Home » 55 घंटे के रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद भी नहीं बचा आर्यन, खेलते हुए बोरवेल में जा गिरा

55 घंटे के रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद भी नहीं बचा आर्यन, खेलते हुए बोरवेल में जा गिरा

कालीखड गांव के एक मैदान में खेलते समय आर्यन बोरवेल में गिर गया था। सूचना मिलते ही बचाव अभियान शुरू कर दिया गया था। रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान कई चुनौतियां थी। ठंड के कारण जमीन के नीचे पानी से बन रहे भाप के कारण बच्चे की गतिविधियां कैमरे में स्पष्ट नहीं दिखाई दे रही थी।

by Reeta Rai Sagar
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Follow Now

राजस्थान। राजस्थान के दौसा में 55 घंटे तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद भी 5 साल के आर्यन को नहीं बचाया जा सका। 150 फुट गहरे बोरवेल में गिरकर पांच वर्षीय बच्चे की मौत हो गई। बच्चे को बेहोशी की हालत में बोरवेल से रस्सी की मदद से बाहर निकाला गया और आनन-फानन में एम्बुलेंस से अस्पताल ले जाया गया।

बोरवेल तक कैसे पहुंचा आर्यन
9 दिसंबर, सोमवार को दोपहर करीब तीन बजे कालीखड गांव के एक मैदान में खेलते समय आर्यन बोरवेल में गिर गया था, जिसके एक घंटे बाद ही बचाव अभियान शुरू कर दिया गया था। सरकारी जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी दीपक शर्मा ने कहा, बच्चे को यहां लाया गया था, हमने दो बार ईसीजी किया, लेकिन बच्चा पहले ही मर चुका था।

कैसे हुआ रेस्क्यू ऑपरेशन
रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान एक पाइप के जरिए बोरवेल के भीतर उसे ऑक्सीजन की आपूर्ति की गई थी और उसकी स्थिति की निगरानी के लिए बोरवेल में एक कैमरा डाला गया था। बच्चे तक पहुंचने के लिए ड्रिलिंग मशीनों का उपयोग कर, एक समानांतर गड्ढा खोदा गया था।

भूमिगत भाप से बच्चे की एक्टिविटी पर नजर रखना मुश्किल
मौके पर रेस्क्यू ऑपरेशन कर रही National Disaster Response Force (NDRF) की टीम ने ऑपरेशन के दौरान कई चुनौतियों की सूचना दी, जिसमें जल स्तर लगभग 160 फीट होने का अनुमान लगाया गया। ठंड के कारण जमीन के नीचे पानी से बन रहे भाप के कारण बच्चे की गतिविधियां कैमरे में स्पष्ट नहीं दिखाई दे रही थी। बचाव कर्मचारियों के लिए सुरक्षा भी एक बाधा थीं।

जिला कलेक्टर ने कहा, पुरानी मशीन खराब हो गई

इससे पहले, जिला कलेक्टर देवेंद्र कुमार ने पुष्टि की थी कि पिछली मशीन खराब होने के बाद एक नई मशीन बचाव कार्य के लिए लाई गई है। कलेक्टर ने कहा कि “मशीन खराब हो गई थी, हमारी दूसरी मशीन आ गई है… हमारा रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। जब तक बच्चे को बाहर नहीं निकाल लिया जाता तब तक बचाव अभियान जारी रहेगा।

पहले भी हो चुका है ऐसा हादसा

इससे पहले सितंबर में दौसा के बांदीकुई इलाके में भी 35 फुट खुले बोरवेल से दो साल की बच्ची को एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की मदद से 18 घंटे के बचाव अभियान के बाद बाहर निकाला गया था। लड़की 28 फीट की गहराई में फंस गई थी, और उसे बचाने के लिए एक समानांतर गढ्ढा खोदा गया था और फिर बच्ची बाहर निकाला गया था।

Related Articles