अमृतसर। पंजाब के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल को जूठे बर्तन और टॉयलेट साफ करने की सजा सुनाई गई है। यह सजा उन्हें अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी रघुबीर सिंह ने सुनाई है। साथ ही उन्होंने शिरोमणि अकाली दल को यह आदेश दिया है कि तीन दिनों भीतर वे सुखबीर सिंह का इस्तीफा स्वीकार करें और अकाल तख्त को इसकी सूचना दें।
सुखबीर सिंह बादल के मामले को लेकर अकाल तख्त की ओर से पांच सिंह साहिबानों की बैठक हुई, जिसमें यह निर्णय लिए गए। सोमवार को सुखबीर सिंह बादल ने यह स्वीकार किया कि अकाली सरकार के दौरान डेरा प्रमुख राम रहीम को माफी दिलाने में उन्होंने अहम भूमिका निभाई थी। इसी मसले को लेकर सिंह साहिबानों ने बैठक बुलाई, जिसमें उन्हें और शिरोमणि अकाली दल सरकार के दौरान रहे अन्य कैबिनेट सदस्यों को धार्मिक दुराचार के आरोपों के लिए सजा सुनाई गई।
दो महीने पहले तनखैया करार किए गए थे
बता दें कि दो महीने पहले सुखबीर सिंह बादल को अकाल तख्त की ओर से तनखैया यानि धार्मिक दुराचार का दोषी करार दिया गया था। 2015 की अकाली सरकार के अन्य कैबिनेट सदस्यों एवं सुखबीर सिंह बादल को टॉयलेट और जूठे बर्तनों को साफ करने सहित कई अन्य धार्मिक दंड भी दिए गए। इतना ही नहीं, श्री अकाल तख्त सुखबीर सिंह के कृत्यों से इतनी दुखी है कि अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी रघुबीर सिंह ने शिरोमणि अकाली दल की कार्य समिति को तीन दिनों के भीतर बादल का इस्तीफा स्वीकार करने और अकाल तख्त साहिब को रिपोर्ट करने का आदेश दिया है। साथ ही आदेश के अनुसार, अकाली दल की कार्यसमिति को सदस्यता अभियान शुरू करने और 6 महीने के भीतर नए अध्यक्ष का चुनाव करने को भी कहा है।
क्या है मामला
दरअसल, विवादित सिख गुरु डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को बादल सरकार के दौरान माफी दी गई थी, इसी को ध्यान में रखते हुए अकाल तख्त ने बादल से फकर-ए-कौन की उपाधि भी छीन ली। साल 2007 सलाबतपुरा में राम रहीम ने गुरु गोविंद सिंह की तरह वेशभूषा धारण कर अमृत छकाने का लीला किया था। इसके बाद राम रहीम पर पुलिस केस दर्ज हुआ, लेकिन अकाली दल की सरकार ने राम रहीम का बचाव किया और मामला वापस ले लिया। इसके बाद अकाल तख्त ने राम रहीम को सिख पंथ से बाहर कर दिया।
इसके बाद बादल ने अपने प्रभाव से राम रहीम को माफी दिलवाई। इसी बात को लेकर बादल एवं उनके कैबिनेट सदस्यों को अकाल तख्त की नाराजगी झेलनी पड़ी। अब इसी मामले में बादल ने पांच सिंह साहिबानों के सामने कबूला है कि, हमसे बहुत भूलें हुई हैं। हमारी सरकार के दौरान बेअदबी की घटनाएं हुईं। हम दोषियों को सजा देने में नाकाम रहे, बेहबलकला गोलीकांड हुआ।
सेवा के दौरान बादल एवं कैबिनेट सदस्यों के गले में लटकी रहेंगी तख्ती
इसके बाद जत्थेदार ज्ञानी रघुबीर सिंह ने फैसला सुनाते हुए कहा कि अकाली दल प्रधान और डिप्टी सीएम रहते हुए सुखबीर ने कुछ ऐसे फैसले लिए, जिससे पंथक स्वरूप के अक्स को नुकसान पहुंचा है। इतना ही नहीं सेवा के दौरान बादल एवं कैबिनेट सदस्यों के गले में तख्ती भी लटकी रहेंगी।
इस तरह पूरी करेंगे सजा
सजा सुनाते हुए कहा गया कि 3 दिसंबर 2024 से दोपहर 12 बजे से 1 बजे तक स्वर्ण मंदिर के शौचालय की सफाई करेंगे। इसके बाद स्नान करके लंगर हॉल जाएंगे और 1 घंटे तक बर्तन धोएंगे। 1 घंटे शबद कीर्तन करेंगे। इस दौरान उनके गले में तख्ती लटकती रहेगी। दरबार में 2 दिन सेवा करने के बाद वह अगले 2-2 दिन केसगढ़ साहिब, दमदमा साहिब, मुक्तसर साहिब, फतेहगढ़ साहिब में सेवा करके अपनी सजा पूरी करेंगे।