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BJP vs Congress : जमशेदपुर में हमलावर हुई BJP, डॉ. अजय कुमार को बताया मजदूर विरोधी

उन्होंने वादा किया था कि हर साल 500 अस्थायी मजदूरों को स्थायी किया जाएगा, लेकिन बाद में इसे घटा दिया गया, जिससे मजदूरों में असंतोष फैला।

by Anand Mishra
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जमशेदपुर : जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. अजय कुमार खिलाफ भाजपा ने हमलावर तेवर अख्तियार कर लिया है। भाजपा के जिला नेताओं ने कहा है कि डॉ. अजय कुमार अपनी संभावित हार से बौखलाहट में हैं और जनता को गुमराह करने के एजेंडे पर चल रहे हैं। इन आरोपों को पूर्व जिला भाजपा अध्यक्ष रामबाबू तिवारी, चंद्रशेखर मिश्रा, और पूर्व जिला महामंत्री राकेश सिंह ने संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में साझा किया। उन्होंने कहा कि अजय कुमार चुनावी हार से बचने के लिए झूठे आरोप लगा रहे हैं और जनता को भटकाने की कोशिश कर रहे हैं।

जिला भाजपा के पूर्व अध्यक्ष रामबाबू तिवारी ने डॉ. अजय कुमार को ‘भगोड़ा’ और ‘पलटूराम’ कहकर संबोधित करते हुए उनके करियर को संदिग्ध बताया। उन्होंने आरोप लगाया कि अजय कुमार का चाल, चरित्र और चेहरा अवसर के अनुसार बदलता रहता है। तिवारी ने कहा कि अजय कुमार ने कभी भी निष्पक्षता और ईमानदारी से कार्य नहीं किया। एसपी के पद पर रहते हुए उन्होंने टाटा प्रबंधन से नजदीकियां बढ़ाईं और सरकारी नौकरी छोड़कर कारपोरेट क्षेत्र में प्रवेश कर गये।

उन्होंने कहा कि वहां मन भरने के बाद उन्होंने राजनीति में कदम रखा, पहले झारखंड विकास मोर्चा में शामिल होकर सांसद बने और फिर कांग्रेस का दामन थाम लिया। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष बने, फिर इस्तीफा देकर लौटे और अब विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं। उनका मुख्य उद्देश्य अपने कारपोरेट मित्रों को लाभ पहुंचाना है, और क्षेत्र की जनता को ऐसे व्यक्तित्व से सावधान रहने की आवश्यकता है।
इस दौरान भाजपा नेताओं ने अपील की कि वे अजय कुमार के व्यक्तित्व और कार्यशैली को समझें और उन्हें समर्थन देने से पहले उनकी मंशा पर गौर करें। उन्होंने कहा कि अजय कुमार का पूरा राजनैतिक जीवन आत्म-हित से प्रेरित रहा है और इस बार भी जनता को गुमराह करने के उद्देश्य से उन्होंने कांग्रेस का चोला पहना है।

भाजपा नेताओं ने अजय कुमार के टाटा मोटर्स (पूर्व टेल्को) के डीजीएम (एचआर) कार्यकाल को याद करते हुए उन पर मजदूर-विरोधी नीतियां लागू करने का आरोप लगाया। भाजपा नेताओं ने कहा कि अजय कुमार ने अपने कार्यकाल में मजदूरों के हितों को काफी नुकसान पहुंचाया, जिससे उन्हें भारी आर्थिक हानि का सामना करना पड़ा। उन्होंने बोनस प्रणाली में बदलाव करते हुए इसे फिक्स्ड कर दिया, जिससे मजदूरों को प्रतिवर्ष मिलने वाला उत्पादन-आधारित बोनस कम हो गया। यहां तक कि इस निर्णय से तत्कालीन टेल्को वर्कर्स यूनियन के महामंत्री गोपेश्वर भी इतने आक्रोशित हुए कि वह वार्ता में फाइल फेंककर चले गए थे।

भाजपा नेताओं ने कहा कि अजय कुमार ने टेल्को श्रमिकों की स्वास्थ्य सेवाओं में भी भारी कटौती की। पहले कंपनी के खर्चे पर श्रमिकों और उनके माता-पिता को बेहतर इलाज के लिए बाहर भेजा जा सकता था, लेकिन अजय कुमार ने आते ही इस सुविधा को समाप्त कर दिया। इसी प्रकार अस्थायी मजदूरों और उनके आश्रितों के लिए भी चिकित्सा सुविधा में कटौती कर दी गई। उन्होंने वादा किया था कि हर साल 500 अस्थायी मजदूरों को स्थायी किया जाएगा, लेकिन बाद में इसे घटा दिया गया, जिससे मजदूरों में असंतोष फैला। जब रघुवर दास झारखंड के श्रम मंत्री बने, तो उन्होंने प्रति वर्ष 200 अस्थायी कर्मचारियों को स्थायी करने का समझौता करवाया, जो आज भी चल रहा है।

डॉ. अजय कुमार पर भाजपा नेताओं ने यह भी आरोप लगाया कि उन्होंने टेल्को कैंटीन में भी वादों का उल्लंघन किया। इसके अलावा टेल्को अस्पताल के पार्क एवं गार्डन के कर्मचारियों और मुखी समाज के सफाई कर्मियों को हटाया गया। कर्मचारियों को मिलने वाली राशन की सुविधा में भी कटौती की गई, जिससे कर्मचारियों और उनके परिवारों पर वित्तीय संकट का असर पड़ा।

रामबाबू तिवारी व अन्य ने डॉ. अजय कुमार पर आरोप लगाया कि उन्होंने टेल्को बस्ती में भी दमनकारी नीति अपनाई थी। टेल्को के ग्वाला बस्ती के गायत्री नगर में पानी की पाइपलाइन काट दी गई थी, जिससे लोगों को पीने के पानी के लिए संघर्ष करना पड़ा। बर्मामाइंस के रघुवर नगर और भुइयांडीह के निर्मल नगर, कल्याण नगर और भुइयां नगर में पानी के कनेक्शन को लेकर आंदोलनरत वाशिंदों पर भी कड़ा दमन चक्र चलाया गया। बर्मामाइंस लांग टॉम बस्ती को आधी रात में तोड़वाया गया, जिसमें कई लोग बेघर हो गए। बाद में रघुवर दास ने इन निवासियों को पुनः बसाया, जिसके प्रति आभार स्वरूप उन्होंने उस बस्ती का नाम “रघुवर नगर” रखा।

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