पटना : कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास पर राजद सुप्रीमो लालू यादव से मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान आरजेडी के प्रमुख नेता भी मौजूद थे। राहुल गांधी का इस यात्रा के दौरान विशेष स्वागत किया गया, जिसमें लालू यादव ने उन्हें बिहार की पारंपरिक व्यंजन चूड़ा और हरा चना भी खिलाया। इसके बाद, राहुल गांधी को लालू यादव ने अपनी गौशाला और मंदिर का दौरा भी कराया।
पारंपरिक स्वागत और बातचीत
राहुल गांधी का स्वागत पारंपरिक तरीके से किया गया, जिसमें चूड़ा और हरा चना प्रमुख रूप से परोसा गया। तेजस्वी यादव ने मीडिया से बात करते हुए इस भोज का महत्व समझाया और कहा कि यह बिहारी संस्कृति का हिस्सा है। हालांकि, तेजस्वी ने यह भी कहा कि उनकी मुलाकात के दौरान हुई चर्चाओं को सार्वजनिक रूप से साझा नहीं किया जाएगा, लेकिन इस मुलाकात को राजनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
कांग्रेस और राजद के रिश्तों को और मजबूत करना
राहुल गांधी का बिहार दौरा एक महत्वपूर्ण राजनीतिक संदर्भ में हो रहा है। बिहार में इन दिनों राजद का प्रभाव बढ़ता जा रहा है, विशेषकर तेजस्वी यादव के नेतृत्व में। राहुल गांधी की यह यात्रा कांग्रेस और राजद के बीच संबंधों को और प्रगाढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है। बिहार में 2025 में होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर यह मुलाकात रणनीतिक दृष्टिकोण से देखी जा रही है, जिससे यह संकेत मिलता है कि कांग्रेस राजद के साथ अपने गठबंधन को और मजबूत करने का इरादा रखती है।
बिहार की राजनीति में पावर ट्रांसफर
राहुल गांधी का यह दौरा ऐसे समय में हुआ है जब आरजेडी में पावर का संक्रमण तेजस्वी यादव की ओर हो रहा है। लालू यादव, जिन्होंने पार्टी की कमान संभाल रखी है, अब धीरे-धीरे अपनी भूमिका को छोटे कर रहे हैं, और तेजस्वी को आगे लाने के संकेत दिए जा रहे हैं। राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की यह मुलाकात इस बदलाव को और स्पष्ट करती है। अंदर की चर्चाओं के मुताबिक, यह मुलाकात बिहार की राजनीतिक दिशा और दशा तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। इसके असर को समय के साथ राजनीतिक गलियारों में महसूस किया जाएगा।
राहुल गांधी का बिहार दौरा और न्याय का अधिकार रैली
राहुल गांधी ने इस दौरान पटना में आयोजित ‘न्याय का अधिकार’ रैली को भी संबोधित किया। इस रैली में राहुल गांधी ने बिहार की राजनीति और जातीय गणना के मुद्दे पर जमकर हमला बोला। उन्होंने जातीय गणना को पूरी तरह से फर्जी बताते हुए NDA सरकार पर निशाना साधा। इसके अलावा, राहुल ने बिहार में शिक्षा व्यवस्था और रोजगार के अवसरों को लेकर भी तीखी आलोचना की। उन्होंने कहा कि बिहार में युवाओं को रोजगार मिलना मुश्किल हो गया है और राज्य में महंगाई के कारण गरीब लोग लगातार परेशान हो रहे हैं।
2025 विधानसभा चुनावों की रणनीति
राहुल गांधी और तेजस्वी यादव के बीच हो रही इस मुलाकात को एक लंबी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है, जो 2025 के विधानसभा चुनावों को लेकर बन रही है। इस दौरे के दौरान कांग्रेस और राजद के बीच आपसी समझ और सहयोग को मजबूत करने के संकेत मिले हैं। बिहार के राजनीतिक हालात में तेजी से हो रहे बदलावों को देखते हुए, इस यात्रा को भविष्य में और भी महत्वपूर्ण माना जा सकता है, जिससे बिहार की राजनीति में कांग्रेस और राजद के गठबंधन का असर साफ दिखाई दे सकता है।
इस मुलाकात से यह साफ है कि कांग्रेस बिहार में राजद के साथ अपने रिश्तों को और मजबूत करना चाहती है, और यह दोनों पार्टियों के लिए आगामी चुनावों के लिहाज से एक रणनीतिक कदम हो सकता है।