर्गेश नंदिनी वर्तमान में सरायकेला-खरसावां में पदस्थापित हैं।
कोट
यदि विभाग में लिखित शिकायत की जाती है, तो इस मामले में जांच कराने के बाद कार्रवाई जरूर होगी।

  • मनोज कुमार, सचिव, महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग, झारखंड

ऑडियो में रिकॉर्ड बातचीत का अंश

पहली आवाज : हैलो
दूसरी आवाज : हैलो।
पहली आवाज : कहां रहते हैं।
दूसरी आवाज : क्या बोलेंगे दीदी, आप तो जानते ही हैं, घर का हाल। बड़ी दिक्कत है।
पहली आवाज : मैडम मांग रही है।
दूसरी आवाज : क्या मांग रही है?
पहली आवाज : अगस्त का वाउचर और आॅडिट का एक हजार रुपया
दूसरी आवाज : पैसा ही नहीं है, पैसा कहां से लाएंगे, घर में सब का तबीयत खराब हो गया है।
पहली आवाज : नहीं है तो मत दीजिए, हमको बोला गया है तो हम बोल रहे हैं।
पहली आवाज : 16 महीना का हाउसरेंट मांग रही है मैडम, अप्रैल 2023 से जुलाई 2024 तक का।
दूसरी आवाज : हाउस रेंट मिल रहा है?
पहली आवाज : पुराना दर से भरना है।
दूसरी आवाज : मैडम हमलोग तो एक बार 4 हजार के दर से भरे थे।
पहली आवाज : हां, तो पैसा आएगा तो भेजेंगे।
दूसरी आवाज : बार-बार थोड़ी ना आएगा। एक ही बार ना पैसा आता है।
पहली आवाज : एक हजार वाला आया है।
दूसरी आवाज : आने से तो सरकार एक ही साथ ना भेजता है?
पहली आवाज : अब जो करेगा वो ही जाने
दूसरी आवाज : कैसे होगा दीदी, पैसा नहीं है मेरे पास।
पहली आवाज : पैसा कैसे नहीं है, दो दिन पहले ही दस हजार रुपया आया है, अभी भी भेजेगी हाउस रेंट।
दूसरी आवाज : दस हजार का तो कर्जा में ही डूबे हैं दीदी, वह भी दे देंगे तो खाएंगे कहां से?
पहली आवाज : ठीक है मत दीजिए। आप जानें और आपका मैडम जानें, हमको क्या है, हमको बोला गया तो हम बोल रहे हैं।
दूसरी आवाज : हाउस रेंट का कितना देना होगा?
पहली आवाज : अभी तो नहीं बोली है पर हाउस रेंट का तो 20 प्रतिशत लेबे करती है मैडम, पता नहीं है आपको।
दूसरी आवाज : देना ही होगा तब तो। आप तो बोले कि मैडम चली गई है।
पहली आवाज : कहां बोले मैडम चली गई, मैडम जनवरी तक रहेगी।
दूसरी आवाज : तब तो कर्जा लेकर ही देना होगा।
पहली आवाज : कब तक दीजिएगा?
दूसरी आवाज : रुकिए, पैसा का जुगाड़ करना होगा।
नोट : एक दूसरा ऑडियो भी वायरल है, जिसमें 50 फीसद कमीशन लेने का दावा किया गया है।

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