सेंट्रल डेस्कः जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ 10 नवंबर 2024 को रिटायर होने वाले हैं। केंद्र सरकार ने पिछले हफ्ते सीजेआई चंद्रचूड़ को पत्र लिखकर इस पद के लिए उनकी राय मांगी थी, जिसके बाद चंद्रचूड़ ने अपने उत्तराधिकारी के रूप में सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजीव खन्ना के नाम की सिफारिश की है। अगर केंद्र सरकार चीफ जस्टिस के इस नामांकन को मंजूरी देती है, वे 10 नवंबर को 51वें CJI के रूप में इस पद का कार्यभार संभालेंगे।
कौन हैं संजीव खन्ना?
संजीव खन्ना का कानून से गहरा रिश्ता है उन्होंने 14 मई, 1960 को एक प्रमुख कानूनी परिवार में जन्म लिया था, उनके पिता दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति देवराज खन्ना हैं साथ ही वह सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश हंसराज खन्ना के भतीजे भी हैं।
कहां से पूरी की शिक्षा
उन्होंने दिल्ली के बाराखंभा रोड स्थित मॉडर्न स्कूल में शिक्षा प्राप्त की, जिसके बाद साल 1980 में दिल्ली विश्वविद्यालय से ग्रेजुएट डिग्री प्राप्त की और दिल्ली विश्वविद्यालय के कैंपस लॉ सेंटर से कानून की डिग्री प्राप्त की।
कानून में करियर
उन्होंने 17 जून, 2023 से 25 दिसंबर, 2023 तक सुप्रीम कोर्ट कानूनी सेवा समिति के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। वर्तमान में, वे राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष और भोपाल में राष्ट्रीय न्यायिक अकादमी की शासी परिषद के सदस्य हैं। न्यायमूर्ति खन्ना ने सर्वोच्च न्यायालय में अपने कार्यकाल के दौरान महत्वपूर्ण मामलों में भाग लिया, जिनमें चुनावी बॉन्ड योजना, जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को निरस्त करना और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका से संबंधित मामले शामिल हैं।
उल्लेखनीय पारिवारिक इतिहास
उनके चाचा न्यायमूर्ति हंसराज खन्ना 1976 के ऐतिहासिक “बंदी प्रत्यक्षीकरण मामले” में अपने असहमतिपूर्ण निर्णय के लिए जाने जाते हैं। इसके बाद इंदिरा गांधी सरकार ने न्यायमूर्ति हंसराज खन्ना सहित कई न्यायाधीशों की वरिष्ठता को दरकिनार करते हुए न्यायमूर्ति एमएच बेग को मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया था। न्यायमूर्ति खन्ना 65 वर्ष की आयु से ठीक पहले 13 मई, 2025 तक 6 महीने के लिए मुख्य न्यायाधीश बने रहेंगे।
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