नई दिल्लीः लोक संगीत की एक सशक्त आवाज़ और ‘बिहार कोकिला’ के नाम से मशहूर शारदा सिन्हा अब हमारे बीच नहीं रहीं। लेकिन उनका संगीत और उनके गाने हमेशा के लिए हमारे दिलों में जीवित रहेंगे। लंबे समय से बीमार चल रहीं शारदा सिन्हा का जीवन उनके लिए एक बहुत बड़ी व्यक्तिगत त्रासदी का सामना कर चुका था—उनके पति, ब्रजकिशोर सिन्हा का निधन। पति के खोने का दर्द उनकी सेहत पर गहरा असर डाल रहा था, और उनके निधन के बाद शारदा की तबियत लगातार खराब होती गई।
ब्रजकिशोर सिन्हा का निधन 22 सितंबर 2024 को ब्रेन हैमरेज के कारण हुआ था। 54 साल तक एक-दूसरे का साथ निभाने के बाद शारदा सिन्हा को अपने जीवनसाथी से हमेशा के लिए अलविदा लेनी पड़ी। पति की मौत के एक सप्ताह बाद 1 अक्टूबर 2024 को शारदा सिन्हा ने एक भावुक पोस्ट फेसबुक पर साझा किया था, जिसमें उन्होंने अपने पति के साथ बिताए गए खुशनुमा पल और उनके साथ की अंतिम मुलाकात का जिक्र किया था। वह पोस्ट अब उनकी आखिरी इच्छा और जीवन के अंतिम समय की एक याद के तौर पर उनकी विरासत बन गई है।
‘मैं जल्द ही आऊंगी’ – शारदा का भावुक वादा
अपने पोस्ट में शारदा सिन्हा ने लिखा था कि वह अपने पति के बिना अपने जीवन को अधूरा महसूस करती हैं। उन्होंने कहा, “बिना सिन्हा साहब के ये दिन शूल सा गड़ता है।” वह अपने पति की यादों में खो गईं, और उन्होंने एक इमोशनल संदेश लिखा, “आज मैं क्या, पूरी दुनिया ही उन्हें फूलों से सजा रही है।” शारदा ने अपनी आखिरी मुलाकात का जिक्र किया जब उन्होंने ब्रजकिशोर से कहा था, “तीन दिन में लौट आऊंगी, आप अपना ध्यान रखिएगा।” ब्रजकिशोर ने जवाब दिया था, “मैं बिल्कुल ठीक हूं, आप बस स्वस्थ रहिए और जल्दी लौट आइए।” यह अंतिम मुलाकात शारदा के लिए एक गहरी चोट बन गई, क्योंकि उनकी आखिरी मुलाकात में कोई नहीं जानता था कि यह हमेशा के लिए होगी।
पति के बिना शारदा का जीवन
शारदा सिन्हा ने अपनी पोस्ट में लिखा कि पति के निधन के बाद उनका जीवन एक सुनसान खामोशी और दर्द भरे शूल जैसा हो गया था। उनका कहना था, “सिन्हा साहब की मौजूदगी का एहसास मुझे तो है, दोनों बच्चों वंदना और अंशुमन को तो ऐसा लगता है जैसे पिताजी कहीं गए हैं, थोड़ी देर से लौट आएंगे।” यह शब्द उनके अंदर छुपे हुए गहरे दुःख और अकेलेपन को व्यक्त करते हैं।
शारदा सिन्हा की पोस्ट से यह स्पष्ट होता है कि उन्होंने अपने जीवनसाथी के साथ बिताए हर पल को बेहद प्यार और सम्मान के साथ याद किया। उनके जीवन में ब्रजकिशोर सिन्हा का स्थान एक सशक्त सहायक और दोस्त का था, जो हर मोड़ पर शारदा का समर्थन करते रहे। उनके निधन ने शारदा को मानसिक और भावनात्मक रूप से गहरे सदमे में डाल दिया था।
शारदा का आखिरी संदेश और उनकी विरासत
शारदा सिन्हा की आखिरी पोस्ट में एक और भावुक संदेश था, जिसमें उन्होंने लिखा था, “सिन्हा साहब, आपकी बहुत याद आ रही है।” उनका यह शब्द उनके और ब्रजकिशोर के बीच की गहरी प्यार और जुड़ाव को बयां करता है। वह हमेशा अपने पति के बिना अपने जीवन को अधूरा महसूस करती थीं।
शारदा सिन्हा की यादें उनके फैंस के दिलों में हमेशा बनी रहेंगी। उनकी गायन यात्रा, उनके गाने और उनकी आवाज़ को लोग हमेशा याद करेंगे। उनके निधन के बाद भी उनके चाहने वाले हमेशा उनकी आवाज़ और संगीत को जीवित रखेंगे। उनका अंतिम संस्कार 7 नवंबर 2024 को पटना में उनके पति के साथ हुई अंतिम विदाई की जगह किया जाएगा, जैसे उनकी आखिरी इच्छा थी।