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UPI is taxable or not : क्या आप UPI यूज कर रहे हैं, जानिए टैक्स से जुड़े जरूरी नियम, कहीं भरना ना पड़ जाए जुर्माना

UPI से पेमेंट करना जितना आसान है, उतना ही जरूरी है इसके टैक्स नियमों को समझना, वरना आप अनजाने में इनकम टैक्स विभाग के रडार पर आ सकते हैं।

by Rakesh Pandey
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नई दिल्ली: डिजिटल इंडिया अभियान के तहत यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) ने पैसों के लेन-देन को बेहद आसान और तेज़ बना दिया है। आज ज्यादातर लोग कैश की जगह मोबाइल से सीधे पैसे भेजना पसंद करते हैं और इसमें UPI सबसे भरोसेमंद माध्यम बन चुका है। चाहे दोस्तों को पैसे ट्रांसफर करना हो या दुकान पर पेमेंट करना हो, बस एक क्लिक में सब हो जाता है। हालांकि, जितना आसान ये तरीका है, उतना ही जरूरी है इसके टैक्स नियमों को समझना, वरना आप अनजाने में इनकम टैक्स विभाग के रडार पर आ सकते हैं।

क्या UPI से ट्रांजैक्शन करने पर टैक्स कटता है?

जवाब है– नहीं, सीधे तौर पर UPI ट्रांजैक्शन पर कोई टैक्स या शुल्क नहीं लगता। आप जितनी बार चाहें, जितनी रकम चाहें, भेज सकते हैं या ले सकते हैं। लेकिन कुछ खास स्थितियों में, ये ट्रांजैक्शन टैक्स के दायरे में आ सकते हैं।

इनकम टैक्स विभाग UPI ट्रांजैक्शन की निगरानी करता है, ताकि टैक्स नियमों का पालन सुनिश्चित किया जा सके। कुछ खास तरह के भुगतान या रसीदें आपकी टैक्सेबल इनकम मानी जा सकती हैं।

किन UPI ट्रांजैक्शन पर लगता है टैक्स?

गैर-रिश्तेदारों से उपहार:
अगर आपको किसी गैर-रिश्तेदार से एक वित्तीय वर्ष में 50,000 रुपये से ज्यादा का गिफ्ट UPI से मिलता है, तो उसे ‘अन्य स्रोतों से आय’ के तहत टैक्सेबल माना जाएगा।

जबकि रिश्तेदारों से मिलने वाला कोई भी गिफ्ट, चाहे कितनी भी रकम हो, टैक्स फ्री होता है।

कैशबैक और रिवॉर्ड्स:

अगर आप UPI से पेमेंट करने पर मिलने वाले कैशबैक या रिवॉर्ड्स का फायदा उठाते हैं, तो ध्यान दें सालभर में अगर ये रकम 50,000 रुपये से अधिक हो जाती है, तो यह भी टैक्स के दायरे में आ जाएगी।

यानी छोटी रकम पर टैक्स नहीं है, लेकिन अगर आपने अलग-अलग ऐप्स से कैशबैक और ऑफर्स में मोटी रकम पाई है, तो वह आपकी टैक्सेबल इनकम बन सकती है।

नियोक्ता से उपहार या वाउचर:

अगर आपके एम्प्लॉयर (नियोक्ता) की तरफ से आपको 5,000 रुपये सालाना से ज्यादा के गिफ्ट या वाउचर UPI के जरिए मिलते हैं, तो इसे आपकी सैलरी इनकम में जोड़ा जाएगा और उस पर टैक्स लगेगा।

बिजनेस रिवॉर्ड्स और इंसेंटिव:

अगर आप बिजनेस करते हैं और आपको किसी प्लेटफॉर्म या क्लाइंट से UPI के जरिए इनाम, इंसेंटिव या बोनस मिलता है, तो ये आपकी व्यवसायिक आय मानी जाएगी और इस पर टैक्स देना होगा।

1 लाख से ऊपर के ट्रांजैक्शन पर नज़र

आयकर विभाग ऐसे UPI ट्रांजैक्शन जो ₹1 लाख से ज्यादा हों, उनकी विशेष निगरानी करता है।
अगर आप कोई बड़ी रकम प्राप्त कर रहे हैं– चाहे वो गिफ्ट हो, पेमेंट हो या ट्रांसफर, तो यह जांच के दायरे में आ सकता है।

हालांकि कुछ ट्रांजैक्शन 5 लाख तक छूट के दायरे में आते हैं, जैसे कि IPO निवेश, बीमा भुगतान या टैक्स भरना।

किन ट्रांजैक्शन पर नहीं लगता टैक्स?

अगर किसी ने आपको लोन के रूप में रकम भेजी है, तो उस रकम पर टैक्स नहीं लगेगा।

लेकिन ध्यान रहे – लोन पर मिलने वाला ब्याज टैक्सेबल इनकम में आएगा।

इसी तरह, अगर आपको कोई राशि प्रतिपूर्ति (reimbursement) के रूप में मिल रही है, तो उस पर भी टैक्स नहीं लगेगा, बशर्ते उसका उचित दस्तावेज़ीकरण हो।

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