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District Topper: ठेले पर चाय-पकौड़ी बेचने वाले की बेटी बनी जिले की टॉपर, लीपा गोराई ने इंटरमीडिएट कला में झारखंड में पाया सातवां स्थान

लीपा ने बिना ट्यूशन के घर में पढ़ाई कर ये सफलता हासिल की है। उसके पिता कृष्णपद गोराई ठेला में पकौड़ी बेचते हैं। उसकी माता गृहिणी है। लीपा अपने परिवार की बड़ी बेटी है।

by Anurag Ranjan
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जमशेदपुर : संघर्षों से तपकर निकली सफलता की कहानी आज पूरे बहरागोड़ा ही नहीं, पूरे राज्य के लिए एक मिसाल बन गई है। लाल बहादुर शास्त्री प्लस टू उच्च विद्यालय, जयपुरा की छात्रा लीपा गोराई ने इंटरमीडिएट कला परीक्षा में 460 अंक (92%) प्राप्त कर झारखंड राज्य में सातवां स्थान और पूर्वी सिंहभूम जिले में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। उसकी इस सफलता ने बहरागोड़ा क्षेत्र में गर्व और खुशी की लहर दौड़ा दी है। एक ठेले वाले की बेटी ने यह साबित कर दिया कि सपने पूरे करने के लिए संसाधन नहीं, संकल्प चाहिए।

यह सिर्फ एक छात्रा की सफलता नहीं, बल्कि हर उस बेटी का सपना है जो संघर्षों के बीच भी आगे बढ़ने का जज्बा रखती है। लेकिन, लीपा की यह सफलता सिर्फ अंकों की नहीं, बल्कि हौसले, आत्मनिर्भरता और परिवार के संघर्ष की भी कहानी है।

पिता ठेले पर बेचते हैं चाय-पकौड़ी, बेटी ने बिना ट्यूशन की पढ़ाई

लीपा के पिता कृष्णपद गोराई जयपुरा गांव में ठेले पर चाय और पकौड़ी बेचते हैं। उनकी माता अपु गोराई गृहिणी हैं। सीमित संसाधनों के बावजूद, लीपा ने बिना किसी ट्यूशन के घर पर पढ़ाई की और इस बड़ी सफलता को हासिल किया।
लीपा अपने माता-पिता की बड़ी बेटी है और उसकी छोटी बहन सृष्टि अभी तीसरी कक्षा की छात्रा है। आर्थिक रूप से कमजोर परिवार से आने के बावजूद, लीपा ने कभी हार नहीं मानी। उन्होंने बताया कि मैट्रिक में भी उसने 85% अंक हासिल किए थे, लेकिन आर्थिक तंगी के कारण विज्ञान से पढ़ाई नहीं कर सकी।

अब लक्ष्य यूपीएससी : लीपा बनना चाहती है प्रशासनिक अधिकारी

लीपा गोराई ने कहा कि मेरे परिवार की आर्थिक स्थिति ने मुझे डॉक्टर या इंजीनियर बनने के सपनों से दूर कर दिया, लेकिन मैंने ठान लिया है कि मैं अब यूपीएससी की तैयारी कर प्रशासनिक सेवा में जाऊंगी।

उसने यह भी बताया कि विद्यालय के प्राचार्य आनंद कुमार मधुकर का विशेष मार्गदर्शन और प्रेरणा मिलता रहा। मधुकर सर पहले यूपीएससी ग्रामीण विद्यार्थियों को कोचिंग दे चुके हैं और अब भी वे ग्रामीण विद्यार्थियों को उच्च सपनों के लिए प्रेरित करते हैं।

विद्यालय बना उम्मीद की किरण

लीपा ने कहा कि मेरे प्राचार्य ने कहा है कि इंटर के बाद मुझे नि:शुल्क प्रतियोगिता परीक्षा की कोचिंग देंगे, ताकि मैं आगे चलकर यूपीएससी जैसी परीक्षाएं पास कर सकूं। स्कूल के सभी शिक्षक हमें प्रेरित और सहयोग करते हैं।

विद्यालय के प्राचार्य आनंद कुमार मधुकर ने भी बताया कि लीपा जैसे छात्र-छात्राएं पूरे समाज के लिए प्रेरणा हैं और विद्यालय का नाम रोशन कर रहे हैं। यह भी कहा कि वे पहले दिल्ली में यूपीएससी की कोचिंग में पढ़ा चुके हैं। वे चाहते हैं कि बहरागोड़ा क्षेत्र के विद्यार्थी भी आगे प्रशासनिक सेवा में जाएं, इसके लिए जो विद्यार्थी तैयारी करना चाहते हैं, उन्हें नि:शुल्क रूप से पढ़ाएंगे।

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