रांची : झारखंड में आदिवासियों के अधिकारों को लेकर राजनीतिक घमासान तेज हो गया है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शनिवार को हेमंत सोरेन सरकार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि राज्य में आदिवासियों के अधिकार खतरे में हैं।
पाकुड़ में सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे का मामला
भाजपा ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में पाकुड़ में सरकारी जमीन पर हो रहे अवैध निर्माण का मुद्दा उठाया। मांझी-पहाड़िया समुदाय ने आरोप लगाया कि “मेला” के बहाने उनकी जमीन पर कब्जा करने की साजिश रची जा रही है। भाजपा ने सवाल किया कि सरकार और प्रशासन इस मामले में चुप क्यों हैं।
भाजपा का सवाल
क्या आदिवासी अपनी ही जमीन पर पराये बन जाएंगे?
सरकारी जमीन पर कब्जा रोकने में प्रशासन क्यों विफल है?
अवैध निर्माण पर सख्त कार्रवाई कब होगी?
भाजपा ने कहा कि हेमंत सरकार की चुप्पी ने इन अवैध कार्यों को बढ़ावा दिया है। जनता को अब सरकार से जवाब मांगना चाहिए।
छात्रवृत्ति और राशन का मुद्दा
प्रदेश भाजपा ने एक अन्य सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से राज्य में एसटी, एससी, और ओबीसी वर्ग के बच्चों की छात्रवृत्ति में हो रही देरी का मुद्दा उठाया।
भाजपा के आरोप
झारखंड में 34 लाख से अधिक एसटी, एससी, और ओबीसी वर्ग के बच्चों को पिछले 9 महीने से छात्रवृत्ति नहीं मिली। 20 लाख ग्रीन राशन कार्ड धारक परिवार 7 महीने से राशन का इंतजार कर रहे हैं। भाजपा ने सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि यह “आदिवासी कल्याण” और “गरीबों का हक दिलाने” का दावा करने वाली सरकार का असली चेहरा है।
भाजपा की मांग
सरकारी जमीन पर हो रहे अवैध निर्माण पर सख्त कार्रवाई की जाए।
आदिवासियों के अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।
छात्रवृत्ति और राशन जैसी योजनाओं में हो रही देरी को तुरंत दूर किया जाए।