

सेंट्रल डेस्क, नई दिल्ली: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) की टीम ने रिश्वत लेकर उच्च शिक्षण संस्थानों को नैक ग्रेडिंग देने के मामले में अपनी जांच का दायरा बढ़ा दिया है। अब तक इस मामले में झारखंड के पलामू समेत देशभर में 20 ठिकानों पर छापेमारी कर 10 लोगों को गिरफ्तार किया है। जानकारी के अनुसार इस मामले में अब तक कुल 14 लोग नामजद किए गए हैं। गिरफ्तार किए गए लोगों से पूछताछ के बाद इस रैकेट में शामिल कई और नाम सामने आ सकते हैं। सीबीआई कई अहम सुराग की तलाश कर रही हैं।

झारखंड और ओड़िशा में सक्रिय था रैकेट, कुछ चुनिंदा लोगों को ही दी जाती थी नैक टीम में जगह

सीबीआई की ओर से अब तक की जांच में पता चला है कि पैसे लेकर ग्रेडिंग बढ़ाने का बड़ा रैकेट झारखंड और ओड़िशा को केंद्र बनाकर संचालित किया जा रहा था। नैक की बेहतर ग्रेडिंग प्राप्त करने के लिए टीम में जानबूझकर कुछ चुनिंदा लोगों को ही निरीक्षण के लिए जाने वाली टीमों में शामिल किया जाता था।

