कुलगाम (कश्मीर): जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले में आतंकियों ने रिटायर्ड फौजी के परिवार को निशाना बनाते हुए उन पर हमला किया। इस हमले में रिटायर्ड फौजी मंजूर अहमद वागे, उनकी पत्नी और बेटी को गोली लगी है, जिससे तीनों घायल हो गए। यह घटना दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले के बेहिबाग क्षेत्र में हुई। घटना के तुरंत बाद स्थानीय सुरक्षा बलों ने इलाके की घेराबंदी कर दी और आतंकियों की तलाश शुरू कर दी है।
हमला कैसे हुआ?
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, आतंकियों ने रिटायर्ड फौजी मंजूर अहमद वागे के घर में घुसकर उन पर फायरिंग की। इस हमले में उनके साथ उनकी पत्नी और बेटी भी घायल हो गए। घायलों को तत्काल नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी हालत गंभीर बनी हुई है। डॉक्टरों की एक विशेष टीम द्वारा पूरे परिवार का इलाज किया जा रहा है और सुरक्षा बलों ने इस आतंकी हमले के बाद इलाके में सघन तलाशी अभियान शुरू कर दिया है।
रिटायर्ड फौजी की पहचान
घायल रिटायर्ड फौजी की पहचान बेहिबाग कुलगाम के रहने वाले मंजूर अहमद वागे के रूप में हुई है। वह भारतीय सेना से सेवानिवृत्त हो चुके थे और परिवार के साथ शांतिपूर्वक जीवन बिता रहे थे। उनके परिवार पर हुए इस हमले ने पूरे इलाके में दहशत का माहौल बना दिया है। यह हमला जम्मू और कश्मीर में रिटायर्ड फौजी और उनके परिवारों को निशाना बनाए जाने की एक और घटना है, जो सुरक्षा बलों और स्थानीय निवासियों के लिए चिंता का कारण बन चुका है।
सुरक्षा बलों की घेराबंदी
घटना के बाद सुरक्षा बलों ने पूरे इलाके की घेराबंदी कर दी और आतंकियों की तलाश शुरू कर दी है। आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई को तेज किया गया है और इलाके में तलाशी अभियान जारी है। स्थानीय पुलिस अधिकारी ने पुष्टि की है कि इस हमले में शामिल आतंकियों को जल्द ही पकड़ा जाएगा।
जम्मू और कश्मीर में रिटायर्ड फौजियों पर हमले का सिलसिला
यह पहली बार नहीं है जब जम्मू और कश्मीर में रिटायर्ड फौजी और उनके परिवारों को आतंकियों ने निशाना बनाया है। पिछले कुछ वर्षों में ऐसे कई हमले हुए हैं, जिनमें रिटायर्ड सैनिकों और उनके परिवारों को आतंकवादियों द्वारा शिकार बनाया गया। ये हमले विशेष रूप से उन व्यक्तियों को निशाना बनाते हैं जो भारतीय सेना से सेवानिवृत्त हो चुके होते हैं, क्योंकि उनका मानना होता है कि ये लोग सुरक्षा बलों के सहयोगी होते हैं।
इन हमलों के पीछे आतंकियों का उद्देश्य सुरक्षा बलों के खिलाफ स्थानीय जनसमर्थन को कमजोर करना होता है, लेकिन ये हमले हमेशा न केवल सुरक्षा बलों के खिलाफ बल्कि पूरे समाज के लिए खतरनाक साबित होते हैं।
सरकार और सुरक्षा बलों की ओर से प्रतिक्रिया
सुरक्षा बलों और जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने इस हमले की कड़ी निंदा की है और आतंकवादियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने का वादा किया है। सरकार ने भी इस घटना की जांच शुरू कर दी है और आतंकवादियों को शीघ्र पकड़ने का आश्वासन दिया है।
इस घटना ने एक बार फिर से यह सवाल खड़ा कर दिया है कि कैसे जम्मू और कश्मीर में आतंकवादियों द्वारा रिटायर्ड फौजी और उनके परिवारों को निशाना बनाया जा रहा है। यह न केवल सुरक्षा बलों के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए एक बड़ी चुनौती है, क्योंकि इन हमलों का उद्देश्य नागरिकों और उनके परिवारों में भय का माहौल बनाना होता है।
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