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Jamshedpur Cobra Found in School : जमशेदपुर के स्कूल में दहशत: कक्षा में फन फैलाए बैठे थे दो जहरीले कोबरा, शिक्षिका की सूझबूझ से टला बड़ा खतरा

by Anand Mishra
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Jamshedpur (Jharkhand) : झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले के गोलमुरी सह जमशेदपुर प्रखंड स्थित नूतनडीह प्राथमिक विद्यालय में आज सुबह एक ऐसा दृश्य देखने को मिला, जिसने शिक्षकों और छात्रों के होश उड़ा दिए। विद्यालय की एक कक्षा में दो-दो जहरीले कोबरा सांप कुंडली मारकर बैठे हुए पाए गए। गनीमत रही कि विद्यालय की सतर्क प्रभारी प्रधानाध्यापिका की त्वरित कार्रवाई से एक बड़ा हादसा टल गया और मासूम बच्चों की जान बच गई।

घटनाक्रम के अनुसार, शुक्रवार की सुबह जब विद्यालय की प्रभारी प्रधानाध्यापिका सीमा कुमारी कक्षा का ताला खोलने पहुंचीं, तो उन्हें दरवाजे के ठीक पास एक खतरनाक कोबरा कुंडली मारकर बैठा हुआ दिखाई दिया। जहरीले सांप को देखते ही उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। उन्होंने तत्काल स्थिति की गंभीरता को भांपते हुए बच्चों को कक्षा में प्रवेश करने से रोक दिया और सभी को सुरक्षित दूरी पर रहने की हिदायत दी।

प्रधानाध्यापिका सीमा कुमारी ने बिना देर किए विद्यालय प्रबंधन समिति के सदस्यों को सूचित किया और उन्हें तुरंत विद्यालय पहुंचने का आग्रह किया। प्रबंधन समिति के सदस्य भी तत्काल विद्यालय पहुंचे और कोबरा को कक्षा से बाहर निकालने की हर संभव कोशिश की गई। हालांकि, तमाम प्रयासों के बावजूद जहरीला सांप अपनी जगह से टस से मस नहीं हुआ। सांप को देखकर ऐसा लग रहा था जैसे उसने हाल ही में किसी बड़े चूहे को निगल लिया हो, जिसके कारण वह सुस्त पड़ा था।

स्थिति की नाजुकता को समझते हुए, प्रभारी प्रधानाध्यापिका सीमा कुमारी ने तुरंत एक स्नैक कैचर (सांप पकड़ने वाले) का नंबर पता किया। उन्होंने बारीडीह से विकास कुमार नामक एक अनुभवी स्नैक कैचर को बुलाया। इस कार्य में विद्यालय के सहायक शिक्षक शशांक महतो ने भी सक्रिय रूप से सहयोग किया। विकास कुमार कुछ ही देर में विद्यालय पहुंचे और उन्होंने बड़ी सावधानी और कुशलता से जहरीले कोबरा को सुरक्षित तरीके से पकड़ लिया। पकड़ने के बाद उसे एक डिब्बे में बंद कर विद्यालय से दूर ले जाया गया।

लेकिन कहानी यहीं खत्म नहीं हुई। जब विकास कुमार पहले कोबरा को पकड़कर ले जा रहे थे, तभी विद्यालय के अन्य शिक्षकों ने कक्षा के भीतर एक और कोबरा सांप को रेंगते हुए देखा। यह देखकर सभी और भी ज्यादा भयभीत हो गए। विकास कुमार को तुरंत वापस बुलाया गया और उन्होंने दूसरी बार भी अपनी कुशलता का परिचय देते हुए दूसरे जहरीले कोबरा को भी सुरक्षित रूप से पकड़ लिया।

प्रभारी प्रधानाध्यापिका सीमा कुमारी की सूझबूझ, त्वरित निर्णय लेने की क्षमता और बहादुरी की हर कोई प्रशंसा कर रहा है। उनकी तत्परता के कारण ही आज विद्यालय के मासूम बच्चे एक बड़े खतरे से बाल-बाल बच गए। यदि उन्होंने समय रहते कक्षा का दरवाजा खोलकर बच्चों को अंदर जाने दिया होता, तो एक अप्रिय घटना घट सकती थी।

इस घटना ने विद्यालय के शिक्षकों और अभिभावकों के बीच चिंता का माहौल पैदा कर दिया है। सवाल यह उठ रहा है कि आखिर दो-दो जहरीले कोबरा स्कूल की कक्षा में कैसे पहुंच गए। विद्यालय प्रबंधन अब यह पता लगाने की कोशिश कर रहा है कि कहीं विद्यालय के आसपास सांपों का कोई ठिकाना तो नहीं है। इसके साथ ही, विद्यालय की सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने पर भी विचार किया जा रहा है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।

जिला शिक्षा विभाग को भी इस घटना की सूचना दे दी गई है और उम्मीद है कि विभाग भी इस मामले को गंभीरता से लेगा और विद्यालयों में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश जारी करेगा। फिलहाल, नूतनडीह प्राथमिक विद्यालय में पठन-पाठन का कार्य रोक दिया गया है और विद्यालय परिसर की गहन जांच की जा रही है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कहीं और भी कोई जहरीला जीव-जंतु तो नहीं छिपा हुआ है।

यह घटना एक बार फिर यह सबक देती है कि हमें हमेशा सतर्क और जागरूक रहना चाहिए, खासकर बच्चों की सुरक्षा के मामले में किसी भी तरह की लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए। प्रधानाध्यापिका सीमा कुमारी ने जिस साहस और जिम्मेदारी का परिचय दिया है, वह वास्तव में सराहनीय है और दूसरों के लिए एक प्रेरणास्रोत है।

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