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V Narayanan : ISRO के नए प्रमुख के रूप में वी नारायणन की नियुक्ति, जानें उनकी उपलब्धियों और करियर के बारे में

by Rakesh Pandey
V Narayanan
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नई दिल्ली: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के नए प्रमुख के रूप में वी नारायणन की नियुक्ति की घोषणा मंगलवार को की गई। उन्होंने एस सोमनाथ की जगह ली है और 14 जनवरी, 2025 से अपना पद संभालेंगे। इसके साथ ही उन्हें अंतरिक्ष विभाग का सचिव भी नियुक्त किया गया है। इस आदेश के अनुसार, वी नारायणन को दो साल की अवधि के लिए या अगले आदेश तक अंतरिक्ष विभाग के सचिव और अंतरिक्ष आयोग के अध्यक्ष के रूप में सेवा देने की मंजूरी दी गई है।

करियर में 40 साल का अनुभव

वी नारायणन, जिन्हें रॉकेट और अंतरिक्ष यान प्रणोदन के क्षेत्र में गहरा अनुभव है, का करियर लगभग 40 साल पुराना है। उन्होंने भारतीय अंतरिक्ष संगठन (ISRO) में कई महत्वपूर्ण भूमिकाओं में कार्य किया है और उनके नेतृत्व में ISRO ने कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं को सफलता से पूरा किया है। नारायणन का विशेषज्ञता क्षेत्र रॉकेट और अंतरिक्ष यान प्रणोदन है, और उनका योगदान भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम में उल्लेखनीय रहा है।

रॉकेट विकास में महत्वपूर्ण योगदान

वी नारायणन ने विशेष रूप से GSLV Mk III (गांधीजी सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल) के C25 क्रायोजेनिक प्रोजेक्ट पर काम किया है, जो भारत के अंतरिक्ष मिशनों के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि साबित हुआ। वह इस प्रोजेक्ट के प्रोजेक्ट डायरेक्टर रहे हैं, और उनके नेतृत्व में टीम ने GSLV Mk III के एक महत्वपूर्ण घटक C25 स्टेज को सफलतापूर्वक विकसित किया।

प्रारंभिक करियर और प्रमुख योगदान

नारायणन का ISRO के साथ जुड़ाव 1984 में हुआ, और उन्होंने भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम की कई अहम परियोजनाओं में अपना योगदान दिया। शुरुआती दिनों में उन्होंने विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (VSSC) में साउंडिंग रॉकेट और उपग्रह प्रक्षेपण यान (ASLV) और ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (PSLV) के ठोस प्रणोदन क्षेत्र में कार्य किया।

साल 1989 में, उन्होंने IIT-खड़गपुर से क्रायोजेनिक इंजीनियरिंग में एम.टेक की डिग्री प्राप्त की और इसके बाद उन्होंने लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम्स सेंटर (LPSC) में क्रायोजेनिक प्रणोदन के क्षेत्र में कार्य करना शुरू किया।

एलपीएससी के निदेशक के रूप में कार्य

अब तक नारायणन लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम्स सेंटर (LPSC) के निदेशक के रूप में कार्य कर रहे थे, जो ISRO का एक प्रमुख केंद्र है और इसका मुख्यालय तिरुवनंतपुरम के वलियामाला में स्थित है। इसके अलावा, एलपीएससी की एक यूनिट बैंगलोर में भी है। एलपीएससी में अपने कार्यकाल के दौरान, नारायणन ने कई अहम मिशनों के लिए प्रणोदन प्रणालियों के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

नारायणन की विशेषज्ञता और उनके द्वारा किए गए कार्यों से यह स्पष्ट है कि उन्होंने ISRO के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनकी नियुक्ति से यह अपेक्षा की जा रही है कि वह ISRO के प्रमुख मिशनों के सफलता की दिशा में और तेजी से काम करेंगे और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में नई ऊंचाइयां छूने में मदद करेंगे।

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