चक्रधरपुर/राजेश्वर पांडेय : दक्षिण पूर्व रेलवे चक्रधरपुर रेल मंडल के हावड़ा मुंबई मुख्य रेल मार्ग के ओडिशा के बंडामुंडा रेलवे स्टेशन के नजदीक सोमवार रात करीब 9:30 बजे मालगाड़ी ने हाथियों के झुण्ड को टक्कर मार दी। ट्रेन के जोरदार टक्कर से एक शिशु हाथी की घटना स्थल पर मौत हो गयी है, जबकि दो हाथी घायल गए। घटना के बाद ट्रेनों का परिचालन चक्रधरपुर रेल मंडल में 5 घंटे तक ठप्प रहा।
इस घटना का सीधा असर हावड़ा मुंबई रेल खंड पर चलने वाली ट्रेनों पर पड़ा। ट्रेनें विभिन्न स्टेशनों में रुकी रही और यात्री परेशान रहे। यह घटना ओडिशा के सुंदरगढ़ जिले के राउलकेला पानपोष वन रेंज में घटी। जानकारी के मुताबिक हाथियों का झुण्ड बंडामुंडा रेल खंड के ए-केबिन और आर-केबिन के बीच घूम रहा था। तभी एक तेज रफ़्तार मालगाड़ी हाथियों का झुण्ड के करीब पहुंची और झुण्ड को टक्कर मार दी। बताया जाता है कि रेल पटरी पर 26 हाथियों का यह झुण्ड था। ट्रेन के टक्कर से इस झुण्ड में शामिल एक शिशु हाथी की घटना स्थल पर ही मौत हो गयी थी, जबकि दो हाथी घायल हो गए थे।
रात 9:30 बजे से 2.30 बजे तक ट्रेन परिचालन ठप्प
हाथियों के झुण्ड के पटरी पर मौजूद रहने के कारण ट्रेनों का परिचालन रोक दिया गया था। कई ट्रेनें चक्रधरपुर रेल मंडल के कई स्टेशनों में रुक गयी थी। समलेश्वरी एक्सप्रेस, हापा शालीमार एक्सप्रेस समेत कुछ मालगाड़ी राउरकेला रेलवे स्टेशन में रोक कर रखी गयी थी। शालीमार कुर्ला एक्सप्रेस गोईलकेरा स्टेशन के पास खड़ी थी। ट्रेनों का परिचालन अचानक रोक दिए जाने से इधर स्टेशनों में यात्री भी परेशान हैं। रात के 9:30 बजे से लेकर रात के 2.30 बजे तक ट्रेन परिचालन ठप्प था।
चक्रधरपुर रेल मंडल में ट्रेन से हाथियों की मौत लगातार
चक्रधरपुर रेल मंडल में ट्रेन से हाथियों की मौत कोई नयी बात नहीं है। हर साल हाथियों की मौत ट्रेन से कटकर हो रही है। लेकिन हाथियों को ट्रेन की चपेट में आने से बचाने में रेलवे और वन विभाग दोनों ही नाकाम हैं। बता दें कि चक्रधरपुर रेल मंडल में बीते 18 अगस्त को सुंदरगढ़ जिले के कोइड़ा वन रेंज के चोरधरा स्थित बरसुआ वन रेंज में भी ट्रेन की चपेट में आने से एक शिशु हाथी की मौत हो गई थी। चक्रधरपुर रेल मंडल में लगातार जंगली हाथियों की मौत ट्रेनों से कटकर हो रही है। जो कि चिंता का विषय है। बताया जा रहा है हाथियों को सुरक्षित करने के मामले में रेलवे और वन विभाग के बीच आपसी तालमेल का घोर अभाव है। दोनों में तालमेल नहीं होने का दंश बेजुबान जंगली जानवर भुगत रहे हैं। चक्रधरपुर रेल मंडल में हर साल हाथियों की मौत ट्रेन से हो रही है।
ट्रेन चालकों पर केस दर्ज
