रांची : झारखंड के पूर्व भाजपा विधायक अनंत ओझा ने बांग्लादेशी घुसपैठ के मुद्दे पर लगातार आवाज उठाई है, जिसके कारण उन्हें अब जान का खतरा महसूस हो रहा है। उन्होंने राज्य के डीजीपी अनुराग गुप्ता को एक पत्र लिखा है, जिसमें अपनी जान की सुरक्षा के लिए वाई श्रेणी की सुरक्षा की मांग की है। ओझा का कहना है कि बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ उनके आंदोलन के बाद उन्हें पहले भी धमकियां मिली हैं और अब भी उन्हें लगातार जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं।
आतंकी मुद्दे पर उठाई आवाज, धमकियां बढ़ीं
अनंत ओझा ने पत्र में लिखा कि उन्होंने हाल ही में आतंकवाद से संबंधित मुद्दे को सोशल मीडिया पर उठाया था, जिसके बाद उन्हें धमकी भरे फोन कॉल्स आए थे। उन पर गाली-गलौज भी की गई और जान से मारने की धमकियां दी गईं। ओझा ने बताया कि तीन दिन पहले ही उन्हें एक फोन कॉल आया था, जिसमें उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी गई। इसके बाद उन्होंने इस संबंध में स्थानीय थाना और साहेबगंज एसपी को लिखित शिकायत भी दी है।
राजनीतिक और सामाजिक कार्यों के लिए सुरक्षा की अपील
ओझा ने अपने पत्र में बताया कि वह राजनीतिक और सामाजिक कार्यों के लिए राज्य भर में आते-जाते रहते हैं, और ऐसे में उनकी और उनके परिवार की सुरक्षा को सुनिश्चित करना बेहद जरूरी है। उन्होंने डीजीपी से अपील की है कि उनकी सुरक्षा को मजबूत किया जाए ताकि वह अपने सामाजिक और राजनीतिक कार्यों को सुचारू रूप से कर सकें।
बीते समय की सुरक्षा व्यवस्था और वर्तमान स्थिति
पूर्व भाजपा विधायक अनंत ओझा ने बताया कि विधायक रहते हुए उनके पास दो बॉडीगार्ड और चार हाउस गार्ड थे, लेकिन चुनाव हारने के बाद उनकी सुरक्षा में कमी आई है। अब उनके पास केवल एक बॉडीगार्ड है। इसलिए उन्होंने वाई श्रेणी सुरक्षा की मांग की है, ताकि उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
सुरक्षा पर बढ़ी चिंता
अनंत ओझा के मुताबिक, उनका बांग्लादेशी घुसपैठियों और आतंकवाद के खिलाफ उठाया गया मुद्दा कई शक्तियों को खटक सकता है, जिससे उनकी सुरक्षा खतरे में आ सकती है। उन्होंने अपनी सुरक्षा को लेकर डीजीपी से तुरंत कार्रवाई की उम्मीद जताई है।