Jamshedpur : झारखंड सरकार द्वारा महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए चलाई जा रही मंईयां सम्मान योजना अब सवालों के घेरे में आ गई है। ताजा मामला पूर्वी सिंहभूम जिले के पोटका प्रखंड अंतर्गत कालिकापुर पंचायत का है, जहां योजना के लाभुकों की सूची में फर्जी दस्तावेजों के सहारे दूसरे राज्य की महिलाओं के नाम दर्ज पाए गए हैं।
पंचायत के मुखिया बाघराय सोरेन ने इस पूरे मामले को गंभीरता से लिया है और उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। मुखिया ने बताया कि प्रखंड कार्यालय से प्राप्त 480 लाभुकों की सूची में जांच के दौरान 27 ऐसी महिलाएं पाई गईं, जो पश्चिम बंगाल से संबंधित हैं और मुस्लिम समुदाय से आती हैं।

जब इन महिलाओं के मोबाइल नंबरों पर संपर्क करने की कोशिश की गई तो कई नंबर या तो गलत पाए गए या फिर कॉल रिसीव करने वाले लोग बंगाल से थे। जांच में यह भी सामने आया कि योजना में नाम दर्ज कराने के लिए फर्जी राशन कार्ड नंबरों का इस्तेमाल किया गया है।
मुखिया ने कहा कि उनके पंचायत क्षेत्र में एक भी मुस्लिम परिवार स्थायी रूप से निवास नहीं करता है, ऐसे में इन महिलाओं का सूची में नाम आना एक सुनियोजित फर्जीवाड़े की ओर इशारा करता है। उन्होंने राज्य सरकार से मांग की है कि मंईयां सम्मान योजना के सभी लाभुकों का भौतिक सत्यापन कराया जाए, ताकि असली लाभार्थियों को ही इसका फायदा मिल सके।