सेंट्रल डेस्क। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को दिल्ली दंगों के मामले में आरोपी मोहम्मद ताहिर हुसैन को पुलिस की निगरानी में आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए कस्टडी पैरोल दे दिया है। यह पैरोल उन्हें दिल्ली विधानसभा चुनाव में प्रचार करने के लिए दिया गया है।
इस तरह पूरी करेंगे पैरोल अवधि
अदालत की ओर से यह कस्टडी पैरोल सशर्त दी गई है। जिसके तहत हुसैन को रोजाना सुबह 6 बजे जेल से बाहर आने की अनुमति दी जाएगी और शाम 6 बजे तक वापस आना होगा। यह पैरोल 3 फरवरी तक प्रभावी रहेगी।
साथ रहने वाले पुलिस अधिकारियों का भी उठाना होगा खर्च
सुप्रीम कोर्ट ने पैरोल के साथ दिए निर्देश में कहा है कि हुसैन अपनी हिरासत पैरोल से संबंधित सभी खर्चों को कवर करने के लिए स्वंय जिम्मेदार होंगे। जिसमें उनके साथ रहने वाले दिल्ली पुलिस के अधिकारियों का खर्च भी शामिल है, साथ ही जेल वैन और एस्कॉर्ट सेवाओं पर होने वाले खर्च भी शामिल है।
अदालत ने कहा कि 12 घंटे के लिए आवश्यक खर्च जमा होने के बाद हुसैन को जेल मैनुअल के अनुसार जेल से रिहा कर दिया जाएगा। गौरतलब है कि हुसैन फरवरी 2020 के दिल्ली दंगों में एक प्रमुख आरोपी है, जिसमें 53 लोगों की जान चली गई थी और उत्तर-पूर्वी दिल्ली में कई घायल हो गए थे। उसके खिलाफ दर्ज कई मामलों में से एक इंटेलिजेंस ब्यूरो के कर्मचारी अंकित शर्मा की मौत से संबंधित है।
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को दिल्ली पुलिस से कहा कि वह उसे उन सुरक्षा उपायों से अवगत कराए, जिनकी जरूरत 2020 के राष्ट्रीय राजधानी दंगों के आरोपी ताहिर हुसैन को हिरासत पैरोल के तहत प्रचार करने की अनुमति देने पर होगी। असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) ने हुसैन को मुस्तफाबाद निर्वाचन क्षेत्र से उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतारा है।
पैरोल के दौरान होने वाले खर्च का मांगा ब्यौरा
जस्टिस विक्रम नाथ की अध्यक्षता वाली पीठ आम आदमी पार्टी (आप) के पूर्व पार्षद की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले प्रचार करने के लिए अंतरिम जमानत की मांग की गई थी। पीठ ने दिल्ली पुलिस की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एसवी राजू से कहा कि ताहिर हुसैन को हिरासत में पैरोल दिए जाने पर कितने सुरक्षाकर्मियों की आवश्यकता होगी और इस पर कितना खर्च आएगा।
नहीं जा सकेंगे अपने आवास
ताहिर हुसैन की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ अग्रवाल ने कहा कि चुनाव प्रचार के लिए 3-4 दिनों का सीमित समय बचा है और वह हिरासत में पैरोल देने के लिए अपनी याचिका को प्रतिबंधित कर रहे हैं। अग्रवाल ने कहा कि ताहिर हुसैन अपने आवास से दूर रहेंगे। वे एक होटल में रह सकते है, जिसका विवरण उन्हें देना होगा।
दूसरे पक्ष ने किया पैरोल का विरोध
इसका विरोध करते हुए एएसजी राजू ने कहा कि ताहिर हुसैन को राहत देने से ‘गलत परंपरा’ शुरू होगी क्योंकि इसके बाद हर कैदी जेल से बाहर आने के लिए चुनाव लड़ने के लिए नामांकन दाखिल करेगा।