इस संबंध में सीबीआई की टीम ने पलामू जिले के रामचन्द्र चंद्रवंशी विश्वविद्यालय में देर रात तक छापेमारी की। रामचन्द्र चंद्रवंसी विश्वविद्यालय के कुलपति व एनएएसी निरीक्षण समिति के अध्यक्ष समरेंद्र नाथ साहा को भी सीबीआइ ने गिरफ्तार किया है। इस दौरान सीबीआइ के साथ-साथ नैक की टीम ने विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार देवाशाीष मंडल पूछताछ की। देवाशीष ने टीम को बताया कि कुलपति की गिरफ्तारी मामले में आरसीयू का कोई लेना देना नहीं है। वहीं ओडिशा के संबलपुर विश्वविद्यालय के लाइब्रेरी साइंस विभाग के मुख्य प्रोफेसर डा. बुलु महारणा को गिरफ्तार कर उनके आवास को सील कर दिया गया है। बताया गया है कि प्रोफेसर डा. महारणा दिल्ली विश्वविद्यालय एनएएसी टीम के साथ गुंटूर गए थे। उन पर रिश्वत लेने का आरोप है।
सीबीआइ ने एनएएसी टीम के सदस्यों और केएलयू अधिकारियों सहित 10 आरोपितो को गिरफ्तार किया है। इसमें आंध्र प्रदेश के गुंटूर के वड्डेश्वरम में एनएएसी निरीक्षण टीम के सदस्यों और कोनेरू लक्ष्मैया एजुकेशन फाउंडेशन (केएलईएफ) के पदाधिकारी भी शामिल हैं। सीबीआइ ने केएलईएफ पदाधिकारियों और एनएएसी निरीक्षण टीम के सदस्यों के खिलाफ मामला दर्ज किया। जिसमें आरोप लगाया गया कि नैक ग्रेडिंग हासिल करने के लिए लोक सेवकों को अनुचित लाभ दिया गया।
इसके बाद सीबीआइ ने चेन्नई, बेंगलुरु, विजयवाड़ा, पलामू, संबलपुर, भोपाल, बिलासपुर, गौतमबुद्ध नगर और नई दिल्ली सहित पूरे भारत में 20 स्थानों पर छापेमारी की। इस दौरान सीबीआइ ने 37 लाख नकद, छह लेनोवो लैपटाप, एक आइ फोन 16 प्रो मोबाइल, एक सोने का सिक्का व अमेरिकन टूरिस्टर ट्राली बरामद की है। इसके साथ ही नैक ग्रेडिंग से संबंधित दस्तावेज भी बरामद किए गए हैं। दरअसल, यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन ग्रेडिंग के आधार पर राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान रूसा के तहत विभिन्न उच्च शिक्षण संस्थानों को अनुदान देती है। रिश्वत लेकर मनमाना ग्रेडिंग देने का मामला प्रकाश में आने के बाद से सीबीआइ ने कार्रवाई की है। दिल्ली सीबीआइ द्वारा जारी प्रेस रिलीज में उक्त जानकारी दी गई है। 14 लोगों पर नामजद प्राथमिकी भी दर्ज की गई है।
गिरफ्तार आरोपित
- जीपी. सारधी वर्मा – कुलपति, कोनेरू लक्ष्मैया एजुकेशन फाउंडेशन (केएलईएफ), गुंटूर, आंध्र प्रदेश
- कोनेरू राजा हरेन – उपाध्यक्ष, केएलईएफ
- ए. रामकृष्ण – निदेशक, केएल विश्वविद्यालय, हैदराबाद परिसर
- .समरेंद्र नाथ साहा – कुलपति, रामचन्द्र चंद्रवंसी विश्वविद्यालय, अध्यक्ष, एनएएसी निरीक्षण समिति
- राजीव सिजारिया – प्रोफेसर, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू), दिल्ली, सदस्य समन्वयक, एनएएसी निरीक्षण समिति
- डा. डी. गोपाल – डीन, भारत इंस्टीट्यूट ऑफ लॉ, सदस्य, एनएएसी निरीक्षण समित
- राजेश सिंह पवार – डीन, जागरण लेकसिटी यूनिवर्सिटी, भोपाल, सदस्य, नैक निरीक्षण समिति
- मानस कुमार मिश्रा – निदेशक, जीएल बजाज इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलाजी एंड मैनेजमेंट, सदस्य, एनएएसी निरीक्षण समिति
- गायत्री देवराज – प्रोफेसर, दावणगेरे विश्वविद्यालय, सदस्य, एनएएसी निरीक्षण समिति
10. डा. बुलु महराना – प्रोफेसर, संबलपुर विश्वविद्यालय, सदस्य, एनएएसी निरीक्षण समिति
नामजद आरोपित
- कोनेरू सत्यनारायण – अध्यक्ष, केएलईएफ
- जी. पी. सारधी वर्मा – कुलपति, केएलईएफ
- कोनेरू राजा हरेन – उपाध्यक्ष, केएलईएफ
- ए. रामकृष्ण – निदेशक, केएल विश्वविद्यालय, हैदराबाद परिसर
- डा. एल. मंजूनाथ राव – पूर्व उप सलाहकार, एनएएसी
- एम. हनुमंथप्पा – प्रोफेसर और निदेशक (आईक्यूएसी-एनएएसी), कंप्यूटर विज्ञान और अनुप्रयोग विभाग, बैंगलोर विश्वविद्यालय, बैंगलोर
- एम. एस. श्यामसुंदर – सलाहकार, एनएएसी, बैंगलोर
- समरेन्द्र नाथ साहा – कुलपति, रामचन्द्र चन्द्रवंसी विश्वविद्यालय, अध्यक्ष, नैक निरीक्षण समिति
- राजीव सिजारिया – प्रोफेसर, जेएनयू, दिल्ली, सदस्य समन्वयक, एनएएसी निरीक्षण समिति
- डा. डी. गोपाल – डीन, भारत इंस्टीट्यूट ऑफ लॉ, सदस्य, एनएएसी निरीक्षण समिति
- राजेश सिंह पवार – डीन, जागरण लेकसिटी यूनिवर्सिटी, भोपाल, सदस्य, नैक निरीक्षण समिति
- मानस कुमार मिश्रा – निदेशक, जीएल बजाज इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट, सदस्य, एनएएसी निरीक्षण समिति
- गायत्री देवराज – प्रोफेसर, दावणगेरे विश्वविद्यालय, सदस्य, एनएएसी निरीक्षण समिति
- डा. बुलु महराना – प्रोफेसर, संबलपुर विश्वविद्यालय, सदस्य, एनएएसी निरीक्षण समिति
