पटना : बिहार में अगले साल 2025 में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और इस चुनावी साल में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है। नीतीश कुमार ने 15 दिसंबर से ‘महिला संवाद यात्रा’ शुरू करने का ऐलान किया है। इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य महिलाओं के बीच अपनी सरकार की योजनाओं को प्रचारित करना और उन्हें अपने पक्ष में करना है।
वहीं, नीतीश कुमार की इस यात्रा को लेकर विपक्षी पार्टी, खासकर राजद ने तंज कसा है। राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने सीएम नीतीश की यात्रा पर हमला बोलते हुए कहा कि अब चुनावी साल में उनकी यात्रा का कोई महत्व नहीं है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि नीतीश कुमार ने पिछले 20 सालों में जो यात्राएं कीं, उनमें जनता की गाढ़ी कमाई को लुटाया गया और अब उन्हें इन यात्राओं पर हुए खर्च का हिसाब देना चाहिए।
‘महिला संवाद यात्रा’ का उद्देश्य
नीतीश कुमार की ‘महिला संवाद यात्रा’ का मुख्य उद्देश्य राज्य की महिलाओं के बीच अपनी सरकार की योजनाओं और विकास कार्यों का प्रचार करना है। बिहार और उत्तर भारत के अन्य राज्यों में महिला वोटरों का महत्वपूर्ण प्रभाव होता है और चुनावों में उनकी भूमिका अहम रहती है। हाल के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन ‘महायुति’ और झारखंड विधानसभा चुनावों में महिलाओं ने हेमंत सोरेन की पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेतृत्व वाले ‘इंडिया’ गठबंधन को जीत दिलाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया था। इसी वजह से नीतीश कुमार भी अब महिलाओं को अपने पक्ष में लाने की कोशिश कर रहे हैं।
नीतीश कुमार की सरकार ने महिलाओं के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं, जिनमें स्कूल जाने वाली लड़कियों को मुफ्त साइकिल देना और स्नातक करने वाली लड़कियों को 50 हजार रुपये की मदद देना शामिल है। इन योजनाओं के कारण महिलाओं में नीतीश कुमार की सरकार का अच्छा समर्थन है। नीतीश कुमार जानते हैं कि महिला वोटरों को अपनी तरफ करने से चुनावी परिणाम पर सकारात्मक असर पड़ सकता है।
राजद का तंज : क्या अब ये अंतिम यात्रा होगी
राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की यात्रा पर कटाक्ष करते हुए कहा कि झारखंड विधानसभा चुनाव के परिणाम से साफ संकेत मिलता है कि बिहार में भी एनडीए की सरकार का पतन हो सकता है। तिवारी ने कहा कि अब नीतीश कुमार के लिए किसी भी यात्रा का कोई फायदा नहीं है। उनका कहना है कि नीतीश कुमार ने पिछले 20 वर्षों में कई यात्राएं कीं, लेकिन उससे कोई ठोस परिणाम नहीं निकला।
राजद का यह भी आरोप है कि नीतीश कुमार की सरकार ने जनता की गाढ़ी कमाई का गलत इस्तेमाल किया और अब जनता को इसका हिसाब देना चाहिए। तिवारी ने यह भी कहा कि नीतीश कुमार की यह यात्रा उनके राजनीतिक जीवन की अंतिम यात्रा हो सकती है, क्योंकि अब चुनावी वर्ष है और चुनावों में जनता ने अपना मूड बदल लिया है।
‘महिला संवाद यात्रा’ का चुनावी प्रभाव
नीतीश कुमार की ‘महिला संवाद यात्रा’ का असर बिहार के आगामी विधानसभा चुनावों पर पड़ सकता है। महिलाओं को अपनी तरफ लाकर नीतीश कुमार अपनी चुनावी स्थिति को मजबूत करने की कोशिश करेंगे। बिहार में महिलाओं के लिए कई योजनाएं पहले से चल रही हैं, जिनका लाभ उन्हें मिलता रहा है। उदाहरण के लिए, लड़कियों के लिए मुफ्त साइकिल योजना और स्नातक के बाद 50 हजार रुपये की मदद देने जैसी योजनाएं काफी चर्चित रही हैं। इन योजनाओं का असर अगले चुनावों में भी दिख सकता है।
बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर सियासत तेज हो गई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ‘महिला संवाद यात्रा’ से जहां महिलाओं को अपनी सरकार के पक्ष में लाने की कोशिश की जाएगी, वहीं विपक्षी दलों ने इस यात्रा को लेकर सवाल खड़े किए हैं। राजद ने इसे नीतीश कुमार की अंतिम यात्रा करार दिया है, और आरोप लगाया है कि उन्होंने पिछले 20 वर्षों में कोई ठोस परिणाम नहीं दिया। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि नीतीश कुमार की यह यात्रा उन्हें चुनावी लाभ दिलाती है या नहीं।
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