सुंदरगढ़ जिले के बंडामुंडा वन खंड के अधीनस्थ बंडामुंडा रेल खंड स्थित ए–केबिन के निकट बीते रात ट्रेन के चपेट में आने से एक बच्चा हाथी की मौत ने कई सवाल खड़े किये हैं। हाथियों की सुरक्षा को लेकर वन विभाग के द्वारा बनाए गए तमाम योजना पर भी अब सवाल उठने लगे है। इस घटना के बाद लोगों के मन में सवाल उठने लगे है कि लगातार ट्रेनों के चपेट में आने से हो रहे हाथियों की मौत के पीछे आखिर कौन जिम्मेदार है। इसी सवाल को लेकर एक बार फिर हाथी की मौत पर वन विभाग और रेलवे आमने-सामने हो गये हैं। वन विभाग के अधिकारियों ने घटना के बाद दुर्घटना घटने वाले ट्रेन के चालक मनोज कुमार और सहायक ट्रेन चालक कविराज महातो को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। हालांकि पूछताछ के बाद हिरासत में लिए गए ट्रेन चालक और सहायक ट्रेन चालक पर वन विभाग द्वारा हाथी मृत्यु का मामला दर्ज किया गया है।
उधर सुबह होते ही राउरकेला डीएफओ यशवंत शेठी भी घटनास्थल पर पहुंचे। जिसके बाद मृतक हाथी का पोस्टमार्टम किया गया। पोस्टमार्टम के बाद हाथी के शरीर को निकट के जंगल में दफना दिया गया। मालूम हो कि रात में हाथी के मौत के बाद झुंड के 24 हाथी सुबह के समय संतोषपुर के जाराटोली के तरफ रुख किए। जबकि एक मादा हाथी अपने बच्चे के साथ घटनास्थल से निकट के एक जंगल में रह गया। वन विभाग के तरफ से इन दोनों हाथियों के खानपान के लिए व्यवस्था की गई। घटनास्थल पर मौजूद डीएफओ ने बताया कि हाथी आने की सूचना बंडामुंडा रेलवे कंट्रोल रूम को अग्रिम दे दी गई थी। जिसके बाबजूद भी रेलवे एलीफेंट जोन में तेज रफ्तार में ट्रेनों का परिचालन कर रहे थे। जिस कारण ट्रेन के चपेट में आने के कारण बच्चा हाथी की मौत हो गई। डीएफओ के बयान के बाद अब सवाल यह उठ रहा है कि अगर वन विभाग के द्वारा हाथियों का आगमन का अग्रिम सूचना दी गई थी तो फिर रेलवे कंट्रोल ने मामले को गंभीरता से क्यों नहीं लिया। रेलवे की इस गलती का खामियाजा एक बेजुबान जानवर की जान देकर चुकाना पड़ा।
ट्रेन चालकों ने बंडामुंडा क्रू लॉबी के समक्ष धारणा प्रदर्शन
ट्रेन चालकों के नाम पर मामला दर्ज होने पर मंगलवार की सुबह ट्रेन चालकों ने बंडामुंडा क्रू लॉबी के समक्ष धारणा प्रदर्शन करते हुए कहा कि इस घटना में ट्रेन चालकों की कोई गलती नहीं है। रेलवे कंट्रोल के तरफ से ट्रेन चालकों को एलीफेंट मूवमेंट की कोई सूचना नहीं दी गई थी। ऐसी स्थिति में ट्रेन चालकों पर मामला दर्ज किए जाने की घटना पर तमाम ट्रेन चालक और संगठन ने निंदा की गई है। गौरतलब है कि इन दिनों बंडामुंडा, बिसरा, भालूलता, बारसुआ, बिमलगढ़ आदि हाथी जोन पर हाथियों का भ्रमण शुरू हो चुका है। ऐसे में अगर इन हाथियों की सुरक्षित यात्रा का कोई उपाय नहीं निकाला गया तो आगामी दिनों में भी हाथी मृत्यु का मामला ऐसे ही बरकरार रहेगा।